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क्यों होती है नींद की कमी, जानें स्लीप लॉस के 8 कारण

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/05/2021

    क्यों होती है नींद की कमी, जानें स्लीप लॉस के 8 कारण

    अगर दिन की शुरुआत अच्छी हो तो पूरा दिन अच्छा जाता है लेकिन, अच्छे दिन की शुरुआत करने के लिए नियमित रूप से छः से सात घंटे की नींद लेना जरूरी है। ठीक से न सोने की वजह से नींद की कमी हो जाती है जिसे स्लीप लॉस (Sleep Deprivation) कहते हैं। नींद की कमी यानी स्लीप डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति को घबराहट, परेशानी, बेचैनी और चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है, जो मूड बिगाड़ने के लिए काफी है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन के अनुसार फिट रहने के लिए व्यस्क लोगों को सात से साढ़े आठ घंटे की नींद लेना जरूरी होता है।  

    स्लीप लॉस या स्लीप डिसऑर्डर के क्या कारण हैं?

    स्लीप लॉस या नींद न आने की निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे-

    • स्ट्रेस-आज के समय में हर इंसान किसी न किसी परेशानी की वजह से स्ट्रेस (चिंता) में रहता है और चिंता की वजह से नींद नहीं आती है जिसका बुरा असर सेहत पर भी पड़ता है। 
    • शारीरिक परेशानी- शरीर में होने वाला किसी तरह का दर्द या फिर सेहत संबंधी अन्य परेशानी की वजह से भी स्लीप डिसऑर्डर या स्लीप सिंड्रोम की समस्या हो सकती है।  
    • जेनेटिक्स (Genetics)- अगर फैमिली हिस्ट्री में किसी को स्लीप लॉस की शिकायत रही है तो संभव है कि परिवार में किसी और सदस्य को भी नींद न आने की परेशानी हो सकती है, जिसे नार्कोलेप्सी (Narcolepsy) कहते हैं। नार्कोलेप्सी, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के अंतर्गत आता है जो सोने की क्षमता को बिगाड़ सकता है।     
    • नाइट शिफ्ट वर्क- रात में काम करने वाले ज्यादातर लोग स्लीप डिसऑर्डर या स्लीप सिंड्रोम की समस्या से परेशान रहते हैं। 
    • कुछ दवाएं- एंटीडिप्रेसेंट और ब्लड प्रेशर की दवाइयों के सेवन की वजह से भी नींद न आने की दिक्कत शुरू हो सकती है। 
    • उम्र- 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में से कुछ लोगों को नींद न आने की समस्या शुरू हो सकती है। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि नींद न आने की कमी बढ़ती उम्र की वजह से हो रही है या पहले ली गई दवाओं की वजह से हो रही है। 
    • नशीले पदार्थों का सेवन- सिगरेट और शराब पीने की वजह से भी स्लीप लॉस की परेशानी हो सकती है। यह हमेशा ध्यान रखें की सिगरेट और शराब के सेवन से सिर्फ स्लीप लॉस ही नहीं बल्कि कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी शुरू हो जाती है। 
    • सोने का स्थान उचित न होना- कई बार बेडरूम ठीक न होना या वहां सही ढंग से सफाई न होने की वजह से भी स्लीप लॉस की समस्या हो सकती है।    

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    स्लीप लॉस से बचने के लिए और अच्छी नींद के लिए क्या करें? 

    स्लीप लॉस से बचने के लिए और अच्छी नींद के लिए निम्नलिखित टिप्स को फॉलो करें। जैसे-

    • अच्छी नींद के लिए कुछ समय जिम या योगा जरूर करें। इससे सेहत अच्छी रहेगी और नींद भी अच्छी आएगी। जिम या योगा शरीर में ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे आप फिट रह सकते हैं। यही नहीं अगर आप जिम या योगा नहीं कर पा रहें हैं, तो नियमित रूप से वॉक पर जाया करें। रोजाना टहलना शरीर को फिट रखने के लिए अच्छा विकल्प माना जाता है।  
    • रात का खाना संतुलित रखें जिसमें हरी सब्जी, दाल, रोटी और सलाद शामिल करें। सोने से पहले नियमित रूप से गर्म दूध पीने की आदत डालें। यह भी ध्यान रखें की रात का खाना सोने से (बेड टाइम) से जल्दी खाया करें। इससे डायजेशन से संबंधित परेशानी नहीं होगी। 
    • रात को सोने से पहले अपने आपको रिलैक्स करने के लिए डीप ब्रीदिंग करें। डीप ब्रीदिंग से आपको अच्छी नींद आएगी। 
    • सोने से पहले मोबाइल फोन, टैब या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल न करें। इससे आंखों से जुड़ी समस्याएं शुरू हो सकती हैं और इनके ज्यादा इस्तेमाल से नींद की कमी होने की संभावना बढ़ सकती है। 
    • कॉफी और चाय जैसे पेय पदार्थों का सेवन दिन-भर में दो कप से ज्यादा नहीं करना चाहिए। कॉफी और चाय में कैफीन की मात्रा अधिक होने की वजह से नींद की कमी हो सकती है। 
    • पावर नैप– अगर हो सके तो दिन की व्यस्तता में से कुछ मिनटों की नींद (पावर नैप) लें। यह शरीर और मस्तिष्क के लिए अच्छी हो सकती है।     
    • सोने की आदत डालें, नींद न आने पर आंखें बंद कर के सोने की कोशिश करें। अगर फिर भी नींद नहीं आती है तो डॉक्टर से संपर्क करें।  

    नींद से जुड़ी आवश्यक जानकारी-

    मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो सोने के समय को कम या ज्यादा कर सकता है। हालांकि यह हमेशा संभव नहीं है। क्योंकि आवश्यकता से कम या ज्यादा सोने पर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कुछ रिसर्च के अनुसार नींद के बिना ज्यादा से ज्यादा मनुष्य 11 दिनों तक रहा जा सकता है। लेकिन, वहीं कुछ दिनों तक लगातार नहीं सोने से स्थिति खराब हो सकती है और इसका बुरा प्रभाव शरीर पर पड़ता है। दरअसल नहीं सोने की वजह से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है जैसे भूलने की समस्या, वजन बढ़ना, पाचन तंत्र और यहां तक की व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं और वर्कआउट के बावजूद आपका वजन कम नहीं हो रहा है तो सात से आठ घंटे की नींद अवश्य लें। आप यह जानकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि अच्छी नींद लेने से वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है। पौष्टिक आहार और एक्सरसाइज के साथ-साथ 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद वजन करने के लिए जरूरी मानी जाती है। इसलिए वजन कम करने के लिए पौष्टिक आहार, नियमित एक्सरसाइज के साथ-साथ साउंड स्लीप भी जरूरी होता है। इसलिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से बेहतर नींद आती है और नींद की गुणवत्ता सुधरती है। लेकिन, अगर सोने से ठीक पहले आप एक्सरसाइज करते हैं, तो इससे नींद आने में मुश्किलें आ सकती हैं और आपको स्लीप लॉस की समस्या हो सकती है। सोने के पहले वर्कआउट न करें और न ही खाना खाना खाएं। यह दोनों काम दो से तीन घंटे पहले करें।

    अगर आप स्लीप लॉस या स्लीप डिसऑर्डर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

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