तनाव, आज के समय में हजारों बीमारियों का कार है, फिर चाहें वो डायबिटीज हो, ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो या हार्ट की प्राॅब्ल्म। आज हम यहां बात करेंगे तनाव के हार्ट पेशेंट में सेकेंड हार्ट अटैक के बढ़ते खतरे के बारे में। जिन लोगों को एक हार्ट अटैक पड़ चुका है, उनमें तनाव दूसरे हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। तनाव केवल अटैक ही नहीं बल्कि स्ट्रोक के रिस्क (Risk of stroke) को भी बढ़ाती है। कई बार तो मरीज की अटैक के बाद (After Attack) जान तो बच जाती है, लेकिन उनके शरीर का कोई अंग प्रभावित हो जाता है। जिसके बाद मरीज किसी दूसरे व्यक्ति पर आधारित हो जाता है। तनाव से अटैक और स्ट्रोक (Attacks and strokes due to stress) का खतरा बहुत अधिक जाता है। पहले अटैक के बाद मरीज को कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। कोशिश करें कि स्ट्रेस ज्यादा न लें, क्योंकि तनाव से अटैक और स्ट्रोक (Attacks and strokes due to stress) खतरा तो हाेता ही है, साथ में जान का खतरा भी बढ़ जाता है।