backup og meta

तनाव से बढ़ सकता है सेकेंड अटैक और स्ट्रोक का खतरा!

Written by डॉ. अनीता मैथ्यू · फैमिली मेडिसिन · Fortis Hospital, Mulund


अपडेटेड 26/01/2022

    तनाव से बढ़ सकता है सेकेंड अटैक और स्ट्रोक का खतरा!

    तनाव, आज के समय में हजारों बीमारियों का कार है, फिर चाहें वो डायबिटीज हो, ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो या हार्ट की प्राॅब्ल्म। आज हम यहां बात करेंगे तनाव के हार्ट पेशेंट में सेकेंड हार्ट अटैक के बढ़ते खतरे के बारे में। जिन लोगों को एक हार्ट अटैक पड़ चुका है, उनमें तनाव दूसरे हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। तनाव केवल अटैक ही नहीं बल्कि स्ट्रोक के रिस्क (Risk of stroke) को भी बढ़ाती है। कई बार तो मरीज की अटैक के बाद (After Attack) जान तो बच जाती है, लेकिन उनके शरीर का कोई अंग प्रभावित हो जाता है। जिसके बाद मरीज किसी दूसरे व्यक्ति पर आधारित हो जाता है। तनाव से अटैक और स्ट्रोक (Attacks and strokes due to stress) का खतरा बहुत अधिक जाता है। पहले अटैक के बाद मरीज को कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। कोशिश करें कि स्ट्रेस ज्यादा न लें, क्योंकि तनाव से अटैक और स्ट्रोक (Attacks and strokes due to stress) खतरा तो हाेता ही है, साथ में जान का खतरा भी बढ़ जाता है।

    और पढ़ें: हार्ट इन्फेक्शन में एंटीबायोटिक आईवी : इस्तेमाल करने से पहले जान लें ये बातें!

    तनाव से अटैक और स्ट्रोक (Attacks and strokes due to stress)का बढ़ता खतरा: दोनों में संबंध

    जैसा कि तनाव से अटैक और स्ट्रोक खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन मरीजों को अपने लाइफस्टाइल और खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तनाव का स्ट्रोक और अटैक से बहुत गहरा संबंध है। मस्तिष्क में स्ट्रोक या हार्ट अटैक की कंडीशन (Heart Attack Condition) तब होती है, जब ऑक्सिजन की आपूर्ति हो जाती है। जिस कारण मस्तिष्क में रक्त का रिसाव, मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी में थक्का या मस्तिष्क को ऑक्सिजन की आपूर्ति और हदय में ऑक्सिजन की आपूर्ति होने लगती है। तनाव जब बहुत अत्यधिक हो जाता है, तब इसका प्रभाव सबसे पहले हार्ट (Heart) और ब्रेन (Brain) पर ही पड़ता है।

    और पढ़े: सिस्टोलिक हार्ट फेलियर : लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव से सुधर सकती है दिल की यह कंडिशन!

    तनाव से अटैक और स्ट्रोक: वर्क लाइफ स्ट्रेस भी है एक कारण

    स्ट्रोक और अटैक का खतरा किसी भी व्यक्ति को कहीं भी और कभी हो सकता है। तनाव से अटैक और स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए जरूरी है कि आप स्ट्रेस (Stress) से पहले बचें। जो इसके होने का सबसे बड़ा कारण है। फिर चाहें वो प्रोफेशनल लाइफ में हो या पर्सनल लाइफ के स्ट्रेस से हो। हर किसी को स्ट्रेस मैनेज करना आना चाहिए। इसके लिए आप अपने घर वालों और दोस्तों की मदद भी ले सकते हैं। बहुत ज्यादा जरूरत पड़ने पर आप प्रोफेशनल काउंसलर से मिलें और थेरिपी (Therapy) लें।

    और पढ़ें: बैक्टीरियल एंडोकार्डाइटिस (Bacterial endocarditis): हार्ट में होने वाला ये इंफेक्शन हो सकता है जानलेवा

    जब बॉडी स्ट्रेस में होता है, तो क्या होता है?

    जब हम तनाव (Stress) लेते हैं, तो इसका प्रभाव सबसे पहले शरीर व अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है। इस वजह से स्ट्रोक और अटैक का खतरा (Risk of Attack) बढ़ जाता है। आइए यहां जानते हैं कुछ ऐसे फैक्टर्स के बारे में, जिसके कारण तनाव से अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है, साथ ही कैसे तनाव का असर शरीर पर पड़ता है, जिनमें शामिल हैं:

    • तंत्रिका तंत्र – अधिक एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल का निमार्ण होता है, जो रक्तचाप (Blood Pressure) को बढ़ाता है और डायबिटीज के रिस्क को भी बढ़ाता है।
    • मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम – लंबे समय तक मांसपेशियों का संकुचन सिरदर्द (Headache) का कारण बनता है, जैसे कि माइग्रेन (Migraine), और शरीर में दर्द (Body pain)।
    • श्वसन प्रणाली – सांस लेने की दर में वृद्धि के कारण हायपरवेंटिलेशन और पैनिक अटैक (Panic Attack) होता है।
    • कार्डियोवास्कुलर सिस्टम – कोरोनरी धमनियों में सूजन (Swelling) और हृदय गति में वृद्धि के कारण दिल का दौरा पड़ने का अधिक खतरा होता है।
    • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम – भोजन, शराब, तंबाकू की खपत में वृद्धि जिसके कारण एसिड, मतली, उल्टी, कब्ज, दस्त, और कई समस्याएं हो सकती हैं।

    और पढ़ें: लेफ्ट साइड हार्ट फेलियर के क्या होते हैं लक्षण और किन समस्याओं का करना पड़ता है सामना?

    तनाव के लक्षण (Stress Symptoms)

    जब किसी व्यक्ति में तनाव और स्ट्रेस अधिक होने लगता है, ताे उसमें इस तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे समय रहते रोकना बहुत जरूरी है। इन लक्षणों को ध्यान देने पर आप तनाव से अटैक और स्ट्रोक के खतरे से बच सकते हैं।

    तनाव से अटैक और स्ट्रोक: ज्यादा तनाव लेने से होने वाले नुकसान

    और पढ़ें: सिस्टोलिक हार्ट फेलियर : लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव से सुधर सकती है दिल की यह कंडिशन!

    क्या करें

    तनाव से अटैक और स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए पहले इन संकेतों को पहचानना और तनाव को दूर करने के लिए सचेत प्रयास करना ही एकमात्र रास्ता है। पर मानसिक स्तर पर, निम्नलिखित सुझाव और संकेत जीवन के प्रति दृष्टिकोण को बदलने में बहुत मदद करते हैं। इसलिए भी जरूरी है कि आप हर तरह से फिट रहें।

    • स्वयं पर अधिक ध्यान दें: अपने मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक के बारे  स्वास्थ्य। सर्वोत्तम संभव तरीके से उन्हें सुधारने के तरीके और समाधान खोजें।

      अपने खान पर विशेष ध्यान दें, डायट में हरी सब्जियों को शामिल करें, जैसे कि पालक, गाजर, मेथी, चौराई, सरसो और लौकी आदि।

    • एंटी ऑक्सिडेंट फूड्स भी जरूर लेना चाहिए आपको।
    • रोज एक फल का सेवन जरूरी करें।
    • खाली समय में कुछ भी निगेटिव न सोचें। कोशिश करें कि कुछ न कुछ करते रहें, किसी से बात भी कर सकते हैं। एंग्जायटी और अकेलापन सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। जब भी आपको ऐसा महसूस हो किसी से बात करें। अगर आप किसी से सामने बैठकर अपनी बात करेंगे तो आपको मन हल्का महसूस होगा और आपकी परेशानी भी कम होगी।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    Written by

    डॉ. अनीता मैथ्यू

    फैमिली मेडिसिन · Fortis Hospital, Mulund


    अपडेटेड 26/01/2022

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement