आयुर्वेद में वात दोष को संतुलित करने के लिए हल्की और शुष्क चीजें दी जाती हैं। इसमें विटामिन ए, ई और डी से बनी चीजें खास तौर पर खिलाई जाती हैं। इसके अलावा मेडिटेशन, योगासन जैसे उपायों का भी सहारा लिया जाता है। तो अब आप समझे, कैसे आयुर्वेद आपके दिल की सेहत का ख्याल रखता है। इस पूरी प्रक्रिया को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए आपको आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्टेशन (e-consultation) करना चाहिए, जो आपके ह्रदय रोग को रिवर्स करने में आपकी मदद करेंगे।
लेकिन आप एक बात तो भूल ही गए, जो आपके दिल को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए बेहद जरूरी है। नहीं समझे? आपका लाइफस्टाइल, यानी कि जिंदगी जीने का ढंग, जो सही ना हो, तो दिल की गाड़ी कभी भी पटरी से उतर सकती है। आइये अब जान लेते हैं लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ खास बातें।
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क्योंकि जीना इसी का नाम है!
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इस संदर्भ में डॉक्टर जाकिया खान का कहना है ‘यदि सायलेंट हार्ट अटैक होने पर मरीज को समय रहते मेडिकल ट्रीटमेंट मुहैया ना हो, तो कंडीशन बेहद खतरनाक हो सकती है। इस तरह के मरीजों को प्रोटोकॉल के अनुसार एको और कार्डिएक एमआरआई की मदद से कॉरोनरी एंजियोग्राफी और मायोकार्डियल वायबिलिटी ट्रीटमेंट देने की जरूरत होती है।’
इसके अलावा डॉक्टर जाकिया कहती हैं कि लाइफस्टाइल में कुछ अच्छे बदलाव कर के इस मुसीबत से बच सकते हैं। कहते हैं, जो ये कला सीख गया, उसे बीमारियां छू नहीं पाएंगी। ऐसे में जब आप सायलेंट हार्ट अटैक की तकलीफ से गुजर रहे हों, तो लाइफस्टाइल बेहतर बनाना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है। और जब आपको एक ऐसा तरीका मिल जाए, जिससे हार्ट प्रॉब्लम ही रिवर्स हो जाए, तो कहना ही क्या! लेकिन ये कैसे मुमकिन होगा? कैसे हम हृदय रोग को रिवर्स कर पाएंगे? नहीं जानते? तो चलिए अब ये जान लेते हैं।
बैलेंस्ड डायट
किसी भी व्यक्ति की ज़िन्दगी में उसकी डायट बहुत मायने रखती है। जाहिर सी बात है कि अपने खाने में आपको न्यूट्रीशस फूड एड करना होगा। अगर आप सायलेंट हार्ट अटैक के जुल्म सह चुके हैं, तो आपको अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां शामिल करनी होगी। इसमें अनाज और ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर चीजें लें। नमक, सैचुरेटेड फैट, मीठा और रेड मीट खाने से बचें।
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मेडिटेशन
जिंदगी स्ट्रेस फ्री जीने के लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। वैसे ही सायलेंट हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको योग और मेडिटेशन की मदद लेनी चाहिए। इससे स्ट्रेस लेवल कम होता है। जैसा कि आप जानते हैं गुस्से और स्ट्रेस के कारण हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है, इसलिए मेडिटेशन की मदद से खुद की मेन्टल हेल्थ को बेहतर बनाएं।
ब्लड प्रेशर पर नजर रखें