के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
बाजरा एक अनाज है, जो कि दिखने में छोटे-छोटे दाने की तरह होता है। बाजारा भारत समेत कई एशियाई और अफ्रीकन देशों में काफी इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया का 97 प्रतिशत बाजरा सिर्फ एशिया और अफ्रीका में उगाया जाता है। सालों से बाजरा मनुष्य और जानवरों के आहार का हिस्सा बना हुआ है।
बाजरे का बोटैनिकल नाम पनीसेतुम ग्लौसम (Pennisetum Glaucum) जो कि घास (Grasses) फैमिली से ताल्लुक रखता है। इसमें पोषक तत्वों की भरमार है। यह एक पूर्ण अनाज है, जो कि कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में काम जाता है। इसका ग्लूटेन-फ्री गुण, मधुमेह के रोगियों के लिए इसे स्वास्थ्यवर्धक अनाज बनाता है।
यह अनाज अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाया जाता है, जो कि करीब 4.5 मीटर तक जमीन के ऊपर उगता है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, मैग्नीशियम जैसे मिनरल, फास्फोरस, आयरन, कैल्शियम, जिंक और पोटेशियम पाया जाता है। इसलिए, जुकाम और खांसी में इसका उपयोग किया जाता है।
बाजरा (Bajra) एक अनाज है, जोकि प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, फास्फोरस, फाइबर और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता हैः
मधुमेह से राहत के लिएः भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीजों वाला देश है। जिसकी वजह से बाजरे की खपत यहां बहुत है। क्योंकि, बाजरा ग्लूटेन फ्री होता है और मधुमेह के रोगियों के लिए यह उचित आहार बनता है। इसमें अच्छे कार्बोहाइड्रेट और फाइबर होते हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करते हैं।
कोरोनरी बीमारियों से राहतः बाजरे में काफी पोषण होता है, जो दिल को स्वस्थ रखता है। क्योंकि, यह कोरोनरी ब्लॉकेज को भी घटाता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है और हृदयघात का खतरा कम होता है।
पाचन के लिएः इसमें फाइबर होता है, जो पेट संबंधित समस्याओं में राहत प्रदान करता है और पाचन सुधारता है। इसके साथ यह गैस्ट्रो-इंटैस्टीनल समस्याओं से राहत देता है और कोलोन कैंसर की आशंका भी घटाता है।
डिटॉक्स करता हैः बाजरे में कुरकुमिन, एलेजिक एसिड आदि महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जो शरीर में एंजाइम्स को बैलेंस करते हैं। जिसकी वजह से शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं।
बाजरा काफी पौष्टिक अनाज है, जिसके 200 ग्राम वजन में निम्नलिखित पोषण होता हैः
बाजरा का इस्तेमाल करने से पहले निम्नलिखित स्थितियों में अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें:
सुरक्षा के लिहाज से अभी बाजरे के उपयोग को लेकर और अध्ययन की जरूरत है । बाजरे के सेवन से होने वाले फायदे से पहले आपको उससे होने वाले नुकसान को भी समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट से बात करें।
गर्भावस्था और स्तनपान: मां के दूध (breast milk) को बढ़ाने के लिए बाजरा (Bajra) का उपयोग किया जाता है।
लेकिन अभी तक इससे जुड़े कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं कि, यह मां के दूध में वृद्धि कर सकता है या नहीं। इसमें उपस्थित लैक्टोजेनिक (lactogenic) गुणों के कारण यह महिलाओं में दूध के उत्पादन को बढ़ाने की संभावना हो सकती है।
बाजरा शरीर में गर्मी पैदा करने वाला अनाज है । यह आपकी मौजूदा दवाओं पर असर डाल सकता है। इसके उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
मधुमेह के रोगियों के लिए– बाजरे के आटे को घर में इस्तेमाल किए जाने वाले आटे के साथ बराबर मात्रा में मिलाएं। अब इस आटे की दो रोटियां 2 हफ्तों तक दिन में दो बार खाएं।
मोटापे के लिए– 1 महीने तक दिन में एक बार बाजरे की खिचड़ी खाएं।
बाजरे की खुराक हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और शरीर की कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। बाजरा हमेशा सुरक्षित नहीं होता है। कृपया उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
डिस्क्लेमर
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