के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
तुलसी एक जड़ी बूटी है। इसके लाभकारी गुणों की वजह से आयुर्वेद में इसे जड़ी बूटियों की रानी कहा जाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-पायरेटिक, एंटी-सेप्टिक, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर गुण होते हैं। कई स्वास्थ्य परेशानियों की दवा बनाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इसके जड़, पत्ते, तना तथा बीज सभी का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर किया जाता है। तुलसी का उपयोग पेट की ऐंठन, भूख न लगना, गैस, किडनी, फ्लूइड रिटेंशन, सिरदर्द, जुकाम, वॉर्ट्स और पेट में कीड़ों के लिए किया जाता है। इसका उपयोग सांप और कीट के काटने के इलाज के लिए भी किया जाता है।
तुलसी औषधिय गुणों से भरपूर होने के साथ-साथ इसकी पूजा भी जाती है। भारत के तकरीबन सभी घरों में इसका पौधा जरूर होता है। इस पौधे को बालकनी या छत पर लगया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इस पौधे की वजह से कीड़े-मकोड़े भी नहीं आते हैं।
इसमें विटामिन-ए, विटामिन-के, कैल्शियम, आयरन और मैगनीज की उपस्थिति शरीर को फिट रखने में मददगार साबित होता है।
तुलसी के अलग-अलग प्रकार होते हैं। जैसे-
स्वीट बेसल (मीठी तुलसी)- इसका उपयोग ज्यादातर इटालियन खाने में किया जाता है। सुपरमार्केट में यह ड्रायड फॉर्म (सूखा) में आसानी से मिल जाती है।
बुश या ग्रीक बेसल- इसका स्मेल (सुगंध) काफी तेज होता है लेकिन, स्वाद में काफी हल्का होता है। ग्रीक बेसल के पौधे को गमले में लगाया जा सकता है।
थाई बेसल- इसका उपयोग थाई और साउथईस्ट एशिया के खाद्य पदार्थों में किया जाता है।
सिनेमन बेसल- मेक्सिको में होने वाले सिनेमन बेसल का स्वाद दालचीनी के जैसी होती है। इसका उपयोग ज्यादातर मसाले के रूप में सब्जियों के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
लेटस बेसल- इसका उपयोग ज्यादातर सलाद, टोस्टेड फूड प्रोडक्ट में किया जाता है।
इसका उपयोग निम्नलिखित बीमारियों को दूर करने के लिये किया जाता है। जैसे-
रोग प्रतिकोधक क्षमता को को बढ़ाता है :
तुलसी के बीज में फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिकोधक क्षमता को सुधारने का काम करता है। एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध तुलसी शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाली क्षति से सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं। इसकी कुछ पत्तियां चबाने से या इससे बानी हर्बल टी शरीर को लाभ पहुंचाने में मददगार है। इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होने से बीमरियों का खतरा भी टल सकता है।
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पेट संबंधित परेशानियों को रखता है दूर:
तुलसी के बीजों के ऊपर एख जिलेटिन की परत होती है, जो पेट संबंधि परेशानियों को दूर रखने में मदद करता है। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर भी होता है जो शरीर की सफाई कर कब्ज की समस्या, अपच की समस्या और एसिडिटी की समस्या से निजात दिलाता है।
सर्दी और जुकाम से राहत:
सर्दी और जुकाम से परेशान लोगों को भी ये राहत दिलाने का काम करती है। तुलसी में एंटी-स्पाज्मोडिक प्रभाव होता है जो सर्दी और जुकाम से राहत दिलाता है। साथ ही ये बुखार को कम करने में भी सक्षम होता है।
तनाव को रखे कोसों दूर:
तुलसी में कई ऐसे रसायन होते हैं जो हमारे दिमाग पर गहरा और सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। ये तनाव, चिंता और दूसरी कई मानसिक समस्याओं को दूर करने मददगार है।
सूजन को कम करे :
तुलसी में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं जो शरीर की सूजन को दूर करते हैं।
कुछ स्ट्डीज के अनुसार तुलसी विटामिन-सी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और लोहे का एक अच्छा स्रोत है।इसमें दर्द और सूजन को कम करने के लिए कई रसायन मौजूद होते हैं। इसमें मौजूद दूसरे रसायन डायबिटीज डिजीज के मरीजों में ब्लड शुगर के लेवल को भी कम करने कि क्षमता रखते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक ये इम्यूनिटी को ज्यादा मजबूत बनाता है।
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दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। बहरहाल यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
इससे निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे-
हर कोई इन साइड इफेक्ट्स का अनुभव नहीं करता है। कुछ साइड इफेक्ट्स ऊपर बताए गए लिस्ट में शामिल नहीं भी हो सकते हैं। यदि आपको साइड इफेक्ट के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
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हाइपोग्लाइसेमिक के प्रभाव को कम करने के लिए 2 महीने तक 2.5 ग्राम पत्तियों के सूखे पाउडर को 200 ml पानी में इस्तेमाल किया जा सकता है।
हर मरीज के लिए तुलसी की खुराक अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। जड़ी बूटी हमेशा सुरक्षित नहीं होती हैं। कृपया अपने उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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ये निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
अगर आप तुलसी का सेवन करते हैं और इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
डिस्क्लेमर
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