आमतौर पर लोग घरों में दालचीनी या सिनेमन का इस्तेमाल मसालों के रूप में करते हैं। इसका उपयोग एंटीफंगल, एनाल्जेसिक और एंटीसेप्टिक के रूप में किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार दस्त, सर्दी-जुकाम, पेट दर्द, हाइपरटेंशन, भूख की कमी और मुहांसो के लिए दालचीनी या सिनेमन का इस्तेमाल किया जाता है। यही नहीं, शरीर के अंदर होने वाली ब्लीडिंग को रोकने में भी दालचीनी मदद करती है। दालचीनी एक सदाबहार पेड़ होता है, जिसकी ऊंचाई 10 से 15 मीटर होती है। यह लौरेसिई (Lauraceae) परिवार का सदस्य होता है। भारत के आलाव पड़ोसी देश श्रीलंका में इसकी खेती सबसे अधिक होती है। इसकी छाल का इस्तेमाल जहां गरम मसाला बनाने में किया जाता है, वहीं इसकी पत्तियों के तेल से मच्छर भगाने का काम किया जाता है।
कुछ रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि कैसिया सिनेमन (Cassia Cinnamon) डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर को कम कर सकती है। हालांकि, कुछ अन्य शोधों में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने और एचआईवी से पीड़ित मरीजों में यीस्ट इन्फेक्शन के इलाज के लिए इस पर कई तरह की रिसर्च हुई हैं। लेकिन, कुछ खास परिणाम अभी नहीं मिल पाए हैं।
इन अध्ययनों में यह पाया गया कि इसमें सूजन कम करने, एंटीऑक्सीडेंट और बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण होते हैं। लेकिन, यह लोगों के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो सकती है, इस पर कोई खास निष्कर्ष नहीं निकले हैं।
दालचीनी के सेवन से मोटापे की समस्या से राहत पाया जा सकता है। दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स (polyphenols), एक प्रकार का एंटी-ऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बेहतर करता है और इंसुलिन खून में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। लेकिन, अगर किसी कारण शरीर में सही मात्रा में इंसुलिन नहीं बन पाता है, तो ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण मोटापा और डायबिटीज जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में दालचीन के एंटी-ओबेसिटी प्रभाव और इसमें मौजूद कई अन्य तत्व मोटापे जैसी समस्याओं को दूर कर सकते हैं।
दालचीनी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट डायबिटीज के जोखिमों को बढ़ाने वाले कारक ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के लेवल को कम करता है। इसमें फेनोलिक यौगिक और फ्लैवोनॉइड के गुण होते हैं, जो एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीडाइबेटिक, एंटीकैंसर और कार्डियोप्रोटेक्टीव गुण प्रदान करते हैं। दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनॉल्स शरीर में इंसुलिन के रिसाव को बेहतर करता है और डायबिटीज के जोखिम भी कम करता है।
दालचीनी या सीनेमन के इस्तेमाल से शरीर के रक्त परिसंचरण में सुधार लाया जा सकता है। दालचीनी में ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जो खून को पतला करके रक्त परिसंचरण के कार्य को बेहतर बनाते हैं। इसका यह गुण धमनियों से जुड़ी बीमारियों और दिल के दौरे से भी बचाव करता है। वहीं, बेहतर ब्लड फ्लो से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर पर बेहतर होता है।
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सिनेमन पाउडर या दालचीनी कैसे काम करती है और शरीर के अंदर क्या प्रभाव डालती है, इससे जुड़े पर्याप्त शोध मौजूद नहीं हैं। अधिक जानकारी के लिए किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें। हालांकि, कुछ ऐसे शोध भी हैं, जिनमें बताया गया है कि इसकी छाल रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Respiratory Tract Infection) होने के कारणों को दूर करती है और इस बीमारी से बचाती है।
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सिनेमन पाउडर या दालचीनी को ठंडी, सूखी जगह पर रखें। साथ ही, इसे धूप, नमी वाली जगह से दूर रखें।
दालचीनी के तेल का इस्तेमाल किसी अन्य तेल में मिलाकर करना चाहिए। जिससे इसकी तीव्रता कम हो जाए।
हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम एलोपैथिक दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
छोटे बच्चों के इलाज में या प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को दालचीनी का सेवन करने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि प्रेग्नेंट महिलाओं और बच्चों पर इसके प्रभाव से जुड़े पर्याप्त रिसर्च मौजूद नहीं हैं।
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सिनेमन पाउडर या दालचीनी से आपको नीचे बताए गए साइड इफेक्ट हो सकते हैं :
हालांकि, हर किसी को यह साइड इफेक्ट हों ऐसा जरूरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हों या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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सिनेमन पाउडर के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो दवाइयां खा रहे हैं। उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
सिनेमन पाउडर एंटीबायोटिक, डायबिटीज की दवाइयां, खून पतला करने वाली दवाइयां, दिल के रोगों की दवाइयों के असर को प्रभावित कर सकती है।
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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कुछ शोधों में मरीजों को रोजाना एक से 1.5 ग्राम दालचीनी पाउडर दिया गया और उनमें कोई गलत प्रभाव नहीं देखा गया।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए, सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
आमतौर पर सिनेमन पाउडर का इस्तेमाल इन रूपों में किया जाता है : सूखी छाल, एसेंशियल ऑयल, पत्तियां, पाउडर, टिंचर और फ्लूइड एक्सट्रेक्ट। डॉक्टर या हर्बल विशेषज्ञ की सलाह लेकर आप इनमें से किसी भी रूप में इसका उपयोग कर सकते हैं।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको दालचीनी का पाउडर या सिनेमन पाउडर इस्तेमाल करना है तो एक बार अपने विशेषज्ञ से जरूर पूछ लें।
डिस्क्लेमर
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