के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
क्रैम्प बार्क एक पौधा है, जो उत्तरी अमेरिका में उगता है। ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी लोग इसका इस्तेमाल एक औषधि के तौर पर करते आ रहे हैं। इसकी छाल और जड़ का इस्तेमाल एक औषधि के तौर पर होता है। इसका साइंटिफिक नाम Viburnum opulus है, जो Adoxaceae प्रजाति का है। इसे गेल्डर गुलाब, हाईब्रश क्रैनबेरी और स्नोबॉल ट्री के रूप में भी जाना जाता है। यह एक तरह का झाड़ी होता है जिसमें लाल, जामुनी और सफेद फूलों के गुच्छों खिलते हैं।
मूल रूप से यह यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में पाया जातता है। औषधि के तौर पर इसके सूखे छाल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से मांसपेशियों में ऐंठन, पीरियड्स के दिनों में महिलाओं के पेट में होनी वाली ऐंठन और दर्द से राहत पाया जा सकता है।
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क्रैम्प बार्क का इस्तेमाल निम्नलिखित समस्याओं में होता है:
मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन के उपचार के रूप में इसके छाल का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। इसके अलावा मासिक धर्म में होने वाले ऐंठन और दर्द से भी यह राहत दिलाने में मददगार होता है। कुछ शोधों के मुताबिक, इसके छाल और फलों के अर्क के इस्तेमाल से मांसपेशियों में रक्त वाहिकाओं को अपना कार्य करने में आसानी होती है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। साथ ही यह रक्तचाप को भी कम कर सकता है। मासिक धर्म की ऐंठन के साथ-साथ प्रेग्नेंसी की ऐंठन में भी राहत पाने के लिए इसका इस्तेमाल करना लाभकारी होता है।
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क्रैम्प की छाल से गुर्दे की पथरी याी किडनी स्टोन को रोकने में मदद मिल सकती है। कुछ लोगों को मूत्र में साइट्रेट की कमी के कारण गुर्दे की पथरी होने का खथरा बढ़ जाता है। हेल्थकेयर प्रदाता अक्सर सलाह देते हैं कि ऐसे लोगों को इस तरह के आहार खाने चाहिए जिनमें साइट्रेट की उच्च मात्रा हो। जैसे नींबू और संतरे। वहीं, क्रैम्प की छाल और फल भी साइट्रेट की उच्च मात्रा होती है, जो किडनी स्टोन के जोखिम को कम करने के साथ ही किडनी स्टोन के उपचार में भी लाभकारी हो सकता है।
किडनी स्टोन को दूर करने में यह कितना लाभाकरी हो सकता है, इससे जुड़ा एक अध्ययन भी किया गया है। उस अध्ययन में छोटे गुर्दे की पथरी वाले 103 लोगों को शामिल किया था। अध्ययन में शामिल कुछ लोगों को किडनी की दवा डाइक्लोफेनाक का सेवन करने की सलाह दी गई और कुछ लोगों को इसकी छाल का सेवन करने की सलाह दी गई। अध्ययन के दौरान पाया गया कि जिन लोगों ने इसकी छाल का इस्तेमाल किया था, उनकी किडनी की समस्या दवा का इस्तेमाल करने वाले लोगों के मुकाबले जल्दी दूर हो गई।
इसके अलावा इसका इस्तेमाल यूरिन फ्लो बढ़ाने, जो उल्टी का कारण बनता है, बाउल को खाली करने, तंद्रा (sleepiness), कैंसर के इलाज, हिस्टेरिया (hysteria), इंफेक्शन, नर्वस के डिसऑर्डर्स, स्कर्वी और यूटरस में सूजन के इलाज में क्रैम्प बार्क का इस्तेमाल होता है।
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क्रैम्प बार्क कैसे कार्य करता है, इस संबंध में अधिक जानकारी उपलब्ध नही है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें। हालांकि, यह माना जाता है कि क्रैम्प बार्क में कुछ कैमिकल्स होते हैं, जो मांसपेशियों की ऐंठन को कम करते हैं। यह कैमिकल्स ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को भी कम कर सकते हैं।
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निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। क्रैम्प बार्क का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
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यह सुरक्षित है या नहीं, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग : प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान क्रैम्प बार्क का इस्तेमाल सुरक्षित है या नहीं, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से दोनों ही परिस्थितियों में इसका सेवन करने से बचें।
क्रैम्प बार्क के साइड इफेक्ट्स के संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं, तो अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
क्रैम्प बार्क आपकी मौजूदा दवाइयों के साथ रिएक्शन कर सकता है या दवा का कार्य करने का तरीका परिवर्तित हो सकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
हर मरीज के मामले में क्रैम्प बार्क की डोज अलग हो सकती है, जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नहीं होती हैं। इसके उपयुक्त डोज के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या इलाज मुहैया नहीं कराता।
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