के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
डिल (Dill) एक औषधीय पौधा है जिसका इस्तेमाल दवाओं के साथ-साथ पकवानों में भी किया जाता है। यह अपच, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के पेट में होने वाली ऐंठन, सामान्य सर्दी-खांसी और फ्लू के लक्षणों के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है। महिलाएं जो स्तनपान करवाती हैं लेकिन, किसी कारण मिल्क फॉर्मेशन नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में इस औषधि के सेवन से लाभ होता है। इसके लिए ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं को इस औषधि के बीज से चाय बना कर पी सकती हैं। साथ ही, जिन लोगों को बहुत कम भूख लगती है उन्हें भी इसके सेवन से लाभ मिल सकता है। इसके अलावा यह औषधि हल्का मूत्रवर्धक भी माना जाता है। महिलाएं इसका इस्तेमाल अपने नाखूनों को लंबा करने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए भी कर सकती है।
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यह औषधि और कई बीमारियों के इलाज के लिए प्रभावकारी है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
इस औषधि के बीज में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं जो कि आपके मांसपेशियों को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। इसके बीज में पाए जाने वाले अन्य केमिकल्स बैक्टीरिया से लड़ने के में मददगार हैं।
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डिल के उपयोग से पहले डॉक्टर से बात जरूर करें, यदि—
प्रेगनेंसी और ब्रैस्ट फीडिंग:
प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी दवाई लेना उचित नहीं है। इस पौधे के बीज ब्लीडिंग शुरू कर सकते है जिस से की आपके मासिक शुरू हो सकते हैं और गर्भपात हो सकता है।
ब्रैस्ट फीडिंग के दौरान इस पौधे का प्रयोग कितना सेफ है इसकी कोई ठोस माहिती नहीं है। बेहतर है की आप अपने रूटीन खुराक से जुडे रहे।
सर्जरी :
अगर आपकी कोई सर्जरी निर्धारित है तो उसके दो सप्ताह पहले से ही डिल का प्रयोग बंद कर दें, क्योंकि इससे सर्जरी के बाद या चालू सर्जरी में शुगर लेवल नीचे जा सकता है ।
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इस पौधए से ज्यादातर कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते है लेकिन किसी को यह अगर माफिक नहीं आता तो चमड़ी के रोग होने की सम्भावना रहती है। ऐसे चमड़ी के प्रगाह भी सिर्फ तभी होते है जब कोई इस के पौधे से रोज सीधे संपर्क में आता है और वो भी सूर्य के अल्ट्रा वायलेट किरणों के सामने। बाकी इससे कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते है।
साइड इफेक्ट्स सभी को एक ही प्रकार से हो ये जरुरी नहीं है। हो सकता है कोई साइड इफेक्ट्स ऐसे भी हो जो यहां नहीं दर्शाए गए। इसलिए सावधानी बरतनी आवश्यक है और डॉक्टर की सलाह के बाद अच्छे नतीजे प्राप्त करना अनिवार्य है।
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यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
डिल की चाय:
एक कप उबलते हुए पानी में दो चम्मच इसके बीज को क्रश कर के मिलाएं और मिक्स करें। फिर इसकी चाय पीएं। दो चम्मच इसकी सही मात्रा है। पि लें। दो चम्मच इसकी सही मात्रा है।
डिल के बीज और पत्ते:
इस पौधे के पत्ते तुलसी के पत्तों की तरह ही सीधा चबा सकते हैं। इसके जूस को ठंडे वातावरण में कुछ दिनों के लिए स्टोर भी किया जा सकता है ।
इस पौधे के पाउडर की कैप्सूल्स भी बाजार में उपलब्ध है। ये कैप्सूल्स खाने के बाद दिन में दो बार दो ली जा सकती है ।
आपको केमिस्ट के पास डिल की क्रीम व मरहम भी मिल जायेंगे। यह क्रीम घाव को ठीक करने में काफी सहायक होती है। इस औषधि से आपको स्किन एलर्जी भी नहीं होगी। लेकिन, कई बार किसी और क्रीम या केमिकल्स के साथ इस क्रीम का इस्तेमाल करने पर लाल छाले पड़ सकते हैं। यदि ऐसा रिएक्शन आपको हो तो इसका उपयोग न करें।
डिल का तेल:
डिल के तेल की कुछ बूंदे स्टीमर में डालकर स्टीम लेने से तनाव की समस्या में आराम मिलता है। ये त्वचा के लिए भी गुणकारी है।
डिल की मात्रा हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली डिल की खुराक मात्रा आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर रहती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही मात्रा की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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