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Green Coffee: ग्रीन कॉफी के फायदे एवं नुकसान


Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/08/2021

Green Coffee: ग्रीन कॉफी के फायदे एवं नुकसान

परिचय

ग्रीन कॉफी (Green Coffee) क्या है?

ग्रीन कॉफी (Green Coffee) बीन्स, कॉफी फ्रूट्स के वे बीज होते हैं जो भुने हुए नहीं होते हैं। आपको बता दें कि नियमित रूप से भुने हुए कॉफी बीन्स की तुलना में ग्रीन कॉफी में क्लोरेजेनिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरेजेनिक एसिड स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसका बोटेनिकल नाम कॉफिया (Coffea) नाम है, जो कि रुबीएसी (Rubiaceae) फैमिली से आता है।

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उपयोग

ग्रीन कॉफी किसलिए इस्तेमाल होती है? (Use of Green Coffee)

साल 2012 में डॉ. ओजेड शो में प्रसारण होने के बाद ग्रीन कॉफी वजन घटाने को लेकर बहुत प्रसिद्ध हुई। मोटापा (Obesity), डायबिटीज (Diabetes), हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), अल्जाइमर (Alzheimer’s disease) और बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) में लोग ग्रीन कॉफी का इस्तेमाल करते हैं।

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ग्रीन कॉफी कैसे काम करती है? (How Green Coffee works)

ग्रीन कॉफी (Green Coffee) शरीर में कैसे काम करती है। इसको लेकर अभी ज्यादा शोध मौजूद नहीं है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप किसी डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें। हालांकि ऐसा माना जाता है कि ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरेजेनिक एसिड खून की नालियों (Blood Vessels) को प्रभावित करता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) कम होता है।

ऐसा मानना है कि ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड शरीर के ब्लड शुगर और मेटाबोलिज्म को प्रभावित करके वजन कम (Weight lose) करने में मदद करती है।

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सावधानियां और चेतावनी

ग्रीन कॉफी (Green Coffee) के सेवन से पहले मुझे इसके बारे में क्या-क्या जानकारी होनी चाहिए?

ग्रीन कॉफी का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर या फार्मसिस्ट या फिर हर्बलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए, यदि

  • आप गर्भवती हैं या स्तनपान (Breastfeeding) कराती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप बच्चे को फीडिंग कराती हैं तो अपने डॉक्टर के मुताबिक ही आपको दवाओं का सेवन करना चाहिए।
  • आप कोई दूसरी दवा लेते हैं जोकि बिना डॉक्टर की पर्ची के आसानी से मिल जाते हैं।
  • अगर आपको ग्रीन कॉफी (Green Coffee) और उसके दूसरे पदार्थों से या फिर किसी और दूसरे हर्ब्स से एलर्जी हो।
  • आप पहले से किसी तरह की बीमारी आदि से ग्रसित हैं।
  • आपको पहले से ही किसी तरह की एलर्जी (Allergy) हो जैसे खाने पीने वाली चीजों से, या डाई से या किसी जानवर आदि से।
  • हर्बल सप्लिमेंट्स (Herbal Supplements) के उपयोग से जुड़े नियम दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। इस हर्बल सप्लिमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरुरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।

    ग्रीन कॉफी का सेवन कितना सुरक्षित है? (Use of Green Coffee) 

    सही तरीके से ग्रीन कॉफी का सेवन करना बिल्कुल सुरक्षित है। अगर रोजाना 480 mg ग्रीन कॉफी एक्सट्रैक्ट 12 हफ्तों तक आप लेते हैं तो आपके लिए सुरक्षित है। इसके अलावा एक खास किस्म का ग्रीन कॉफी एक्सट्रैक्ट जिसे रोजाना पांच बार केवल 200 mg, 12 हफ्तों तक इस्तेमाल करना सुरक्षित होता है।

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    ग्रीन कॉफी से जुड़ी विशेष सावधानियां और चेतावनी

    गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान: गर्भावस्था और स्तनपान (Breastfeeding) के दौरान ग्रीन कॉफी के सेवन को लेकर अभी ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। इसलिए इस दौरान आप इससे परहेज करें।

    होमोसिस्टीन (Homocysteine) के हाई लेवल के दौरान: कम समय में क्लोरेजेनिक एसिड को ज्यादा मात्रा में लेने से प्लाज्मा (Plasma) में होमोसिस्टीन (Homocysteine) का लेवल बढ़ जाता है जिसकी वजह से हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।

    घबराहट संबंधी बीमारियों में (Anxiety disorders): ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन घबराहट या उलझन को और अधिक बढ़ा सकता है।

    ब्लीडिंग डिसॉर्डर (Bleeding disorders): कुछ शोध में यह पता चला है कि ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन ब्लीडिंग डिसॉर्डर (Bleeding disorders) को और अधिक खराब कर सकता है।

    डायबिटीज (Diabetes): कुछ शोध के अनुसार ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन डायबिटिक लोगों के शुगर प्रोसेस को बदल सकता है। कैफीन ब्लड शुगर को घटाता भी है और बढ़ाता भी है। इसलिए वे लोग जिन्हें डायबिटीज की समस्या है वो सावधानीपूर्वक कैफीन का सेवन करें और ब्लड शुगर का रेगुलर चेकअप कराएं।

    डायरिया (Diarrhea): ग्रीन कॉफी में कैफीन होता है। ग्रीन कॉफी का ज्यादा मात्रा में सेवन करने से डायरिया (Diarrhea) की समस्या और अधिक बढ़ सकती है।

    मोतियाबिंद (Cataract): ग्रीन कॉफी के सेवन से आंखों के अंदर दबाव बढ़ सकता है। आंखों के अंदर का यह दबाव 30 मिनट के अंदर शुरू होता है और 90 मिनट तक रहता है।

    हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure): जो लोग हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) के मरीज हैं अगर वे ग्रीन कॉफी का सेवन करते हैं, तो उनका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। हालांकि जो लोग रेगुलर कॉफी (Coffee) का सेवन करते हैं उनमें यह प्रभाव कम होता है।

    हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol): बिना फिल्टर किये हुए कॉफी में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढाने का काम करते हैं। ऐसे तत्व ग्रीन कॉफी में भी पाए जाते हैं। हालांकि इस बारे में यह अभी स्पष्ट नहीं है कि ग्रीन कॉफी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल भी बढ़ता है।

    इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome [IBS]): ग्रीन कॉफी में कैफीन होता है। अगर ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन किया जाता है तो उससे डायरिया की समस्या हो सकती है और इससे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome [IBS]) की समस्या और अधिक खराब हो सकती है।

    ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) यानी हड्डी के पतला होने में: ग्रीन कॉफी में मौजूद कैफीन और दूसरे सोर्स कैल्शियम (Calcium) की मात्रा को बढ़ाते हैं जोकि मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाता है। इस वजह से आपकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। अगर आपको ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या है तो आपको दिन में 300 mg से कम (लगभग दो से तीन कम नियमित रूप से) कॉफी का सेवन करना चाहिए। कैल्शियम युक्त सप्लीमेंट लेने से कैल्शियम की कमी पूरी होती है। ऐसी महिलाएं जिनका मेनोपॉज (Menopause) समाप्त हो चुका हैं उन्हें ग्रीन कॉफी का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।

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    साइड इफेक्ट

    ग्रीन कॉफी के साइड इफेक्ट क्या हो सकते हैं? (Side effects of Green Coffee)

    कॉफी की ही तरह ग्रीन कॉफी के भी साइड इफेक्ट होते हैं जैसे, नींद ना आना (Sleepless night), नर्वसनेस, बेचैनी, पेट खराब होना, मिचली, उल्टी और हार्ट रेट का बढ़ना आदि।

    अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने से सिरदर्द (Headache), उलझन, उत्तेजना, कान में आवाज आना और हार्ट बीट का असामान्य होना आदि साइड इफेक्ट हो सकते हैं।

    हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरुरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

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    प्रभाव

    ग्रीन कॉफी (Green coffee) के सेवन से अन्य किन-किन चीजों पर प्रभाव पड़ सकता है?

    ग्रीन कॉफी के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।

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    खुराक

    यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरुर लें।

    आमतौर पर कितनी मात्रा में ग्रीन कॉफी (Green Coffee) का सेवन करना चाहिए?

    इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।

    ग्रीन कॉफी किन रूपों में उपलब्ध है?

    ग्रीन कॉफी निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हैः

    • कच्चा ग्रीन कॉफी बीन्स
    • ग्रीन कॉफी एक्सट्रैक्ट

    डिस्क्लेमर

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    Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/08/2021

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