के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
हेजलनट (Hazelnut) एक जड़ी-बूटी है, जिसे कोबनट या फिल्बर्ट नट भी कहा जाता है। इसका बोटेनिकल नाम कोरीलस है, जो कि बिर्च (Birch) फैमिली से आता है। यह हल्के भूरे रंग का होता है। यह ज्यादातर टर्की, इटली, स्पेन और अमेरिका में उगाया जाता है। हेजलनट को कच्चा, भुन कर या इसका पेस्ट बनाकर सेवन किया जाता है और इसका स्वाद मीठा होता है। दूसरे नट्स की तरह हेजलनट में प्रोटीन, फैट्स, विटामिन और मिनरल काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। हेजलनट का इस्तेमाल कोलेस्ट्रोल को कम करने और एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में भी किया जाता है।
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हेजलनट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो कि कोशिकाओं के ऑक्सीडेशन को रोकता है। इसके साथ रेडिकल की वजह से कोशिकाओं को पहुंचने वाली क्षति को भी कम करता है।
2018 की एक स्टडी के मुताबिक, नट्स का सेवन करने, वजन घटने और मोटापे की आशंका कम होने के बीच गहरा संबंध है। स्टडी में जिन प्रतिभागियों ने ज्यादा नट्स का सेवन किया, उनमें नट्स का कम सेवन करने वालों की अपेक्षा ओवरवेट होने की आशंका कम निकली।
हेजलनट का सेवन दिल की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकता है। इसके साथ ही यह शरीर को कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है। हेजलनट में कैलोरी काफी मात्रा में होती है। लेकिन, यह प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर, विटामिन ई, विटामिन बी 6, थियामिन, मैग्नीशियम, कॉपर, मैगनीज, फोलेट, फास्फोरस, पोटैशियम और जस्ता जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। इतना ही नहीं हेजलनट्स में ओमेगा -6 और ओमेगा -9 फैटी एसिड भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके तेल का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल कम करने और एंटीऑक्सिडेंट के रूप में किया जाता है।
बीपी की समस्या यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को हेजलनट की मदद से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें फैट की कम मात्रा होती है, जबकि मैग्नीशियम, पोटेशियम और फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने में मददगार होते हैं।
हेजलनट में एंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं। साथ ही इसमें विटामिन्स और खनिजों की भी भरपूर मात्रा होती है। इसमें विटामिन ई और मैंगनीज की उच्च मात्रा होती है, जो कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए लाभकारी हो सकते हैं।
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इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि इसमें तेल, प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा यह किस तरह से शरीर के लिए लाभकारी हो सकता है। इस विषय में अभी कुछ कह पाना जल्दबाजी होगी। इस पर काफी अध्ययन किए गए हैं। लेकिन किसी नतीजे पर पहुंच पाना अभी मुमकिन नहीं है। इसके उपयोग की अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा जरूर करें।
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अपने डॉक्टर या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से सलाह लें, अगर:
किसी भी हर्बल सप्लिमेंट के सेवन करने के नियम उतने ही सख्त होते हैं, जितने कि अंग्रेजी दवा के। सुरक्षा के लिहाज से अभी इसमें और अध्ययन की जरूरत है। इसके सेवन से होने वाले फायदे से पहले आपको इसके खतरों को समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट से बात करें।
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इसका सही मात्रा में सेवन करना सुरक्षित है। लेकिन, कुछ लोगों को इससे एलर्जी हो सकती है। उन्हें इससे सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, जो जान के लिए भी खतरा बन सकता है। इसके अलावा, हेजलनट दूषित दही में पाए जाने वाले एक खतरनाक जीवाणु बोटुलिज्म से भी जुड़ा हुआ है।
इस दौरान, एक निश्चित मात्रा में इसे खाना सुरक्षित है। लेकिन, अभी इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि इसे दवा के रूप में कितनी मात्रा में लेना चाहिए।
दी गई जानकारी को चिकित्सा सलाह के रूप में न लें। हमेशा दवा का इस्तेमाल करने से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
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हेजलनट की खुराक उम्र, स्वास्थ्य जैसी कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती हैं। अभी तक इसकी खुराक के बारे में पर्याप्त वैज्ञानिक शोध नहीं हुए हैं। लेकिन हमेशा इस बात का ध्यान जरूर रखें कि हर्बल उत्पादों का सेवन करना हमेशा सुरक्षित नहीं होता। इसलिए इसकी उचित खुराक जानने के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा जरूर करें।
हेजलनट निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
डिस्क्लेमर
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