के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
पिप्पली को कई बार लंबी काली मिर्च के नाम से भी बुलाया जाता है। इसका साइंटिफिक नाम Piper longum है। यह पिपरेसा (Piperaceae) प्रजाति की फूलों की बेल है। इसके फल की खेती की जाती है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर मसाला या सूखे मसाले के तौर पर किया जाता है।
इसका स्वाद अपने परिवार के ही सदस्य काली मिर्च के जैसा ही होता है, लेकिन काली मिर्च के मुकाबले यह ज्यादा तीखा होता है। इसके परिवार के सदस्यों में सफेद मिर्च, गोल मिर्च और ग्रीन पैपर भी शामिल हैं। इसके अलावा, अलग-अलग समुदाय में इसका नाम भी अलग-अलग है।
इसमें ऍल्कलॉयड पाइपराइन होता है, जो इसे इसका तीखापन का स्वाद देता है। इसकी अन्य प्रजातियां जावा और इण्डोनेशिया में पाई जाती हैं। मसालों के अलावा इनका इस्तेमाल सुगन्धित तेल बनाने के लिए भी किया जाता है। शहद के साथ इसका सेवन करने से कफ, सांस से जुड़ी समस्याओं और बुखार का उपचार किया जा सकता है। वहीं, गुड़ के साथ इसका सेवन करने से पुराना बुखार और हृदय रोग जैसी समस्याओं का उपचार किया जा सकता है।
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इसके कार्य करने के संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें। हालांकि, यह माना जाता है कि इस मिर्च में पाइपेरिन (Piperine) नामक केमिकल होता है। पाइपेरिन कुछ परजीवियों से लड़ता है, जो लोगों को संक्रमित करते हैं। यह आंत की लाइनिंग को भी बदल देती है। इस बदलाव से मौखिक रूप से ली जाने वाली दवाइयों के पदार्थ बेहतर तरीके से बॉडी में सोख लिए जाते हैं।
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निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। पिप्पली का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
औषधि के तौर पर पिप्पली का इस्तेमाल कितना सुरक्षित है, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: दोनों ही परिस्थितियों में पिप्पली कितनी सुरक्षित है, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है।
यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर सलाह अवश्य लें।
यह आपकी मौजूदा दवाइयों के साथ रिएक्शन कर सकता है या दवा का कार्य करने का तरीका परिवर्तित हो सकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें।
निम्नलिखित दवाइयां पिप्पली के साथ रिएक्शन कर सकती हैं:
फेनटोइन (Phenytoin): पिप्पली बॉडी में फेनटोइन (डिलान्टिन) (Dilantin) की बॉडी में सोखने की मात्रा को बढ़ा सकती है। ऐसे में इन दोनों का एक साथ इस्तेमाल करने से डिलान्टिन का प्रभाव बढ़ जाएगा और इससे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
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प्रोप्रानोलोल (Propranolol): पिप्पली बॉडी में प्रोप्रानोलोल (Inderal) की बॉडी में सोखने की मात्रा को बढ़ा सकती है। प्रोप्रानोलोल के साथ पिप्पली का इस्तेमाल करने से इसका प्रभाव बढ़ जाएगा और साइड इफेक्ट्स की संभावना ज्यादा रहेगी।
थिओफिलाइन (Theophylline): पिप्पली बॉडी में थिओफिलाइन की बॉडी में सोखने की मात्रा को बढ़ा सकती है। पिप्पली के साथ थिओफिलाइन का सेवन करने से इसका प्रभाव बढ़ जाएगा और साइड इफेक्ट्स की संभावना बढ़ जाएगी।
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उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
हर मरीज के मामले में पिप्पली की डोज अलग हो सकता है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा सुरक्षित नहीं होती हैं। पिप्पली के उपयुक्त डोज के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।
पिप्पली निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकती है:
डिस्क्लेमर
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