के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
मेलाटोनिन (Melatonin) एक तरह का प्राकृतिक हॉर्मोन है, जो हमारे शरीर में स्रावित होता है। मेलाटोनिन बायोलॉजिकल क्लॉक को दुरुस्त रखता है। मनुष्य के सोने-जागने की साइकिल को मेलाटोनिन नामक हॉर्मोन नियंत्रित करता है। आसान शब्दों में कह सकते हैं कि मेलाटोनिन बताता है कि हमारे सोने का वक्त हो गया है। ये हॉर्मोन दवाओं के रुप में भी पाया जाता है। लेकिन, भारत में ये दवा बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं मिलती है। डॉक्टर ये दवाएं अनिद्रा के से पीड़ित लोगों को देते हैं। इसके साथ ही जिनकी बायोलॉजिकल साइकिल अव्यवस्थित हो जाती है। उन्हें ये हॉर्मोन दवाओं के रूप में दिया जाता है।
मेलाटोनिन का मुख्य काम दिन और रात के चक्र को नियंत्रित करना है। रात के समय मानव का शरीर ज्यादा मात्रा में मेलाटोनिन हॉर्मोन का स्रावण करता है। जिससे शरीर को सोने का सिगनल मिलता है। वहीं, दिन की रोशनी इस हॉर्मोन को कम स्रावित करती है। जिसके कारण इंसान को दिन में नींद न के बराबर आती है। लेकिन, कुछ लोगों में इसका स्रावण जब रात में भी नहीं होता है तो उन्हें अनिद्रा की शिकायत हो जाती है। ऐसे लोगों को ये सप्लीमेंट के रूप में देते हैं।
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इसका ज्यादातर उपयोग नींद के लिए किया जाता है, जिससे इंसान का बायोलॉजिकल क्लॉक नियंत्रित किया जाता है। इसके अलावा इसके और भी उपयोग हैं।
24 घंटे के जागने सोने के अनियमितता में : नेत्रहीन लोगों को जब नींद नहीं आती हैं और उन्हें 24 घंटे जागने सोने संबंधी डिसॉर्डर हो जाता है।
अनिद्रा (insomnia) या देर से नींद आने में समस्या : ब्लड प्रेशर की दवाएं लेने से नींद आने में कुछ लोगों को दिक्कत होती है। इससे उन्हें अनिद्रा की शिकायत होती है। जिसमें इस हॉर्मोन की कमी हो जाती है। तो सप्लीमेंट के रूप में मेलाटोनिन दिया जाता है।
विमान यात्रा से हुई थकान में (Jet Lag) : यात्रा के दौरान आने वाली नींद के लिए भी यही हॉर्मोन जिम्मेदार होता है। वहीं, यात्रा के दौरान हुई थकान को भी यही हॉर्मोन दूर करता है।
गर्भाशय में होने वाले दर्द में (Endometriosis) : अगर महिला रोज आठ हफ्तों तक लगातार मेलाटोनिन का सेवन करती है तो उसके गर्भाशय (uterus) में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
सर्जरी से पहले होने वाली चिंता को कम करने में : सर्जरी से पहले होने वाली चिंता (Anxiety) को कम करने के लिए डॉक्टर इसे दवा के रूप में देते हैं। डॉक्टर इसे जीभ के नीचे रखने के लिए देते हैं। जिससे मरीज की चिंता कम होती है।
सनबर्न से राहत पहुंचाए : इससे बने जेल का प्रयोग करने से सनबर्न से राहत मिलती है। जिनकी त्वचा ज्यादा सेंसटिव होती है, उनके लिए ये जेल कम कारगर होता है।
कैंसर के इलाज में : कीमोथेरेपी के दौरान इस हॉर्मोन का सप्लीमेंट कैंसर या ट्यूमर को कम करने में मदद करता है।
इसके अलावा अन्य समस्याओं में भी मेलाटोनिन का उपयोग किया जाता है :
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इसका उपयोग एलर्जिक लोगों को कतई नहीं करनी चाहिए। इसका या इससे संबंधित संप्लीमेंट्स का प्रयोग करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। इसके अलावा आपको कुछ परेशानियों या बीमारियों की दवाओं के साथ इसका उपयोग नहीं करना चाहिए –
इसके अलावा गर्भावस्था या स्तनपान कराने के दौरान भी इसका उपयोग सही नहीं है। इसके ज्यादा उपयोग से आपको गर्भवती होने में भी समस्या हो सकती है। वहीं, बच्चे हो या बड़े सभी को इस हॉर्मोन सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए। हमने पहले भी बताया है कि ये बिना डॉक्टर के परामर्श के आपको बाजार में नहीं मिलेंगी।
मेलाटोनिन का उपयोग कम समय के लिए सुरक्षित है। लेकिन, लंबे समय के लिए अगर इसका उपयोग करना है तो कई तरह के साइड इफेक्ट्स भी सामने आए हैं। मेलाटोनिन का ज्यादा डोज लेने से कमजोरी, बुरे सपने आना, सिरदर्द, तनाव और चिंता, भूख न लगना, डायरिया, पेट दर्द, ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होना, पीठ व जोड़ों में दर्द, मिरगी आदि की समस्या हो सकती है।
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मेलाटोनिन के साइड इफेक्ट होते हैं। वो भी तब जब आप इसे लगातार और हाई डोज में ले रहे हैं।
आपको कभी भी इन दवाओं के साथ मेलाटोनिन का प्रयोग नहीं करना चाहिए –
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प्रतिदिन की खुराक में मेलाटोनिन सिर्फ 0.3 से 0.10 मिलीग्राम ली जा सकती है। लेकिन, फिर भी इसकी खुराक लेने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार बात कर लेनी चाहिए। क्योंकि मेलाटोनिन की खुराक अलग-अलग समस्याओं में अलग-अलग होती है। वहीं, जेट लैग में यही मात्रा 0.3 से 0.5 मिलीग्राम हो जाती है।
मेलाटोनिन शरीर में पाए जाने के साथ ही सिंथेसाइज कर के सप्लीमेंट के रूप में बाजार में मिलता है।
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