के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
बलूत एक तरह का वृक्ष है जिसे अंग्रेज़ी में ‘व्हाइट ओक’ (Oak) कहा जाता है। वानस्पतिक रूप से इसे क्वरस अल्बा कहा जाता है। स्टोन ओक, सेसाइल ओक और स्टैव ओक इसके अन्य सामान्य नाम हैं। बलूत फागेसिई कुल के क्वेर्कस गण का एक पेड़ है। इसकी लगभग 400 किस्में ज्ञात हैं।यह पेड़ अधिकतर पूरब में मलयेशिया और चीन से लेकर हिमालय के केशस क्षेत्र से होते हुए और सिसिली से लेकर उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र तक में पाया जाता है। इस पेड़ की पहचान उसके पत्तों और फलों से होती है। इसके पत्ते खांचेदार होते हैं। इसका फल गोलाकार और ऊपर की ओर से नुकीला होता है। कुछ बतूल के फल मीठे होते हैं और कुछ स्वाद में कड़वे। कुछ बाँज फल खाए जाते हैं और कुछ से टैनिन प्राप्त होता है। बलूत की छाल का भी उपयोग किया जाता है।
इसे हिंदी में बांज या शाहबलूत भी कहा जाता है। इसकी लगभग 400 किस्में पाई जाती हैं, जिनमें कुछ की लकड़ियां बड़ी मजबूत और रेशे बहुत घने होते हैं। इस कारण ऐसी लकड़ियों का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है, जो बहुत महंगे भी होते हैं। बलूत की लकड़ी के साथ-साथ बलूत की छाल का इस्तेमाल एक औषधि के तौर पर कई तरह की स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार के लिए किया जाता है। यह पेड़ अनेक देशों, पूरब में मलयेशिया और चीन से लेकर हिमालय और काकेशस क्षेत्रों से होते हुए, सिसिली से लेकर उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र तक में पाया जाता है। इसके अलावा उत्तरी अमरीका में भी इसका पेड़ बड़ी संख्या में पाया जाता है।
बलतू के पेड़ के पेड़ के बारे में फैक्ट्सः
और पढ़ें : Aloe Vera : एलोवेरा क्या है?
बलूत (Oak) की छाल का उपयोग सर्दी, जुकाम, बुखार, ब्रोंकाइटिस, भूख बढ़ाने और पाचन क्रिया को मजबूत बनाए रखने के लिए चाय में इसका इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग बलूत की छाल का इस्तेमाल चेहरे की त्वचा पर या नहाने के पानी में इस्तेमाल करते हैं। इससे त्वचा या किसी गुप्तांग में होनी वाली सूजन या जलन की समस्या से राहत मिलती है। बलूत का इस्तेमाल अन्य बीमारीयों में भी किया जा सकता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से बात करें।
और पढ़ें : Flax Seeds : अलसी के बीज क्या है?
बलूत का इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर, फार्मासिस्ट या फिर हर्बल विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए, यदि-
•आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं, तो बलूत का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर करें। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप बच्चे को फीडिंग कराती हैं तो अपने डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही आपको दवाइयों का सेवन करना चाहिए।
• यदि आप किसी प्रकार की दवा ले रहे हैं, जो बिना डॉक्टर की पर्ची के आसानी से मिल जाती है, जैसे कि हर्बल सप्लिमेंट।
• आपको बलूत और उसके दूसरे पदार्थों से या फिर किसी दूसरे हर्ब्स से एलर्जी हो।
• आप पहले से किसी तरह की बीमारी से पीड़ित हों।
• आपको पहले से ही खाने-पीने वाली चीजों से, हेयर डाई से या किसी जानवर आदि से किसी तरह की एलर्जी हैं ।
हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से जुड़े नियम अंग्रेजी दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : Green Tea : ग्रीन टी क्या है ?
बलूत की छाल के आपके शरीर पर यह दुष्प्रभाव हो सकते हैं:
बलूत की छाल अगर त्वचा पर दो या तीन सप्ताह तक लगाते हैं, तो ये ज्यादातर सभी के लिए सुरक्षित है। अगर किसी घाव पर बलूत की छाल सीधे ही लगायी जाए और दो से तीन सप्ताह से ज्यादा इसका उपयोग किया जाए, तो ये असुरक्षित साबित हो सकती है।
जरूरी नहीं है कि सभी में एक जैसे ही साइड इफेक्ट्स नजर आएं। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट्स हैं जोकि ऊपर दिए नहीं गए हैं। ऐसे में आप ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
बलूत की छाल के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान समय में दवाइयां खा रहे हैं, उनके असर पर प्रभाव पड सकता है। इसलिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
यदि इसमें से किसी मेडिकल कंडीशन में आप बलूत की छाल उपयोग करना चाहते हैं , तो अपने डॉक्टर को बताए:
इसमें से कोई भी परेशानी आपको है, तो बलूत की छाल का स्नान में उपयोग न करें, जैसे कि-
और पढ़ें : Protein powder : प्रोटीन पाउडर क्या है?
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प न मानें। किसी भी दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
बलूत की छाल कई खुराक के रूप में उपलब्ध है –
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr. Shruthi Shridhar