त्वचा पर अजमोद के बीज का तेल लगाने से त्वचा धूप के अतिरिक्त संवेदनशील हो सकती है, जिसके कारण त्वचा पर दाने निकल सकते हैं। इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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अजमोद से जुड़े परस्पर प्रभाव / अजमोद से पड़ने वाले प्रभाव
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
इन दवाओं के साथ अजमोद लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखें…
वारफारिन (कैमाडिन):
वारफेरिन दवा का इस्तेमाल रक्त को पतला करने और रक्त के थक्के को धीमा करने के लिए लिया जाता है। वहीं, इसकी पत्ती की मात्रा का अधिक मात्रा में सेवन करना रक्त के थक्के को बढ़ा सकता है। इसलिए एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए। शोधकर्ताओं के मुताबिक, वैरफारिन (Warfarin) के साथ अजमोद लेने से रक्त को पतला किया जा सकता है।
एस्पिरिन:
कुछ लोगों को इससे एलर्जी होती है। अजमोद से एलर्जी होने पर एस्पिरिन लेने से यह आपकी संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है अब तक सिर्फ एक व्यक्ति की ही ऐसी रिपोर्ट मिली है। फिर भी सावधानी बरतते हुए आपको इसके साथ एस्पिरिन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इसका इस्तेमाल करने से आपको किसी तरह की परेशानी होती है तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए।
मधुमेह:
यह रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकता है। शरीर में ब्लड शुगर का लेवल ज्यादा कम होने से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। इसलिए मधुमेह के दौरान पहले अपने ब्लड शुगर के लेवल की जांच करें, उसके बाद ही इसका इस्तेमाल करिए।
फ्लूइड रिटेंशन (इडेमा):
शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका इस्तेमाल करने से यह शरीर से सोडियम को सोख लेता है, जिससे शरीर को अधिक मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है।
हाई ब्लड प्रेशर: