चुकंदर एक प्रकार की सब्जी है, जिसके जड़ और पत्तियों को खाया जाता है। चुकंदर को कच्चा, सलाद के रूप में, सूप, स्मूदी और खीर या अन्य रेसिपी के रूप में खाया जाता है। चुकंदर को अंग्रेजी में बीटरूट कहते हैं। इसका बोटेनिकल नाम बीटा वल्गैरिस (Beta vulgaris) है, जो कि अमरेंथेसी (Amaranthaceae) फैमिली से आता है। बीटरूट का खाए जाना वला भाग उसका जड़ और पत्तियां हैं, इसकी जड़ का स्वाद हल्की-मीठी होती है। चुकंदर अपने रंग के कारण सुपरफूड के रूप में जाना जाता है। चुकंदर का सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबीन की मात्रा बढ़ती है। यह दिल, त्वचा आदि के लिए काफी लाभदायक है। इसमें काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसके कई अलग-अलग रंग के होते हैं जैसे- लाल, गुलाबी, जामुनी, शामिल है।
कई लोग चुंकदर के जड़ को कच्चा या उबाल कर या भून कर भी खाते हैं। इसको अन्य सब्जियों के साथ पका कर भी खाया जा सकता है। इसके पत्ते खाने के भी अपने अलग स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसमें आयरन, विटामिन्स और मिनरल्स का भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जिसकी वजह से इसका इस्तेमाल करना कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभकारी और उपचारी होता है।
और पढ़ें : चुकंदर खाने का फायदा सुनकर रह जाएंगे हैरान, शरीर से लेकर त्वचा होती है फिट
चुकंदर की तासीर या स्वाभाव ठंडा होता है। इसका मतलब यह है कि आप इसे गर्मियों में पर्याप्त मात्रा में खा सकते हैं। लेकिन चुकंदर के फायदे के साथ, उसके कुछ नुकसान भी हैं। इससे कई लोगों को एलर्जी होती है। ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से पूछ कर ही चुकंदर का सेवन करना चाहिए।
चुकंदर को खाने का यूं तो कोई सही समय निर्धारित नहीं है। लेकिन इसे सलाद के रूप में अगर खाना है तो खाने के पहले खाने से आप खुद को थोड़ा भरा हुआ महसूस करेंगे। अगर आप डायटिंग पर हैं तो लंच या डिनर के पहले इसका सेवन कर सकते हैं। इससे आपको वजन कम करने में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य के लिहाज से आप चुकंदर को किसी भी तरीके से खा सकते हैं। इसे खाने के कई तरीके हैं, जैसे-
और पढ़ें : चिरौंजी के फायदे और नुकसान- Chironji benefits and side effects
चुकंदर (Beetroot) एक पौधा है, जिसकी जड़ (root) नैचुरल दवाओं के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इसके सेवन के कई स्वास्थ फायदे हैं। आइए जानते हैं, चुकंदर के फायदे के बारे में :
डायबिटीज की समस्या शरीर में इंसुलिन की कमी के कारण होती है। अगर सही समय पर इसका सही उपचार न किया जाए, तो इसकी समस्या बेहद गंभीर बन सकती है जिसके परिणाम जीवन के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक साल 2012 तक दुनिया भर में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 382 लाख थी जो साल 2035 तक बढ़कर 592 लाख तक पहुंच सकती है। वहीं, बीटरूट के नियमित और सही मात्रा के सेवन से डायबिटीज पर नियंत्रण किया जा सकता है। यह डायबिटीज के लिए एक प्राकृतिक उपाय के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके नियमित सेवन से खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। यह फाइटोकेमिकल्स और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले बायोएक्टिव यौगिक जैसे पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और एंथोकायनिन का एक उच्च स्रोत होता है।
और पढ़ें : डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज क्या है? जानिए दवा और प्रभाव
अक्सर आपने सुना होगा कि किसी में अगर खून की कमी होती है तो उसे लाल चीजें खाने की सलाह दी जाती है। जिसमें अनार के बाद चुकंदर का ही जिक्र होता है। क्योंकि एनीमिया यानी कि खून की कमी, कम प्रोटीन, आयरन, विटामिन युक्त भोजन खाने से हो सकता है। एनीमिया सबसे ज्यादा महिलाओं में होने वाली स्वास्थ्य समस्या है। होता कुछ यूं है कि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाता है, जिससे हमारी सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंत पाता है। इस स्थिति में बेहोश होना, चक्कर आना या थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसलिए डॉक्टर एनीमिया में बीटरूट का सेवन करने की सलाह देते हैं, क्योंकि बीटरूट में आयरन पाया जाता है और इसके सेवन से लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ती है और हर कोशिका तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचता है।
और पढ़ें : बेस्ट एनीमिया डाइट चार्ट को अपनाकर बीमारी से करें बचाव
चुकंदर का जूस दिल का सबसे अच्छा दोस्त है। बीटरूट में नाइट्रेट पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है और ब्यूटेन ब्लड को नसों में जमने नहीं देता है। ऐसे में अगर आप हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो इसका सेवन जरूर करें, क्योंकि बीटरूट ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। अगर आप दिल के मरीज हैं तो बीटरूट जूस का सेवन करें। एक चुकंदर लें और उसे छिल कर अच्छे से धो लें। इसके बाद उसे मिक्सर जार में डाल कर अच्छे से पीस लें। फिर छन्नी से छान कर उसमें जीरा पाउडर और नमक डालकर उसका सेवन करें। अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो बीटरूट जूस में नमक ना डालें। अगर आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है तो आप नमक के साथ इसका सेवन कर सकते हैं।
और पढ़ें : हार्ट अटैक के बाद डायट का रखें खास ख्याल! जानें क्या खाएं और क्या न खाएं
दिल के साथ-साथ बीटरूट दिमाग का भी ख्याल रखता है। बीटरूट में मौजूद नाइट्रेट और आयरन ब्लड में लाल रक्त कोशिकाओं और ब्लड फ्लो को बढ़ाता है, जिससे दिमाग तक ब्लड का फ्लो काफी अच्छा हो पाता है। ऐसी स्थिति में जब दिमाग तक ब्लड फ्लो अच्छा होता है तो हमारी याद्दाश्त भी अच्छी होती है। तो फिर इंतजार किस बात का, आज ही बीटरूट को सलाद, स्मूदी या जूस की तरह लेना शुरू करें और अपनी याद्दाश्त अच्छी करें।
और पढ़ें : तेज दिमाग के लिए आहार में शामिल करें ये फूड्स
बीटरूट में बेटालिन नामक तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने में मददगार साबित होते हैं। अगर आप खाना खाने से पहले बीटरूट का सेवन करते हैं तो आप जो भी खाएंगे वो आसानी से पच सकता है। जिन्हें अपाचन की समस्या होती है, वे लोग बीटरूट का सेवन कर सकते हैं।
जैसे ही किसी महिला को पता चलता है कि वह प्रेग्नेंट है, तो डॉक्टर उसे सबसे पहले आयरन की गोलियां लेने की सलाह देते हैं। चुकंदर आयरन से भरपूर होता है, ऐसे में अपनी पूरी प्रेग्नेंसी में आप चुकंदर का सेवन कर सकती है। इससे आप प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले एनीमिया से भी बच सकेंगी।
और पढ़ें : गर्भावस्था की पहली तिमाही में अपनाएं ये प्रेग्नेंसी डायट प्लान
पीरियड्स में चुकंदर का रस या जूस पीने से आराम मिलता है। कई बार कुछ महिलाओं में पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होती है, तो उन्हें ब्लड की कमी का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में आपको ब्लीडिंग चाहे हैवी हो या कम हो, पीरियड्स में बीटरूट जूस का सेवन करने से ब्लड की कमी नहीं होती है।
अगर आपके फैमिली में किसी को कैंसर रहा है या कोई कैंसर से जूझ रहा है, तो बीटरूट का सेवन करने से कैंसर में राहत मिलती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि चूहों में कैंसर सेल्स को बीटरूट में मौजूद बीटासायनिन ने सही कर दिया। इसलिए अगर आपके फैमिली बैकग्राउंड में कैंसर का इतिहास रहा है तो पहले से ही बीटरूट का सेवन करें।
और पढ़ें : Cancer: कैंसर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपचार
आजकल लो सेक्स ड्राइव या नपुंसकता से ज्यादा परेशान है, इसका एक कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल भी है। भारत में इस समस्या का समाधान प्राचीन काल से बीटरूट ही रहा है। बीटरूट का सेवन करने से सेक्सुअल कमजोरी या लो सेक्स ड्राइव सही होती है। इसके लिए अगर आपको अपनी सेक्स लाइफ को सुधारना है तो बीटरूट का सेवन किया जा सकता है। इसमें मौजूद बोरोन नामक केमिकल सेक्स हॉर्मोन का निर्माण करने में मददगार होता है।
बीटरूट का सेवन करने से त्वचा में ब्लड फ्लो अच्छा होता है, जिससे एजिंग धीमे-धीमे होती है। इसके अलावा अगर आपके होंठ काले हैं तो इसका रस होंठों पर लगाने से पिंक लिप्स पा सकते हैं। आंखों के नीचे डार्क सर्कल होने पर भी बीटरूट जूस लगाने से डार्क सर्कल कम होते हैं। वहीं, आप इसके पतले-पतले स्लाइस काट कर चेहरे पर लगा सकते हैं, जिससे आपको फ्रेश और एक समान रंगत वाली स्किन मिलेगी।
और पढ़ें : नेचुरल तरीकों से कैसे करें लिप्स केयर?
अगर आपको फैटी लिवर की समस्या है तो दवाओं के साथ चुकंदर का इस्तेमाल लीवर से जुड़ी बीमारियों और लीवर के फैट को कम करने में भी सहायक है। जिससे आप फैटी लिवर से जल्द निजात पा सकते हैं।
शरीर में चुकंदर कैसे काम करता है, इसको लेकर अभी ज्यादा शोध मौजूद नहीं है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सम्पर्क करें। हालांकि कुछ शोध यह बताते हैं कि इसमें मौजूद केमिकल लिवर में जमा होने वाले फैट को कम करता है।
इसके अलावा, चुकंदर में एक और भी केमिकल होता है, जिसकी वजह से इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। आपको बता दें कि यह शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाने का काम करता है। इसमें पाया जाने वाला केमिकल रक्त वाहिका (blood vessels) को भी प्रभावित करता है।
इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर, फार्मसिस्ट या फिर हर्बलिस्ट से सलाह लेनी चाहिए, यदि
हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम अंग्रेजी दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
क्विज खेलें : Quiz: स्तनपान के दौरान कैसा हो महिला का खानपान, जानने के लिए खेलें ये क्विज
आमतौर पर खाद्य पदार्थों के रूप में इसका सेवन करना ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है। दवा के रूप में भी इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित होता है। लेकिन फिर भी आप निम्न बिंदुओं पर गौर कर सकते हैं :
प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान (Pregnancy And breastfeeding)
प्रेग्नेंसी और स्तनपान के समय इसका दवा की तरह इस्तेमाल करना कितना सुरक्षित है, अभी इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इसलिए खाद्य पदार्थों के रूप में ही इसका सेवन करें।
किडनी से जुड़ी बीमारी में (Kidney disease)
अगर आप किडनी से जुड़ी बीमारी से ग्रसित हैं तो ज्यादा चुकंदर का इस्तेमाल उसे और अधिक खराब कर सकता है।
हिमोक्रोमेटोसिस (hemochromatosis)
अगर आपको हिमोक्रोमेटोसिस की समस्या है तो बीटरूट का सेवन ना करें। हिमोक्रोमेटोसिस एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें शरीर में आयरन की अधिकता हो जाती है।
लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure)
अगर आपको लो ब्लड प्रेशर है तो बीटरूट का सेवन कम करें। इससे आपका ब्लड प्रेशर और लो हो सकता है।
क्विज खेलें : Quiz : लो ब्लड प्रेशर हो सकता है बेहद खतरनाक, क्विज से जानें इसका इलाज
इसके सेवन से शरीर में कैल्शियम का लेवल कम हो सकता है और साथ ही किडनी भी खराब हो सकती है। हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो, ऐसा जरुरी नहीं है। ज्यादा मात्रा में चुकंदर खाने से निम्न साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं :
इसके अलावा कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें : Jiaogulan: जागुलन क्या है?
इसके सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं, उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए इसके सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
और पढ़ेंः Tomato: टमाटर क्या है?
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हैः
उम्मीद है कि ये आर्टिकल आपके लिए बहुत मददगार होगा। इस आर्टिकल में बताए गए सभी दिशा-निर्देशों के बाद भी अपने डॉक्टर के द्वारा सलाह दिए जाने पर ही चुकंदर का सेवन करें।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।