खसरा होने का कारण क्या है?
खसरा पैरामाइक्सोवायरस (paramyxovirus) के कारण होता है। खसरा का वायरस व्यक्ति के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को इंफेक्ट करता है। जिसके बाद खसरा के लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं।
खसरा का इलाज क्या है?
खसरा के इलाज के लिए कोई भी मुख्य दवा उपलब्ध नहीं है। हालांकि अब खसरा का टीका मौजूद है। जिसे एमएमआर वैक्सीन (MMR Vaccine) कहते है, जिसका पूरा नाम मिजेल्स-मम्प्स-रुबेला वैक्सीन कहा जाता है। इसके अलावा दो से तीन हफ्तों के बाद खसरा अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन फिर भी डॉक्टर लक्षणों के आधार पर भी इलाज करते हैं :
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मम्प्स या गलसुआ
मम्प्स को हिंदी में गलसुआ कहते हैं। गलसुआ इसलिए कहते हैं, क्योंकि इससे पीड़ित व्यक्ति के गालों में सूजन आ जाता है। गलसुआ एक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण होता है। मम्प्स वायुजनित रोग (एयरबॉर्न डिजीज) है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में लार के द्वारा फैल सकता है। इस वायुजनित रोग (एयरबॉर्न डिजीज) के संक्रमण होने के बाद मुंह में मौजूद लार ग्रंथि, जिसे पैरोटिड ग्लैंड कहते हैं, ये प्रभावित होती हैं। इस लार ग्रंथि के तीन समूह होते हैं जो मुंह के तीनों तरफ कानों के पीछे और नीचे पाए जाते हैं। यूं तो मम्प्स कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन फिर भी इसमें कुछ लक्षण इस समस्या को गंभीर बनाते हैं, जैसे- स्थाई रूप से सुनाई ना देना, टेस्टिस में सूजन, महिलाओं के ओवरी में सूजन आदि।
मम्प्स के लक्षण क्या हैं?
मम्प्स के लक्षण वायरस के संक्रमण होने के दो हफ्ते के भीतर सामने आ जाते हैं। मम्प्स के लक्षण निम्न हैं :
मम्प्स होना का कारण क्या है?
वायुजनित रोग (एयरबॉर्न डिजीज) छींकने, बोलने और खांसने से फैलता है, मम्प्स का वायरस हवा में फैल जाता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर देता है। मम्प्स के लिए जीनस रुबेला नामक वायरस जिम्मेदार होता है।
मम्प्स का इलाज क्या है?
मम्प्स के लिए भी वही टीका लगता है, जो खसरा में लगता है। एमएमआर वैक्सीन (MMR Vaccine) को मम्प्स के संक्रमण से बचाने के लिए दिया जाता है। इसके अलावा लक्षणों के आधार पर भी डॉक्टर इलाज करते हैं। बुखार को कम करने के लिए इबुप्रोफेन या एसिटामिनोफेन जैसे पेनकिलर डॉक्टर दे सकते हैं।
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चिकनपॉक्स
चिकनपॉक्स को वेरिसेला या चेचक भी कहा जाता है। ये एक वायुजनित रोग (एयरबॉर्न डिजीज) है। चिकनपॉक्स में पूरे शरीर और चेहरे पर दाने हो जाते हैं। चिकनपॉक्स के लिए वायरस जिम्मेदार होता है। जो सामान्य हर्पिस वायरस होता है, जिसे हम वेरिसेला जोस्टर वायरस भी कहते हैं। हालांकि, चिकनपॉक्स किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। लेकिन ये ज्यादातर 15 साल से कम आयु के बच्चों में देखा जाता है। वहीं, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है वो इस बीमारी से जल्दी संक्रमित होते हैं।
चिकनपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
चिकनपॉक्स के लक्षण संक्रमण होने के सामान्यतः 7 से 21 दिन भीतर दिखाई देते हैं, जो निम्न होते हैं :
- बुखार
- सिरदर्द
- हल्की खांसी
- थकान
- भूख न लगना
- शरीर पर खुजली वाले लाल दाने निकलना
- त्वचा पर रैशेज होना
- मुंह, कान और आंखों में छाले होना