एक्सपर्ट्स का मानना है कि, हाई इंटेंसिटी वर्कआउट जैसे, रनिंग, जॉगिंग या कार्डियो के दौरान मास्क का उपयोग करना जोखिम भरा हो सकता है। वैसे, आपको बता दें कि, कुछ मास्क का उपयोग वर्कआउट के दौरान ऑक्सीजन रेजिस्टेंस के लिए किया जाता है, जिससे शरीर के स्टेमिना को बढ़ाया जा सके। लेकिन, ध्यान रखें कि, ऐसा किसी जानकार की देखरेख में ही किया जाना चाहिए और इसके लिए उचित मास्क का उपयोग करना चाहिए। लेकिन, लोग बिना किसी जानकारी के सिर्फ कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक्सरसाइज के दौरान मास्क का उपयोग कर रहे हैं, जिससे खतरनाक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक टाइट फिटिंग मास्क जैसे एन-95, सर्जिकल या कपड़े का मास्क शरीर की सांस लेने की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है। जिससे शरीर में ब्लड गैस इक्वेशन बिगड़ जाती है और यह पोजिटिव एंड-एक्सपीरेटरी प्रेशर (Positive End- Expiratory Pressure; PEEP) को बढ़ावा देती है। यह PEEP आपके लिए न्यूमोथोरैक्स (Pneumothorax) का कारण बन सकता है। न्यूमोथोरैक्स को पंक्चर लंग्स भी कहा जाता है, जिसमें एक्सरसाइज के दौरान फेफड़ों पर अत्यधिक दबाव पड़ने पर फेफड़ों और छाती के बीच हवा भर जाती है और फिर फेफड़े पूरी तरह फूल नहीं पाते और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
इसके अलावा, एक्सरसाइज के दौरा मास्क का उपयोग करने से वह पसीने व मॉइश्चर की वजह से गीला हो सकता है। जिससे वह सांस लेने में और रुकावट पैदा कर सकता है और आपके शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसके साथ ही, जिन लोगों को फेफड़ों या दिल संबंधित बीमारियां हैं, उन्हें एक्सरसाइज के दौरान मास्क का उपयोग करने से ज्यादा खतरा हो सकता है, क्योंकि उनके फेफड़ों की क्षमता पहले ही काफी कमजोर होती है।