ताजे फल और सब्जियां- इनका सेवन नियमित तौर पर करने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ने के साथ-साथ एनर्जी भी भरपूर मात्रा में मिलती है।
पानी- अचरज में न पड़े। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और कंजेस्शन होने की संभावना कुछ हद तक कम हो जाती है।
एप्पल साइडर विनेगर- सलाड ड्रेसिंग आदि में एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल करने से शरीर को पोटाशियम और मिनरल दोनों मिल जाएगा, जिससे म्यूकस का उत्पादन भी कम हो जाएगा।
अनानास- इस फल में ब्रोमेलिन प्रोटियोलिटिक एंजाइम होता है, जिसका एंटी-इफ्लामेटरी गुण कंजेस्शन को रोकने में मदद करता है।
हर्बल टी– क्या आपको पता है कि हर्बल टी पीने से शरीर का इम्यून सिस्टम बेहतर तरीके से काम करने लगता है। इसके कारण सूजन और म्यूकस का प्रोडक्शन भी कम होने लगता है। अदरक, कैमोमाइल, ग्राउंड आइवी या पेपरमिंट, म्यूकस या बलगम को नैचुरल तरीके से निकालने में मदद करते हैं।
ग्रीन टी- ग्रीन टी का सेवन करने से साइनस के कारण जो सिर दर्द होता है, उससे जल्दी आराम मिलने के साथ-साथ सर्दी और छींक की समस्या से भी आराम मिलता है।इसलिए साइनस में डायट फॉलो कर रहें हैं, तो ग्रीन टी का सेवन करें।
खट्टे फल या साइट्रस फ्रूट- संतरा, अंगूर और बेर विटामिन सी (Vitamin C) से भरपूर होते हैं, जो साइनस के लक्षणों से आराम दिलाने में सहायता करते हैं। इसके अलावा टमाटर, ब्रोकली ओर स्ट्रॉबेरी में भी विटामिन सी होता है।
विटामिन ए– इस विटामिन को मेमब्रेन कंडिशनर भी कहते हैं। यह छाती, सिर और गले के म्यूकस मेमब्रेन को हेल्दी रखने के साथ-साथ त्वचा और आंखों को स्वस्थ रखने में सहायता करता है। विटामिन ए (Vitamin A) मूल रूप से गाजर, स्क्वाश, पीली और लाल शिमला मिर्च, गहरे हरे रंग के सब्जियों, पत्तेदार सब्जियों आदि में बहुतायत मात्रा में पाया जाता है।
और पढ़ें : साइनस की परेशानी को आसानी से दूर करते हैं ये घरेलू नुस्खे
फैटी एसिड और एन्टीऑक्सिडेंट- जिन लोगों को एलर्जी के कारण साइनस की बीमारी ज्यादा होती है, उन लोगों को फैटी एसिड (Fatty acid) और एन्टीऑक्सिडेंट (Antioxidant) से भरपूर डायट लेनी चाहिए। इससे शरीर में हिस्टामाइन (Histamine) और ल्यूकोट्रिएनेस का उत्पादन ज्यादा होता है, जो इलाज में मदद करता है।
लहसुन– यह तो जानी-मानी बात है कि लहसुन (Garlic) शरीर के इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत करता है, जिससे मरीज सर्दी-खांसी (Cold and cough) जैसे समस्याओं से लड़ पाता है।
मछली- यह तो आपको पता ही है कि मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 fatty acid) होता है, विशेष रूप से सालमन, सार्डिन और कॉड मछली में। इसलिए साइनस होने पर इन मछलियों को अपने आहार में शामिल करने की कोशिश करें।
इन खाद्द पदार्थों में मूल रूप से एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant), ओेमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 fatty acid) ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं, जो साइनस के कारण होनेवाली सूजन की समस्या से राहत दिलाने में बहुत सहायता करते हैं। साथ ही ये पूरे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करके सेहतमंद रहने में मदद करते हैं। इसलिए कहते हैं, स्वस्थ आहार सेहत का द्वार। इनके अलावा ये भी ध्यान रखें कि ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें और साइनस में डायट (Sinus diet) का ख्याल रखें और स्वस्थ रहें।