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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) होने पर क्या करें, क्या न करें?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/11/2021

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) होने पर क्या करें, क्या न करें?

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) की समस्या से लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं परेशान होती हैं। नैशनल किडनी फाउंडेशन का भी मानना है कि यूटीआई (UTI) के कारण सभी महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी परेशान रहती है। वहीं हमें कई चीजों के बारे में नहीं पता होता है, तो हम यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को और ज्यादा बढ़ा लेते हैं। जिससे हमें ही परेशानी होती है। इसलिए ये आपको जरूर जानना चाहिए कि इस तरह की समस्या होने पर आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। 

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) से बचने के लिए क्या न करें : डॉक्टर के पास जाना बंद कर देना

    थोड़ा सा आराम हो गया, अब डॉक्टर के यहां नहीं जाते हैं। ऐसा ख्याल हर किसी के मन में आता होगा, जो कि गलत है। आप ऐसा बिल्कुल भी न करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) के बैक्टीरिया को और ज्यादा फैलने का मौका दे रहे हैं। क्योंकि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) का समय से और पूरा इलाज न करने पर यह किडनी इंफेक्शन (Kidney function) का रूप ले लेता है। वहीं, कुछ लोग तो लक्षण सामने आते ही खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं। ऐसा करने से आप ठीक तो नहीं होंगे, लेकिन ई. कोलाई बैक्टीरिया को फलने-फूलने का मौका भरपूर दे देंगे। क्योंकि जरूरी नहीं कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण सामने आने पर यूटीआई ही हो। क्योंकि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन  के लक्षणों की तरह लक्षण सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (STDs), किडनी स्टोन (Kidney stone), कब्ज (Constipation) और वजायनल एट्रॉफी जैसे मामलों में भी होते हैं।

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    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) से बचने के लिए क्या करें : पूरा इलाज लें

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) के लक्षण सामने आने के बाद आप पहले डॉक्टर से मिलें। उसके बाद डॉक्टर द्वारा बताए गए दवाओं को सेवन करें। क्योंकि डॉक्टर आपकी जांच करने के बाद और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) के कारण को जानने के बाद ही इलाज करते हैं। फिर डॉक्टर एंटीबायोटिक्स और दवाएं देते हैं। डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं को समय से खाते रहें।

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    क्या न करें : डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं को लेना बंद कर देना

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) के इलाज के लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं को बंद नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं, तो ये आपके लिए बहुत बड़ी गलती साबित हो सकती है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) में डॉक्टर आपको सात से दस दिन के लिए दवा देते हैं। अगर आप सोचते हैं कि बस अब आराम हो गया तो इसका मतलब ये नहीं है कि एंटीबायोटिक का असर कई दिनों तक रहेगा। क्योंकि हर दवा के डोज और असर की एक सीमा होती है। यूटीआई को पूरी तरह से ठीक करने के लिए दवा का कोर्स होता है, जिसे पूरा करना जरूरी होता है। 

    क्या करें : डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का कोर्स पूरा करें

    आपको आराम हो गया तो क्या हुआ, अभी भी बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट से पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। उनके खात्मे के लिए आपको दवा का कोर्स पूरा करना पड़ेगा। अगर आपने दवा के कोर्स को पूरा नहीं किया तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) फिर से हो सकता है। यूं तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण तीन से चार दिन में खत्म हो जाता है, लेकिन फिर भी दवाओं के कोर्स को पूरा करना बेहद जरूरी है। वहीं, डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं के खत्म हो जाने के बाद आप एक बार और डॉक्टर को दिखा लें। जिससे ये पता चल जाएगा कि आपको और एंटीबायोटिक्स (Antibiotic) लेनी है या नहीं लेनी है। 

    क्या न करें : पानी नहीं पीना 

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) में पानी नहीं पीना चाहिए, अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो आप किडनी इंफेक्शन को न्योता दे रहे हैं। क्योंकि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में पानी रामबाण का काम करता है। यूटीआई में पानी ही सबसे बड़ा इलाज है। जिसके कारण बैक्टीरिया (Bacteria) फ्लश होते हैं। साथ ही पानी की मदद से ही एंटीबायोटिक्स यूरिनरी ट्रैक्ट तक पहुंच कर वहां मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करते हैं। 

    क्या करें : ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) में आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। आपको हर घंटे में एक गिलास पानी पीना चाहिए। पानी का जितना ज्यादा सेवन करेंगे उससे मूत्रमार्ग में यूटीआई के बैक्टीरिया पेशाब के साथ बाहर निकल जाएंगे। जिससे यूटीआई जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएगा। ज्यादा पानी पीने से आपको पेशाब भी बहुत लगेगी, तो आपको जब भी पेशाब आए तो आप कर लें। पेशाब को रोकने की कोशिश न करें। अगर आप पेशाब को रोकेंगे तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन बद से बदतर हो जाएगा। 

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    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को नीचे दिए इस 3 D मॉडल पर क्लिक कर समझें।

    क्या न करें : उत्तेजक पदार्थों का सेवन करना

    अगर कोई आपको पानी के अलावा कुछ अन्य चीज पीने की सलाह दे रहा है तो बिल्कुल न मानेंयूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में मादक पदार्थों का सेवन न करें। ये दवा के असर को कम करने के साथ ही आपकी रिकवरी में बाधक बनता है। उत्तेजक पदार्थों के सेवन से ब्लैडर तक ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है। जिससे यूटीआई को ठीक होने में समय लगता है। इसके अलावा आप सॉफ्ट ड्रिंक्स, कैफीन और एल्कोहॉल का भी सेवन न करें। 

    क्या करें : उत्तेजक पदार्थों की जगह करौंदे का जूस पिएं

    क्रैनबेरी यानी कि करौंदा यूटीआई में बहुत फायदेमंद औषधि है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में लोग करौंदे को घरेलू उपाय के तरह प्रयोग करते हैं। करौंदे का जूस बना कर पीने से संक्रमण ठीक होता है। आप एक दिन में 750 मिलीने से लीटर से 1 लीटर तक क्रैनबेरी जूस ले सकते हैं। इसे एक साथ न पी कर आप तीन से चार बार में पिएं। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के बैक्टीरिया फ्लश हो कर बाहर निकल जाएगा। लेकिन, अगर आपके परिवार में किसी को किडनी से संबंधित समस्या है तो आप भी करौंदे का जूस न पिएं। 

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    क्या न करें : यूटीआई में यूरिन को रोक कर रखना

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) होने पर बार-बार पेशाब नहीं करना चाहिए। ये बहुत बड़ा भ्रम है जो आपको और ज्यादा परेशान करने के लिए काफी है। क्योंकि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) के लक्षणों में सबसे बड़ा लक्षण बार-बार पेशाब आना है। इसलिए पेशाब को रोक के रखने से आपको ही परेशानी होगी। इसके अलावा आपके ब्लैडर में मौजूद बैक्टीरिया किडनी तक पहुंच कर उसे भी संक्रमित कर देंगे। जिससे आपका यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) जल्दी ठीक नहीं हो पाएगा। 

    क्या करें : यूरीन आने पर डिस्चार्ज करते रहें

    आपको हमेशा पानी पीना चाहिए। क्योंकि कहा गया है कि पानी पीने से शरीर के अपशिष्ट पदार्थ बाहर आते हैं और शरीर शुद्ध रहता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से यूरीन भी ज्यादा पास होती है। ऐसे में ब्लैडर में मौजूद बैक्टीरिया यूरीन के साथ फ्लश ह जाता है। वहीं, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) होने का कारण गुप्तांगों को साफ करने का गलत तरीका भी है। यूटीआई को रोकने के लिए हमेशा यूरिनरी ट्रैक्ट की साफ सफाई रखें। पेशाब करने के बाद आगे से पीछे की तरफ मूत्रमार्ग को पोछें। अगर आप पीछे से आगे की तरफ पोछेंगे तो बैक्टीरिया बाहर निकलने के बजाए अंदर जाएगा। इस तरह से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary tract infection) जल्दी ठीक नहीं हो पाएगा।

    क्या न करें : भरपूर सेक्स करना

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) होने पर महिलाओं को सेक्स करने में अजीब लगता है। ऐसे में महिलाएं सेक्स को लेकर चिढ़चिढ़ी हो जाती है। उन्हें सेक्स के दौरान जलन और दर्द भी महसूस होता है। कभी-कभी पेट के निचले हिस्से में दर्द भी होने लगता है इसलिए महिलाएं यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) में सेक्स नहीं करना चाहती हैं। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) में सेक्स इसलिए भी नहीं करना चाहिए कि योनि और यूरेथरा में मौजूद बैक्टीरिया इंटरकोर्स के कारण फिर से अंदर चला जाता है। जिस कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) जल्दी ठीक नहीं हो पाता है। 

    क्या करें : सेफ सेक्स करें

    यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) में अगर महिला राजी हो तो ही सेक्स करना चाहिए। अगर यूटीआई के लिए महिला ने एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर लिया है तो आप सेक्स कर सकते हैं। लेकिन, सेफ सेक्स (Safe sex) करें। क्योंकि यूटीआई एक संक्रामक समस्या है। जिससे आपको भी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) होने का खतरा बढ़ जाता है। 

    किडनी से जुड़ी बीमारियों में क्या करें और क्या ना करें? जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।

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