backup og meta

क्या संभव है ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/05/2021

    क्या संभव है ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल?

    उम्र के बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं। उन्हीं में से एक है हड्डियों का कमजोर हो जाना। हालांकि, हड्डियों के कमजोर होने का केवल एक कारण उम्र का बढ़ना ही नहीं होता। बल्कि, किसी बीमारी, दवाई, फैमिली हिस्ट्री आदि के कारण भी यह समस्या हो सकती है। हड्डियों के कमजोर और भंगुर होने की बीमारी को ऑस्टियोपोरोसिस कहा जाता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को हड्डियों से संबंधित कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस बीमारी के उपचार के लिए कई तरीकों को अपनाया जाता है। लेकिन, ऐसा भी माना जाता है कि ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल (Reversal of Osteoporosis) संभव है। आइए, जानते हैं ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)) के बारे में। इसके साथ ही यह भी जानें कि ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल (Reversal of Osteoporosis) संभव है या नहीं।

    ऑस्टियोपोरोसिस क्या है? (What is Osteoporosis)

    ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल (Reversal of Osteoporosis) हो सकता है या नहीं, यह जानने से पहले ऑस्टियोपोरोसिस के बारे में जान लेते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस उस बीमारी को कहा जाता है, जिसके कारण हमारी हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। यह इतनी भंगुर हो जाती है कि जरा सा गिरने या धक्का लगने से ही इनमें फ्रैक्चर हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित फ्रैक्चर्स अधिकतर कूल्हे, कलाई या रीढ़ की हड्डी में होते हैं। यह रोग किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। हेल्दी आहार और एक्सरसाइज करने से इस समस्या से कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है। जानिए क्या हैं इसके लक्षण।

    और पढ़ें : क्या है हड्डियों की बीमारी ऑस्टियोपोरोसिस? जानें इसके लक्षण

    ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण (Symptoms of Osteoporosis)

    इस रोग की शुरुआती स्टेज में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, जब हड्डियां अधिक कमजोर हो जाती हैं। तो इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

    ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल

    ऑस्टियोपोरोसिस के कारण और रिस्क फैक्टर कौन से हैं? (Causes and Risk Factors of Osteoporosis)

    हमारी हड्डियां लगातार रिन्यूअल स्टेट में होती हैं। इसका अर्थ यह है कि पुरानी हड्डी टूटती है और नई हड्डी बनती है। जब हमारी उम्र कम होती है, तब हमारा शरीर पुरानी हड्डी के टूटने की तुलना में नई हड्डी जल्दी बनाता है और हमारा बोन मास भी बढ़ता है। लेकिन 20 साल की उम्र के बाद यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है और अधिकतर लोग 30 की उम्र तक पीक बोन मास तक पहुंच जाते हैं। जैसे ही लोगों की उम्र बढ़ती है बोन मास बहुत तेजी से कम होने लगता है। ऑस्टियोपोरोसिस इस बात पर निर्भर करता है कि आपने युवावस्था में कितना बोन मास प्राप्त किया है। आपका जितना अधिक पीक बोन मास होगा, उतनी ही आपको कम संभावना होगी उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होने की। इससे जुड़े रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं :

    नेशनल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन (National Osteoporosis Foundation) के अनुसार हड्डी का टूटना ऑस्टियोपोरोसिस से जुडी बेहद गंभीर जटिलता है, खासतौर पर बुजुर्गों में। इस समस्या के कारण कुछ लोगों की ऊंचाई भी कम हो जाती है। जब ऑस्टियोपोरोसिस रोग कशेरुकाओं (Vertebrae), या रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है, तो प्रभावित व्यक्ति का पोस्चर बदल जाता है। इससे रोगी की मूवमेंट पर भी असर पड़ता है। यही नहीं, इसके कारण बुजुर्गों में कुछ भयानक कॉम्प्लीकेशन्स भी देखी जा सकती हैं। 

    ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल संभव है या नहीं? (Reversal of Osteoporosis)

    अब बात करते हैं ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल (Reversal of Osteoporosis) के बारे में। ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल बिना दवाइयों के संभव नहीं है। लेकिन, अपने जीवन में परिवर्तन कर के हम बोन लॉस और फ्रैक्चर की संभावनाओं को बहुत कम कर सकते हैं। ऐसा एक्टिव रहकर, अपने खानपान में बदलाव ला कर या पर्याप्त कैल्शियम व विटामिन डी आदि का सेवन करके संभव है। जानिए ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल करने के लिए आपको अपने जीवन में क्या बदलाव लाने चाहिए:

    सही आहार (Right Food)

    एक सही और संतुलित डायट ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल (Reversal of Osteoporosis) करने में सहायक हो सकती है। यही नहीं, इससे आपकी हड्डियां भी मजबूत होंगी। ऐसे में आपको इन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए:

    इसके साथ ही आपको कुछ विटामिन्स और मिनरल्स (Vitamins and Minerals) को भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए जैसे:

    कैल्शियम (Calcium)

    हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम को बहुत ही जरूरी माना जाता है। इसके लिए आप डेयरी उत्पादों जैसे दूध, दही, पनीर आदि का सेवन करें। इसके साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियां भी कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत होती हैं। इन्हें भी अपने आहार में आप शामिल कर सकते हैं।

    और पढ़ें : स्कोलियोसिस: जाने, रीढ़ की हड्डी की इस समस्या के नॉनसर्जिकल ट्रीटमेंट विकल्प के बारे में

    विटामिन डी (Vitamin D)

    कैल्शियम को अवशोषित करने के लिए हमारे शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है। इसलिए कैल्शियम के साथ ही विटामिन डी का सेवन करना बेहद जरूरी है। कुछ मछलियां जैसे सालमोन, टूना आदि में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी होता है। इसके साथ ही दूध, संतरा आदि से भी विटामिन डी प्राप्त किया जा सकता है। सूरज की किरणों में भी यह विटामिन पाई जाती है।

    ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल

    सप्लीमेंट्स (Supplements)

    आपके डॉक्टर आपकी रोजाना की जरूरतों को पूरा करने के लिए आपको मल्टीविटामिन या सप्लीमेंट लेने की सलाह भी दे सकते हैं। लेकिन, इसकी सही मात्रा के बारे में भी जानकारी होना भी जरूरी है। 

    व्यायाम (Exercise)

    नियमित व्यायाम करने से हड्डियों को मजबूत रहने में मदद मिल सकती है। व्यायाम करने के कई अतिरिक्त लाभ हैं जैसे मांसपेशियों का मजबूत होना। हमारे शरीर को कोऑर्डिनेटेड और बैलेंस्ड बनाने में मदद मिलना आदि। नियमित व्यायाम से ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियों के टूटने की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। आप कई तरह के व्यायाम कर सकते हैं जैसे:

    • वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज (Weight-bearing exercises) : इसमें एरोबिक एक्टिविटीज जैसे सैर करना, व्यायाम और टेनिस खेलना आदि शामिल है। इन्हें करने से आपको लाभ होगा।
    • रेजिस्टेंस एक्सरसाइज (Resistance exercises) : इसमें बॉडी वेट, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग आदि शामिल हैं । अगर आप इन एक्सरसाइजेज को कर सकते हैं और आपके डॉक्टर इन्हें करने की सलाह देते हैं, तभी उन्हें करें। 
    • स्ट्रेचेस  (Stretches) : स्ट्रेचेस  कराने से शरीर फ्लेक्सिबल बनता है और शरीर को मूव करने में आसानी होती है। इसलिए शरीर और हड्डियों की मजबूती के लिए इन्हें भी आप कर सकते हैं।

    किन चीजों का सेवन न करें?

    अगर आप अपनी हड्डियों को हेल्दी और मजबूत बनाए रखना चाहते हैं, तो कुछ चीजों को पूरी तरह से छोड़ देने में ही भलाई है। यह चीजें न केवल हड्डियों बल्कि हमारे सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं। यह चीजें इस प्रकार हैं:

    • एल्कोहॉल (Alcohol) : अधिक शराब पीने से भी हड्डियां कमजोर होती हैं। इसलिए इसका सेवन करना छोड़ दें या सीमित कर दें ।
    • कैफीन (Caffeine) :ऐसे पेय पदार्थ जिनमें कैफीन होता है,उनसे भी वो तरीका प्रभावित हो सकता है, जिससे हमारा शरीर कैल्शियम का अवशोषण करता है। इसलिए इनके सेवन से भी बचे।  
    • सोडा (Soda) : कुछ सॉफ्ट ड्रिंक्स भी बोन लॉस को बढ़ावा दे सकती हैं, इसलिए उनसे दूर रहना ही फायदेमंद है।

    और पढ़ें : बच्चों की मजबूत हड्डियों के लिए बचपन से ही दें उनकी डायट पर ध्यान

    अपनी एक्सरसाइज से संबंधित कोई भी जानकारी पाने या सलाह के लिए डॉक्टर से बात करें। आपकी उम्र, स्थिति आदि के अनुसार डॉक्टर आपको सही सलाह दे सकते हैं कि आपको कौन सा व्यायाम करना चाहिए ताकि आप इंजरी से बच सकें।  

    Quiz: रयूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण शरीर के किन अंगों को हो सकता है नुकसान?

    अनहेल्दी हैबिट्स को दूर रहें (Eliminating unhealthy habits)

    जैसे जीवन में हेल्दी चीजों को शामिल करना चाहिए वैसे ही अनहेल्दी चीजों से दूर रहना चाहिए। इसलिए कुछ चीजों को अपने जीवन से पूरी तरह से निकाल दें जैसे

    • अधिक अल्कोहल से बचें (Drinking too much Alcohol)
    • स्मोकिंग (Smoking)
    • अनहेल्दी फूड से बचें  (Eating Unhealthy Foods)

    तनाव से बचें (Reduce Stress)

    तनाव से कोर्टिसोल लेवल (Cortisol Levels) बढ़ता है। अगर अधिक समय तक कोर्टिसोल लेवल बढ़ता है तो इससे बोन लॉस हो सकता है। यही नहीं, कोर्टिसोल इंसुलिन का प्रतिरोध करता है। जिससे यह ब्लड शुगर को बढ़ाता है और मूत्र में कैल्शियम की कमी का कारण बनता है। इसलिए अगर आप हड्डियों को मजबूत रखना चाहते हैं तो आपको तनाव से बचना चाहिए। इसके लिए आप योग या मेडिटेशन कर सकते हैं। हमेशा सकारात्मक रहें और वो सब करें जिससे आपको खुशी मिलती है। अगर आपकी यह समस्या अधिक हो रही हो तो डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें।

    ऑस्टियोपोरोसिस

    जानिए ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के बारे में (Treatment of Osteoporosis)

    यह तो थी ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल (Reversal of Osteoporosis) कैसे हो सकता है इससे संबंधित कुछ जानकारी। लेकिन, बिना मेडिकल हेल्प के ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से राहत पाना संभव नहीं है। इसलिए यह रोग होने पर रोगी को हमेशा अपने हेल्थ ट्रीटमेंट प्लान का पालन करना चाहिए ताकि लक्षणों से छुटकारा पाया जा सके। इसके उपचार में देरी करने से न केवल हड्डियां कमजोर हो सकती है बल्कि अन्य कई समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे ऊंचाई का कम होना (Shrinking in Height), पुअर पोस्चर (Poor Posture) या बेचैनी (Discomfort) आदि

    इसके उपचार के लिए डॉक्टर रोग को कई दवाइयां दे सकते हैं जो उन्हें रोजाना लेनी पड़ सकती हैं, इसे साथ ही नियमित चेकअप भी जरूरी है। अगर आपकी बोन डेंसिटी कम होना रुक जाती है और आप हड्डियों के फ्रैक्टर या टूटना कम महसूस करते हैं तो आपका उपचार सफल माना जाता है। लेकिन, अगर आप अपने लक्षणों को बदतर महसयस करते हैं तो आपके उपचार को बदला जा सकता है।

    और पढ़ें : सावधान: शरीर के इन हिस्सों में दर्द हो सकते हैं हड्डी के रोग के लक्षण

    यह तो थी ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल (Reversal of Osteoporosis) कैसे हो सकता है, इस बारे में पूरी जानकारी। ऑस्टियोपोरोसिस का रिवर्सल मुमकिन नहीं है लेकिन सही लाइफस्टाइल और ट्रीटमेंट से हड्डियां मजबूत होने में मदद मिल सकती है। अगर आपके मन में अपने ट्रीटमेंट प्लान को लेकर कोई भी चिंता है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। इसके साथ ही डॉक्टर से अपनी हेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतों के बारे में भी बात करें ताकि बोन डेंसिटी लॉस से बचा जा सके और स्थिति को भी बदतर होने से बचाया जा सके।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 05/05/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement