“इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड की फिजिशियन एंड इंफेक्शन डिजीज स्पेशलिस्ट डा. अनीता मैथवे का कहना है कि तनाव से अटैक और स्ट्रोक खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इन मरीजों को अपने लाइफस्टाइल और खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तनाव का स्ट्रोक और अटैक से बहुत गहरा संबंध है। मस्तिष्क में स्ट्रोक या हार्ट अटैक की कंडीशन (Heart Attack Condition) तब होती है, जब ऑक्सिजन की आपूर्ति हो जाती है। जिस कारण मस्तिष्क में रक्त का रिसाव, मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनी में थक्का या मस्तिष्क को ऑक्सिजन की आपूर्ति और हदय में ऑक्सिजन की आपूर्ति होने लगती है। तनाव जब बहुत अत्यधिक हो जाता है, तब इसका प्रभाव सबसे पहले हार्ट (Heart) और ब्रेन (Brain) पर ही पड़ता है।’
कारण और रिस्क फैक्टर्स
कुछ बीमारियां जैसे हाय ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल या मोटापा आदि स्ट्रोक के कारण हो सकते हैं। इसके अलावा स्लीप एप्निया भी इसका कारण है। इससे जुड़े कुछ रिस्क फैक्टर इस प्रकार हैं :
- हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
- स्मोकिंग (Smoking)
- डायबिटीज (Diabetes)
- हाय ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल (High Blood Cholesterol Level)
- अधिक शराब पीना (Heavy Drinking)
- अधिक नमक और वसा युक्त आहार (High salt and Fat Diet)
- एक्सरसाइज न करना (Lack of exercise)
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उपचार और निदान (Diagnosis and Treatment)
स्ट्रोक का उपचार इसके प्रकार पर निर्भर करता है। डॉक्टर इसके लिए हेड सिटी स्कैन (head CT Scan) या मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging) कराने के लिए कह सकते हैं। अन्य टेस्ट में ब्लड टेस्ट, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम(electrocardiogram), इकोकार्डियोग्राफी(echocardiography) आदि शामिल हैं। जब कोई व्यक्ति स्ट्रोक का सामना करता है तो डॉक्टर का लक्षण उन्हें दूसरे स्ट्रोक से बचाना होता ह। इसके लिए वो दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर सही व्यायाम और सही आहार लेने की सलाह भी देंगे।
सीज़र्स (Seizures)
सीज़र्स मस्तिष्क की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी (Electrical Activity) में परिवर्तन हैं। यह एक आम बीमारी है। सीज़र्स के लक्षण आपके सीज़र्स की गंभीरता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन सबसे आम लक्षण इस प्रकार हैं:
- कॉग्निटिव या इमोशनल लक्षण जैसे ड़र, एंग्जायटी आदि (Cognitive or Emotional Symptoms)
- चेतना या जागरूकता में कमी (Loss of Consciousness or Awareness)
- अस्थायी भ्रम (Temporary Confusion)
कारण और रिस्क फैक्टर्स (Causes and Risk Factors)
एक सीजर अक्सर मिर्गी का परिणाम है, लेकिन इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं। इससे जुड़े रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- अधिक शराब पीने से (Alcohol abuse)
- सिर का आघात (Head Trauma)
- अधिक बुखार (High Fever)
- नींद कम आना (Lack of Sleep)
- लौ ब्लड सोडियम (Low Blood Sodium)
- दर्द से राहत पहुंचाने वाली दवाईयां (Pain Relieving Drugs) )
निदान और उपचार(Diagnosis and Treatment)
सीज़र के बाद डॉक्टर की सलाह और उपचार जरूरी है। प्रारंभिक उपचार और दवा आपके सीज़र्स को नियंत्रित कर सकते हैं, और आप दीर्घकालिक जटिलताओं जैसे मेमोरी लोस्स और ब्रेन डैमेज से बचेंगे।
पार्किंसंस रोग डिजीज (Parkinson’s Disease)
पार्किंसंस रोग एक प्रोग्रेसिव नर्वस सिस्टम विकार है जो आपके मूवमेंट को प्रभावित करता है। आमतौर पर, यह 60 साल की उम्र के आसपास के लोगों को प्रभावित करना शुरू कर देता है, और लक्षण धीरे-धीरे समय के साथ खराब हो जाते हैं। इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं
- कब्ज (Constipation)
- मांसपेशियों में अकड़न (Muscle stiffness)
- किसी चीज की गंध न आना (Reduced smell)
- चेहरे में अकड़न (Stiff face)
- बोलने में समस्या (Speech changes)