क्या कहता है एफडीए (Food and drug administration)?
एफडीए ओटीसी (ओवर द काउंटर) मिलने वाले स्किन लाइटनिंग प्रोडक्ट्स को सुरक्षित और प्रभावकारी नहीं मानता। ऐसे प्रोडक्ट्स जिन्हें नैचुरल स्किन ब्लीचिंग और स्किन लाइटनिंग के तौर पर प्रचारित किया जाता है वे एफडीए के द्वारा रेगुलेट नहीं होते हैं। ज्यादातर स्किन लाइटनिंग प्रोडक्ट्स ज्यादा डार्क स्किन वाले लोगों को रिकमंड नहीं किए गए हैं क्योंकि ये हाइपरपिगमेंटेशन का कारण बन सकता है। इसके साथ ही स्किन लाइटनिंग ट्रीटमेंट बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को उपयोग करने की सिफारिश नहीं की जाती।
स्किन लाइटनिंग क्रीम में पाए जाने वाले हानिकारक कैमिकल्स जो स्किन डैमेज का कारण बनते हैं।
1. स्टेरॉयड
स्किन लाइटनिंग क्रीम में स्टेरॉयड होते हैं जिनका उपयोग त्वचा पर तेजी से और बेहतर परिणाम देने के लिए किया जा है। आपकी त्वचा को गोरा बनाने के लिए यूज किए जाने वाले इन स्टेरॉयड के कारण स्थायी निशान, पिंपल्स, एलर्जी और त्वचा का स्थायी कालापन हो सकता है। यह आपकी त्वचा को पतला बनाते हैं जिससे चेहरे पर बालों की मात्रा बढ़ती है। हम यही कहेंगे कि इन स्किन लाइटनिंग क्रीम से बचें और अपनी त्वचा की रंगत का सम्मान करें।
2. हाइड्रोक्विनोन
अधिकांश फेयरनेस क्रीम उत्पादों में हाइड्रोक्विनोन होता है जो ब्लीचिंग एजेंट के रूप में काम करता है। आप उत्पाद को गोरा करने के लिए खरीद सकते हैं, लेकिन हाइड्रोक्विनोन त्वचा को काला कर देता है। इस रसायन को जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में प्रतिबंधित कर दिया गया है। इन उत्पादों के निरंतर उपयोग से आपकी त्वचा हल्की, पतली और अधिक संवेदनशील हो जाती है। यह त्वचा पर तुरंत रिएक्शन करके घातक परिणाम दे सकता है।
3.पैराबीन्स
सभी फेयरनेस क्रीम्स में प्रिजर्वेटिव्स का उपयोग किया जाता है जिसमें एक हानिकारक इंडीग्रेट होता है जिसे पैराबीन्स कहा जाता है। यह कैमिकल सस्ता होता है और ज्यादा कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में उपयोग होता है। आप ऐसी किसी क्रीम का उपयोग न करें जिसमें पैराबीन्स हो। इसकी जगह आप पैराबीन फ्री क्रीम का यूज कर सकते हैं।
4. लेड और मरकरी
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट इन इंडिया (CSE) की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा प्रसिद्ध स्किन व्हाइटनिंग क्रीम में लेड और मरकरी पाया जाता है। स्किन लाइटनिंग क्रीम में पाए जाने वाले तत्व खतरनाक होते हैं और आपकी त्वचा को सूरज की रोशनी के प्रति संवेदनशील बनाते हैं, या यहां तक कि त्वचा के काले पड़ने का कारण भी बनते हैं। अधिक बार उपयोग करने पर यह आपके चेहरे पर निशान छोड़ सकते हैं जो स्थायी हो सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्किन लाइटनिंग क्रीम आपकी त्वचा की सहनशीलता को कम कर देती है जिससे वह अपनी सेल्फ रिपेयर की क्षमता खो देती है।
ऊपर दी गई स्किन लाइटनिंग क्रीम से जुड़ी सलाह किसी भी चिकित्सा को प्रदान नहीं करती हैं। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और स्किन लाइटनिंग क्रीम और इसके उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।