इस कारण यह एसिड दांत को प्रभावित करते हैं और इससे नुकीले दांत की समस्या हो सकती है। इसके अलावा ऐसे लोग जिन्हें कुछ चबाने की आदत हो, जैसे गुटका, खैनी, तंबाकू आदि उनके दांत भी नुकीले हो सकते हैं। किसी ट्रामा, एक्सीडेंट की वजह से भी नुकीले दांत हो सकते हैं। यह मुंह में गाल व जीभ, अधिकतर केस में जीभ को नुकसान पहुंचाते हैं।
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नुकीले दांत से कैसे पहुंचता है नुकसान
नुकीले दांत हमारे जीभ, जबड़े या फिर गाल सहित मुंह में बार- बार चोट मारते हैं। इस कारण वो हिस्सा छाले में बदल जाता है। जिसे अल्सर कहा जाता है। वहीं यदि इसका उपचार न किया गया तो यही छाला बड़ा होने लगता है और ट्रॉमिक नॉन हीलिंग अल्सर में तब्दील हो जाता है। यही आगे चलकर कैंसर का रूप ले लेता है। इसलिए जरूरी है कि यदि आपके मुंह में नुकीले दांत के कारण गाल, जीभ या अन्य हिस्सों में छाला हो तो मुंह का कैंसर हो सकता है। यह कैंसर के लक्षण में से एक हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर डाॅक्टरी सलाह लेना चाहिए। मुंह के अंदर गाल-जीभ सॉफ्ट टिशू में आते हैं, चोट लगने से यह आसानी से चोटिल हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि इनका सावधानी से ध्यान रखा जाए।
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30 से 40 की उम्र में देखने को ज्यादा मिलते हैं नुकीले दांत
डॉक्टर सिकंदर प्रसाद के अनुसार 30 से 40 साल की उम्र में नुकीले दांत की समस्या देखने को मिलती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि नुकीले दांत की समस्या बच्चों को नहीं हो सकती, लेकिन उनमें यह काफी रेयर है। क्योंकि व्यस्कों में ही एसिडिटी की समस्या देखने को मिलती है, साथ वे ही ज्यादा खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, या फिर गलत ब्रशिंग टेक्निग के कारण या फिर पेस्ट के कारण उनको यह समस्या होने की संभावना ज्यादा रहती है।