जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि पैलेट एक्सपानडर (Palate Expanders) का इस्तेमाल समस्या के अनुरूप किया जाता है। जिस तरह की समस्या होती है, उसके अनुसार ही पैलेट एक्सपानडर का चुनाव किया जाता है। पैलेट एक्सपानडर दो हिस्सों में बंटे होते हैं और पेंच की सहायता से इन्हें जोड़ा जाता है। इसमें स्क्रू होते हैं, जिन्हें की की सहायता से घुमाना होता है। की का इस्तेमाल करने से जबड़ों के दोनों हिस्सों में प्रेशर यानी दबाव पैदा होता है। ऑर्थोडोंटिक्स अपर जॉ और टीथ का इम्प्रेशन लेंगे और लेबोरेटरी में इसे भेजा जाता है। यानी अगर आपको पैलेट एक्सपानडर का इस्तेमाल करना है, तो इसे आपको बनवाना पड़ेगा। जानिए ओरल डिवाइस के कितने प्रकार होते हैं।
रिमूवेबल पैलेट एक्सपानडर (Removable palate expander)
कुछ पैलेट एक्सपानडर ऐसे होते हैं, जिन्हें कभी भी हटाया जा सकता है और कुछ महीनों के लिए मुंह में फिक्स रहते हैं। अगर आपके जबड़ों में ज्यादा समस्या नहीं है, तो ऑर्थोडोंटिक्स आपको रिमूवेबल पैलेट एक्सपानडर लगवाने की राय देते हैं। आप खाते समय, टीथ को ब्रश करते समय या फिर खेलते समय इन्हें निकाल सकते हैं।
हास एक्सपेंडर (Haas expander)
ये फिक्स एक्सपेंडर बैक मोलर से जुड़ा रहता है। एक्रेलिक प्लेट में एक स्क्रू होता है, जो एडजस्ट करने पर फैलता है। इससे पैलेट और दांतों पर दबाव पड़ता है।
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हायरेक्स रैपिड पैलेटल एक्सपेंडर (Hyrax rapid palatal expander)
ये भी फिक्स पैलेट एक्सपेंडर (Palate Expanders) है। ये बैक मोलर से जुड़ा रहता है। ये बैंड सभी दातों से अलग-अलग जगह पर चिपके रहते हैं। हायरेक्स में स्क्रू होता है, जो माउथ के रूफ के नीचे, मिडिल में स्थित होता है। आपको एक्सपर्ट से इस बारे में जानकारी लेनी चाहिए कि कैसे की (Key) का इस्तेमाल करना है।