किशोरावस्था या टीनएज की बात करें, तो सामान्य रूप से 9 से 19 साल तक के बच्चों को इस श्रेणी में रखा जा सकता है। हर उम्र के बच्चे पर अलग-अलग तरह का प्रेशर हो सकता है। जैसे- प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे पर एग्जाम में टॉप स्कोरर या हाई मार्क्स लाने का प्रेशर, किसी बच्चे पर मां-बाप के सपनों का प्रेशर आदि-आदि। आमतौर पर, करियर प्रेशर 15 वर्ष से 18 वर्ष या उसके आसपास के उम्र के बच्चों पर ज्यादा हो सकता है। क्योंकि, इस समय आप हाई स्कूल से निकलकर कॉलेज या कोई प्रोफेशनल कोर्स या फिर भविष्य के लिए एक रास्ता खोज रहे होते हैं, जिसपर वो जिंदगी में चलना चाहते हैं। लेकिन, जरूरी नहीं कि करियर प्रेशर सिर्फ इसी उम्र के बच्चों पर हो, क्योंकि आज के बदलते समाज में 10 साल का बच्चा भी आगे चलकर एक अलग प्रोफेशन चुनना या सफल या अमीर बनने का सपना रख सकता या सकती है और भारत जैसे देश में जहां पैदा होते ही बच्चे के पापा, ताऊ, चाचा, फूफा, मां, ताई, चाची, बुआ आदि, उसके प्रोफेशन का चुनाव कर देते हैं, वहां बच्चों पर करियर प्रेशर की उम्र का आंकलन करना गलत होगा। इतने शायद बच्चे के पास करियर के ऑप्शन नहीं होते, जितना कि उसके करियर का चुनाव करने वाले होते हैं।
हालांकि, बच्चों पर करियर प्रेशर के सामान्य प्रकार निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- करियर चुनना
- बेस्ट कॉलेज का चुनाव
- मां-बाप के सपनों या उम्मीदों पर खरा उतरना, जो कि शायद ही कोई कर पाता हो
- कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम या प्लेसमेंट के लिए पढ़ाई करना
- सिंगिंग, एक्टिंग, पेंटिंग, फैशन डिजाइनिंग आदि जैसे किसी अन्य गैर-पारंपरिक करियर के लिए मां-बाप को समझाना, आदि
- इसके अलावा, कोई करियर ऑप्शन न होना भी बच्चों पर करियर प्रेशर का एक प्रकार हो सकता है
- दोस्त, क्लासमेट, कॉलेजमेट आदि से करियर में मुकाबला करने का प्रेशर