बाल श्रम का एक और खतरनाक प्रभाव यह है कि, यह बच्चों को नशे जैसी खतरनाक आदत लगा सकता है। क्योंकि, बच्चे एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण से दूर रहते हैं, उनसे बाल मजदूरी करवाने वाले लोग ही कई बार उन्हें खतरनाक नशीले पदार्थों की आदत पड़वा देते हैं, ताकि उनकी कुछ सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाए और वो वैसा ही करते रहे, जैसा कि वह लोग कहते हैं। नशे की आदत कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जो कि जानलेवा रूप भी ले सकती है।
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डर का कारण
चाइल्ड लेबर के दुष्प्रभाव में बच्चे के मन में डर भी हो सकता है। क्योंकि, लोग उनके मन में इतना डर भर देते हैं कि, वह कुछ भी करने से पहले कई बार सोचते हैं। उनसे कोई गलती हो जाने पर मारना-पीटना, कई-कई दिनों तक भूखा रखना आदि जैसी प्रताड़ना की जाती है। इन घटनाओं की वजह से उनके मन में गंभीर डर बैठ जाता है, जो कि जिंदगीभर उनका पीछा कर सकता है। यह डर उनके मानसिक विकास को रोक सकता है और वह धीरे-धीरे तनाव, अवसाद जैसी समस्याओं का शिकार भी हो सकते हैं। कई बार, बच्चों के साथ यौन शोषण जैसा घिनौना काम भी किया जाता है।
कुपोषण
बाल मजदूरी करवाने वाले लोग बच्चों के स्वास्थ्य पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते। उन्हें पर्याप्त खाना नहीं दिया जाता। जिस वजह से उनके शरीर में पोषण की कमी होने लगती है, यह कमी उनमें कुपोषण का कारण बनता है। जिससे उनके शारीरिक विकास में बाधा हो जाती है, उनमें स्टेमिना, मसल्स स्ट्रेंथ, हड्डियों की मजबूती आदि खत्म हो जाती है, जिससे उन्हें किसी आम बीमारी या संक्रमण से भी जानलेवा परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।