backup og meta

बच्चों को खड़े होना सीखाना है, तो कपड़ों का भी रखें ध्यान

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/07/2021

    बच्चों को खड़े होना सीखाना है, तो कपड़ों का भी रखें ध्यान

    यह कल की बात लगती है कि आप अस्पताल से अपने छोटे से बच्चे को घर लेकर आते हैं। घुटनों पर चलते बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) हर माता-पिता का पहला सपना होता है। दो से तीन साल के बीच बच्चा पैरों से चलने की कोशिश करने लगता है। लेकिन, बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) इतना आसान भी नहीं है। अगर आपका बच्चा खड़े होने के लिए अपने पहले कदम रखने वाला है, तो इसमें उसकी सफलता और आपकी खुशी को बनाएं रखने के लिए कुछ आसान टिप्स हैं।

    सही कपड़ों से आसान होगा बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand)

    यहां तक कि फुर्तीले बच्चे को गलत कपड़े उनके पहले कदम रखने की कोशिश में बाधा डाल सकते हैं। अगर आपको बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) है, तो आपको उसके लिए सही तैयारी करनी होगी। बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) है, तो उसे आरामदायक कपड़े पहनाएं। स्लीपरी मोजे, लंबे कपड़े या बहुत टाइट कपड़े आपके बच्चे के उसके पहले कदम को रोक सकते हैं।

    इससे बेहतर होगा कि आप बच्चे को नंगे पैर, कम्फर्ट पैंट और एक स्ट्रेच टी-शर्ट पहनाएं। ऐसी किसी भी चीज से बचें, जो आपके बच्चे की चलने की स्पीड को रोक सकता है या उन्हें उनके पहले कदम से दूर ले जा सकता है। बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) आपकी पहली प्राथमिकता होती है। ऐसे में आप बच्चे के कंफर्ट पर पूरा ध्यान दें और उन्हें खड़ा होने के लिए प्रेरित करें

    बच्चों को खड़े होना सीखाना है, तो सुरक्षा भी है जरूरी

    बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) हो, तो आपको इसकी पहले से तैयारी करनी होगी। बच्चों को खड़े होना सीखाने के दौरान उसकी सुरक्षा के लिए बच्चे के साथ आपको भी तैयार रहना पड़ेगा। अगर आपका बच्चा लाउंज रूम या किचन फ्लोर पर खड़ा होना या घूमना चाहता है, तो आपको उसके इशारे समझने होंगे। यह आपके लिए एक इशारा है कि आप इन जगहों के आस-पास के खतरों की फिर से जांच करें।

    टेबल और दूसरे फर्नीचर के कोनों पर ध्यान दें। जो चीजें बच्चों की क्रॉलिंग (Crawling) के दौरान उनकी पहुंच से बहुत दूर थीं। फर्श आपके बच्चे के पहले कदम के लिए सख्त हो सकता है उसके बारे में भी सोचना शुरू करें। उनके चलने की तैयारी के लिए नया प्लान बनाएं।

    जिन चीजों से बच्चे को खतरा हो सकता है उन्हें थोड़ा ऊपर रखें या उनकी पहुंच से दूर करें। बच्चे के लिए घर में केमिकल फ्री पेंट कराएं और अपने बच्चे के लिए फर्नीचर को सुरक्षित बनाने के लिए तुरंत अपने फर्नीचर स्टोर से संपर्क करें।

    और पढ़ेंः पिकी ईटिंग से बचाने के लिए बच्चों को नए फूड टेस्ट कराना है जरूरी

    सोने से ठीक पहले बच्चों को खड़े होना सीखाना है गलत

    सोने से ठीक पहले बच्चों को खड़े होना सिखाना उन्हें चिड़चिड़ा बना सकता है। सोने से पहले बच्चों को खड़े होना सिखाने के लिए प्रोत्साहित करने का अच्छा समय नहीं है। इस वक्त बच्चा दिनभर का थका हुआ और चिड़चिड़ा रहता है। इस समय न केवल वे थके हुए और सोने के मूड में रहते हैं वे खड़ें होने के लिए ध्यान रखने वाली जरूरी बातों को भी नजरअंदाज करेंगे। जैसे बैलेंस बनाना या दोनों हाथों को पकड़ना। ऐसी जरूरी बातों को अनदेखा कर वो आपके कहने पर खड़े तो हो जाएंगे लेकिन आगे उन्हें परेशानी होगी। इसलिए बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) है, तो समय का ध्यान दें और समय के अनुसार उन्हें मोटिवेट करें।

    बच्चों को खड़े होना सीखाना है, तो कोशिश करें

    एक बार जब आपका बच्चा अपने पैरों पर खड़ा होने लगता है और आपकी मदद के बिना खड़े होने के बारे में अधिक कॉन्फिडेट महसूस कर रहा है, तो उसे  बार-बार ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें। दिन के बीच में कई बार बच्चों को खड़े होने के लिए मोटिवेट करते रहें और कोशिश करते रहें।

    जितना अधिक आपका बच्चा अपने पैरों पर खड़ा होता है, उतना ही अधिक वह एक बैलेंस स्कील सिखेगा और जितना अधिक उसके अगले कदम उठाने की संभावना होगी उतना ही वह घर के फर्नीचर के आसपास जाएगा। बच्चों को खड़े होना सीखाना एक बार की कोशिश से नही हो सकता इसके लिए आपको बार-बार कोशिश करनी पड़ेगी।

    और पढ़ेंः बच्चों की गट हेल्थ के लिए आजमाएं ये सुपर फूड्स

    बच्चों को खड़े होना सीखाना है, तो उनकी तारीफ करें

    जब-जब बच्चे चलने की कोशिश करने में सफल रहें, तब उनकी तारीफ करें या उसे उसकी पसंदीदा चीजें दें। नई चीजें सीखने पर बच्चे खुद भी थोड़ा खुश और थोड़े डरे होते हैं इसलिए परिवार और माता-पिता का सर्पोट उन्हें और ऊर्जावान बनाता है। बच्चे को खड़े होता देख और चलते देख उन्हें गले से लगाएं और प्यार करें। ऐसा करना उन्हें आगे बढ़कर चलने की प्रेरणा देगा। बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) है. तो उनकी तारीफ करना मददगार साबित हो सकता है।

    अपने बच्चे के लिए चीयर-स्क्वाड बनाने के लिए परिवार और दोस्तों को शामिल करें। इस तरह पूरे परिवार का प्रोत्साहन उन्हें आगे बढ़ने में मदद करेगा और बार-बार कोशिश के लिए मोटिवेट करेगा।

    बच्चे के खड़े होने का पल रिकॉर्ड करें

    अपने बच्चे के हर एक पल के बहुत सारे फोटो और वीडियो लेना भी न भूलें क्योंकि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता हैं और वो आगे बढ़ने की और कोशिश करते हैं।

    बच्चों के गोल-मटोल पैरों को चलते हुए देखने के साथ अपने बच्चे के जोश को देखने से बेहतर शायद ही कुछ होगा खासकर जब वह अपना पहला कदम रख रहे हों। यह केवल उनका पहला कदम नहीं होता बल्कि यह उनके लिए अपने आप को स्वतंत्र रुप से चलते हुए देखने का पहला मौका होता है।

    आप जितनी ज्यादा यादें अपने बच्चे के बचपन से चुराते हैं उतना ही ज्यादा आप उन्हें बड़ें होने पर सरप्राइज दे सकते हैं। ये यादें आपके साथ-साथ आपके बच्चे के लिए भी खास होती हैंं।

    बच्चों को खड़ा होना सीखाना हो, तो थोड़ी प्लानिंग माता-पिता को भी करनी ही पड़ती है, जिससे आने वाले समय में वह अपने बच्चे को उसके द्वारा की गई चीजें दिखा सकें।

    और पढ़ेंः बच्चों में मानसिक बीमारियां बन सकती है बड़ी परेशानी!

    बच्चों को खड़े होना सीखाना है तो ये भी करें

    बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) या बच्चे का चलना है, तो अपने बच्चे को बहुत सारी चीजें देखने और करने के लिए दें। अपने घर के गार्डन और आस-पास घूमें या घर के आसपास बच्चो को खुली जगह पर ले जाएं। घर पर आप तकिए या छोटे डब्बे का रास्ता बनाए और अपने बच्चे को इसके माध्यम से चलने, चढ़ने और क्रॉल करने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। बच्चों को खड़े होना सीखाना हो, तो उसे खूब सारी बॉल दें जिसे वह पैर से मार सके और फेंक सके।

    विशेषज्ञों का मानना है कि आप बच्चों को खड़ा होना सिखाने के लिए ये कर सकते हैः

    • हर रोज कम से कम 30 मिनट बच्चों को एक्सरसाइज या कोई एक्टिविटी कराएं जैसे कि खेल के मैदान पर खेलना या टहलने जाना।
    • हर दिन कम से कम एक घंटे का अनस्ट्रक्चर्ड फ्री प्ले कराएं, जिसमें वो खिलौनों के साथ खेल सकें
    • सोते समय को छोड़कर बच्चों को एक घंटे से ज्यादा देर के लिए इनएक्टिव न रहने दें
    • इनडोर और आउटडोर प्ले के लिए ऐसे क्षेत्र चुनें जहां बच्चों की सुरक्षा के सही इंतजाम हो

    बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) या बच्चे का चलना हर माता-पिता की पहली और जरूरी जिम्मेदारी है। अगर आप भी इन बातों का ध्यान रखते हैं, तो आपके लिए बच्चे का पहला कदम रखने की शुरुआत आसान हो सकती है।

    हम उम्मीद करते हैं कि आपको बच्चों को खड़े होना सीखाना (Teaching kids to stand) या बच्चे का चलना से संबंधित ये आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो, तो डॉक्टर से जरूर पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/07/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement