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शिशुओं के लिए ठोस आहार की डायट कब शुरू करनी चाहिए?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/07/2021

    शिशुओं के लिए ठोस आहार की डायट कब शुरू करनी चाहिए?

    शिशुओं के लिए ठोस आहार की डायट देना शुरू करना चाहिए इसको लेकर माता-पिता कंफ्यूज रहते हैं। लेकिन, क्या बच्चे का दूध से सॉलिड फूड का सफर मां के लिए आसान होता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि माता-पिता को कब तक इंतजार करना चाहिए। पेरेंट्स को बच्चे के छह महीने का ना होने तक का इंतजार करना चाहिए। दूध और फॉर्मूला मिल्क लेने के बाद बच्चों को लगभग 6 महीने बाद ही सॉलिड फूड पर स्विच करना चाहिए। सॉलिड फूड मां के दूध या फॉर्मूला की तरह पौष्टिक नहीं होता हैं। बच्चों को इसे निगलने में भी परेशानी होती है और समय से इसे पहले देने बच्चे को एक्जिमा और एलर्जी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।

    कैसे जानें शिशुओं के लिए ठोस आहार का सही समय

    चार से छह महीने के अंदर आपका शिशु अपने मुंह से भोजन को गले तक ले जाने के लिए विकास करना शुरू कर देता है। उसका अपने सिर पर नियंत्रण बेहतर होता है। आप क्या खा रहें उसमें बच्चे की दिलचस्पी बढ़ सकती है और अगर आप शिशु को खाना ऑफर करेंगे, तो बच्चा मुंह खोलकर खाने में रुचि दिखाएगा।

    ये संकेत हैं कि बच्चा अब लिक्विड डायट से सॉलिड फूड की तरफ बढ़ने को तैयार है। बच्चे की खाने में दिलचस्पी होना यह बताता है कि बच्चा बड़े परिवर्तन के लिए तैयार हो रहा है और एक बार जब आपका बच्चा तैयार हो जाता है, तो आप इसे शुरू कर सकते हैं।

    शिशुओं के लिए ठोस आहार क्या है?

    शिशु के खानपान के बारे में डफरिन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सलमान का कहना है कि शिशु के खाने की शुरूआत लाइफ फूड से करना चाहिए। फिर ठोस डायट शुरू करना चाहिए। नवजात शिशुओं के लिए ठोस आहार की डायट शुरू करने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि ठोस आहार क्या है। जन्म के छह माह तक नवजात शिशुओं को सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। हालांकि, जैसे-जैसे उनके शरीर का विकास होता है, वैसे-वैसे उनके शरीर के पोषण के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थों की जरूरते भी बढ़ने लगती हैं। जैसे सामान्य तौर पर हम और आप या कोई भी व्यस्क व्यक्ति खाता है। हालांकि, इसका यह अर्थ नहीं है कि छह माह के बाद आप अपने लिए तैयार किया हुआ भोजन शिशु को खिलानाशुरू कर दें। शिशुओं के लिए ठोस आहार से तात्पर्य है उनके शरीर को उचित पोषण देना। इसके अलावा, इस बात का भी ध्यान रखें कि छह माह के बाद शिशुओं के दूध के दांत निकलने शुरू हो सकते हैं। जो इतने सख्त नहीं होते हैं कि वो खाने को अच्छे से चबा सकें।

    इसीलिए आप अपने शिशु के ठोस आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं, जिसे चाबने के लिए बच्चे को अधिक मेहनत न करनी पड़े। जैसे- सूप, जूस, हलवा, दलिया, ओट्स, फ्रूट्स, उबली हुई सब्जियां आदि।

    और पढ़ें : 1 साल के शिशु को आप खिला सकती हैं ये 7 चीजें

    मुझे अपने शिशु को ठोह आहार कब और कितना खिलाना चाहिए?

    अगर आपका नवजात बच्चा छह माह का है, तो आप उसके डायट में ठोस आहार की मात्रा सिर्फ एक बड़ा चम्मच ही शामिल करें। जिसे दिन में दो बार खिला सकते हैं। इसके बाद शिशु के डायट और पाचन क्रिया के आधार पर आप इसे दो से चार चम्मच भी कर सकते हैं।

    कैसे शुरु करें शिशुओं के लिए ठोस आहार की डायट

    याद रखें यह एक समय लेने वाली प्रक्रिया है। आपके बच्चे को सॉलिड फूड को निगलने के तरीके को सीखने के लिए समय चाहिए। पहले तो आपका बच्चा अभी भी ब्रेस्ट मिल्क और फॉर्मूला से अपना अधिकांश पोषण प्राप्त कर रहा होगा। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स कम से कम 12 महीने तक स्तनपान या फॉर्मूला जारी रखने की सलाह देता है।

    आप अपने बच्चे को पहले थोड़ा दूध या फार्मूला देकर फीडींग शुरू कर सकती हैं। उसके बाद थोड़ा सॉलिड फूड और फिर थोड़ा ब्रेस्टफीड और फॉर्मूला के साथ खत्म कर सकती हैं।

    शिशुओं के लिए ठोस आहार की हेल्दी डायट

    ज्यादातर डॉक्टर माता-पिता से कहते हैं कि वे अपना बेबी सॉलिड फूड बना सकते हैं। अपने बच्चे को सही खाने की शुरुआत करने के लिए फलों, सब्जियों और अनाज से शुरु करें।

    यहां आपके बच्चे के लिए अच्छे, पौष्टिक और ठोस भोजन के विकल्प बताए गए हैं, जिसे आप आसानी से बच्चे को दे सकते हैंः

    • आप ब्राउन राइस से शुरू करें। ये जरूर देखें कि आपका बच्चा दूध के बाद किसी दूसरे टेक्सचर को अपना सकता है। बच्चा ब्रेस्टफीडिंग का आदी है और इसकी तुलना में उसे चावल अलग लग सकते हैं। सबसे पहले आपका बच्चा खाने के बाद उसे पलट सकता है या उसे निगलने में सक्षम नहीं हो सकता है। शुरुआत में बच्चे के लिए चावलों की कंसीटेन्सी को पहले पतला रखने की कोशिश करें, फिर इसे धीरे-धीरे इसे गाढ़ा करें।
    • केले, सेब या नाशपाती को उसकी डायट में एड करें।
    • स्क्वैश, मटर और गाजर जैसी सब्जियां भी बच्चों को दें।

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    शिशुओं के लिए ठोस आहार और सेफ्टी टिप्स

    बच्चे को सॉलिड फूड देते समय इन सावधानियों को ध्यान में रखें

    • शिशु का भोजन जो 48 घंटे से अधिक समय तक खुले में रखा है, तो उसे वह खाना ना खिलाएं, साथ ही डिब्बे में स्टोर किया हुआ खाना भी शिशु को ना दें।
    • गाजर, बीट, शलजम या पालक से बनी प्यूरी से बचें, क्योंकि इनमें वेज नाइट्रेट की मात्रा अधिक होती है।
    • आपके द्वारा गर्म किए गए किसी भी खाने की चीज को ठीक से ठंडा करें और बच्चे को खिलाने से पहले उसका तापमान जांचें।
    • नट, बीज, किशमिश, हार्ड कैंडी, अंगूर, कड़ी कच्ची सब्जियां, पॉपकॉर्न, पीनट बटर और हॉट डॉग पहले साल अपने बच्चे को इन खाने की चीजों को देने से बचें।
    • उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनसें ज्यादा एलर्जी का खतरा हो सकता है जैसे भैंस का दूध, अंडे, नट्स, पीनट बटर (इसे निगलना भी मुश्किल है), ताजा स्ट्रॉबेरी, मछली और दूसरे सी-फूड।

    शिशुओं के लिए ठोस आहार की डायट शुरू करने के लिए बेस्ट ऑप्शन है फ्रूट प्यूरी

    जैसा कि हम जानते हैं कि बेबी के विकास के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है ब्रेस्टमिल्क। लेकिन एक समय बाद बच्चों को सॉलिड फूड पर शिफ्ट करना ही पड़ता है। ऐसे में पेरेंट्स के दिमाग में सबसे पहला सवाल यही आता है कि बच्चे के लिए पहला सोलिड फूड क्या होना चाहिए, जिससे बच्चे को जरूरी पोषण मिल जाएं और उनको वह पसंद भी आए। ऐसे में आपके लिए फ्रूट प्यूरी एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। फ्रूट प्यूरी को तैयार करना भी आसान होता है और यह बच्चे को जरूरी पोषण भी देता है। ऐसी ही कुछ फ्रूट प्यूरीज हैं:

    शिशुओं के लिए ठोस आहार – एप्पल प्यूरी

    एप्पल प्यूरी बनाने के लिए आधा सेब और एक चुटकी दालचीनी लें। इसके बाद सेब को छिलकर स्टीमर से स्टीम कर लें। सेब के स्टीम हो जाने के बाद इसे ब्लैंडर में मैश कर लें। अच्छे से मैश होने के बाद इसमें थोड़ी सी दालचीनी भी मिला दें और बस आपके बच्चे के लिए एप्पल प्यूरी तैयार है।

    शिशुओं के लिए ठोस आहार – केले की प्यूरी

    केले की प्यूरी तैयार करने के लिए आपको एक केले, ब्रेस्टमिल्क और पानी की जरूरत होगी। पानी, ब्रेस्टमिल्क और केले को ब्लैंडर में डालकर मैश कर लें और फ्रेश ही सर्व करें।

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    नवजात शिशुओं के लिए ठोस आहार – पपीते की प्यूरी

    पपीते की प्यूरी बनाने के लिए पका हुआ पपीता लें। इस पपीते को सिरके मिले पानी से अच्छे से धो लें। इससे पपीते पर लगे बैक्टिरिया हट जाएंगे। इसके बाद पपीते को काट कर इसके बीज निकालें और इसे अंदर से साफ कर लें। इसके बाद इसे टुकड़ों में काटकर इसे ब्लैंडर में मैश करके इसकी प्यूरी बना लें।

    और पढ़ें : 1 साल तक के शिशु के लिए कंप्लीट डायट चार्ट

    नवजात शिशुओं के लिए ठोस आहार – मैंगो प्यूरी

    मैंगो प्यूरी बनाने के लिए एक छिले हुए आम को छील कर उसकी गुठली निकाल लें। इसके बाद आम और योगर्ट को मिला कर इसे ब्लैंडर में मैश कर लें। आपके बच्चे के लिए मैंगो प्यूरी तैयार है।

    जीवन भर के लिए अच्छा खान-पान

    जब आप बहुत सारे फलों और सब्जियों के साथ बच्चों के खानें मे बदलाव शुरू करते हैं, तो आप उसे स्वस्थ आदतें सीखाते हैं। भविष्य में भी ऐसे बच्चे खाने में ज्यादा नखरें नहीं दिखाते।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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