मेडिकल रिसर्च का मानना है कि मां के गर्भ में पलने के दौरान से ही अंगूठा चूसना शुरू कर देते हैं। शिशु गर्भावस्था के 29वें हफ्ते से ही अंगूठा मुंह में डालकर चूसना शुरू कर देते हैं। जिनमें से 30 से 50 फीसदी शिशुओं में यह आदत जन्म के बाद भी बनी रह सकती है।
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बच्चे का अंगूठा चूसना क्या हानिकारक हो सकता है? (Side effects of Thumb sucking)
बच्चे का अंगूठा चूसना वैसे तो एक सामान्य स्थिति और आदत मानी जा सकती है। हालांकि कुछ स्थितियों में यह बच्चे के लिए जोखिम भरा भी हो सकता है। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वैसे-वैसे उनका शारीरिक विकास भी तेजी से बढ़ने लगता है, इस दौरान उनके दांतों का विकास और नाखूनों का तेजी से बढ़ना भी शुरू हो सकते हैं। जो शिशु को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह कुछ स्थितियां हैं, जो बच्चे का अंगूठा चूसना खतरनाक बना सकती हैं, जिसमें शामिल हैंः
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दातों का अंदर धसना
शिशु का अंगूठा चूसना कई बार उनके उनके लिए दर्द भरा भी हो सकता है। जब बच्चे को दांत निकलना शुरू होता है, तो अक्सर वो हर चीजों को मुंह में डालकर उसे काटने की कोशिश करते हैं। इस दौरान वे कई बार अपने अंगूठे को भी काट सकते हैं। इसके अलावा, अगर बच्चा लंबे समय तक अंगूठे को चूसता है, तो इसके कारण उसके दांंत टेड़े-मेड़े भी हो सकते हैं। तो भविष्य में समस्या का कारण भी बन सकते हैं।
शिशु में तोतला पन
अगर बच्चा चार साल की उम्र तक लगातार अंगूठा चूसता रहा है, तो भविष्य में उसकी यह आदत मां-पिता के साथ-साथ उसके लिए भी एक बड़ी समस्या हो सकती है। हर समय मुंह में अंगूठा होने के कारण बच्चा तोतला हो सकता है। उसे बोलने में कठिनाई महसूस हो सकती है।
पैरोनीचिया की समस्या