पहले महीने में नवजात बच्चे का चेकअप करने के दौरान मुख्य रूप से वेट, लेंथ और हाईट नापी जाती है। आप इस दौरान डॉक्टर से कुछ सवाल पूछ सकती हैं जैसे कि फीडिंग कितनी बार कराना सही है? या फिर 24 घंटे के दौरान बच्चे को क्या फॉर्मुला फीड (formula feed) की जरूरत पड़ सकती है? बच्चे को डकार कैसे दिलाई जाए? बच्चा दिन में कितनी बार यूरिन पास और पॉटी कर सकता है आदि। आप अगर पहली बार मां बनी हैं तो आपको जानकारी नहीं होगी कि बच्चा कितने घंटे सोता है। शिशु का कितना रोना ठीक है? आदि कुछ सवाल आप डॉक्टर से पूछ सकती हैं।
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नवजात बच्चे का चेकअप के एक साल के बाद ये बात रखें ध्यान
एक साल के बाद बच्चे की जांच 18 महीने, दो साल, तीन साल और 4 साल के दौरान की जाती है। डॉक्टर आपको ये भी सलाह दे सकता है कि बच्चे को स्कूल में भेजने से पहले एक बार उसका डेंटल चेकअप भी करवा लें। बच्चे का तीन साल और चार साल के दौरान वैक्सिनेशन जरूर कराएं। स्कूल में भी समय-समय पर बच्चों का चेकअप और वैक्सिनेशन कैंप लगाया जाता है।
शिशु के होने के बाद माता-पिता पर कई तरह की नई जिम्मेदारियां आ जाती हैं। उन्हीं में से एक है नवजात बच्चे का चेकअप भी है। पेरेंट्स सुनिश्चित करें कि शिशु का हेल्थ चेकअप हमेशा समय पर होता रहे। इससे यह पता चलता रहेगा कि आपका शिशु सही तरीके से विकसित हो रहा है या नहीं। अगर न्यू बॉर्न शिशु को कोई भी समस्या होती है तो आप उसे जल्दी पता लगा सकते हैं। इससे किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए उपचार बेहतर तरीके से संभव हो पाता है।
इन जांचों के दौरान नवजात शिशु को अगर किसी आवश्यक टीकाकरण की आवश्यकता होगी तो भी डॉक्टर आपको पहले से पहले अवगत करा देंगे। इसके अलावा आप अपने चिकित्सक से शिशु की देखभाल कैसे करें। इससे संबंधित भी कुछ टिप्स ले सकते हैं। बच्चे को चेकअप के साथ वैक्सिनेशन की कब जरूरत है? इसके बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें। वैक्सीन या चेकअप संबंधी अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।
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