अब यह प्रश्न उठता है कि शिशु को कितने बार डकार दिलाएं। एक्सपर्ट्स की मानें तो शिशु को हर फीडिंग के बीच में डकार दिलाएं। यदि आप ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं तो ब्रेस्ट बदलने से पहले शिशु को डकार दिलाएं। आप हर राउंड में एक मिनट का अंतराल ले सकती हैं। इससे शिशु को राहत मिलेगी।
हम यही कहेंगे कि शिशु को डकार दिलाना उसकी सेहत के लिए अच्छा है। नियमित रूप से शिशु को डकार दिलाना चाहिए। कई बार शिशु को थपकी देने पर उन्हें डकार नहीं आती। इसे लेकर आपको घबराने की जरूरत नहीं है। इस प्राॅसेस के लिए आप घर के बड़ों की भी मदद ले सकती हैं।
चूंकि स्तनपान के बाद शिशु के पेट में गैस बनती है, इसलिए उसे डकार दिलाई जाती है। लेकिन शिशु को गैस होने के और भी कई कारण हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :
कोलिक से बनती है शिशु के पेट में गैस
चौथे महीने के दौरान शिशु एक हफ्ते में तीन दिन तक तीन घंटे से ज्यादा रोता है। ऐसा तीन हफ्तों तक चलता है। इसे कॉलिक कहा जाता है। हालांकि, कोलिक के पीछे शिशु के पेट में गैस का बनना कारण नहीं होता है। यदि आपका बच्चा कोलिक में है तो वह ज्यादा रोएगा, जिसकी वजह से उसके पेट में ज्यादा हवा भी जाएगी। इसके परिणामस्वरूप पेट में गैस बनेगी। रोते वक्त शिशु के पेट पर दबाव पड़ता है। कोलिक में ज्यादा रोने से उनके पेट में दर्द हो सकता है।
मां का आहार
बच्चे के आहार और दूध के साथ-साथ में को भी अपने आहार का पूरा ध्यान रखना चाहिए। मां जो कुछ भी खाती है, उसी आहार का पोषण मां के ब्रेस्ट मिल्क के जरिए शिशु का आहार बनता है। ऐसे में अगर मां कुछ ऐसा खाती है, जो गैस बनने का कारण हो सकता है, तो उससे शिशु के पेट में गैस की समस्या हो सकती है।