आपका शिशु सात सप्ताह का हो गया है, अब वे पहले से भी ज्यादा आपको पहचानने लगा होगा। अब तक, वे आपकी आवाज से ही आपको पहचानते थें। माता—पिता की अवाज शिशु को अकेले न होने का एहसार दिलाती है। इसलिए आप उनसे बात करते रहें, भले ही वह आपकी बातें न समझ सकें, लेकिन वे महसूस जरूर कर सकते हैं।
इस सप्ताह में, आपका शिशु ये कर सकता है:
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इस सप्ताह के दौरान आपका शिशु दिन में अधिक जागता है । आप इस समय का उपयोग करके उसे संगीत बजाकर या अपनी पसंदीदा लोरीयां सुनाकर शिशु की इंद्रियों को विकसित करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि वे शायद इसे समझ न पाएं, लेकिन फिर भी वे शांत रहेंगे और जो आप गाएंगे उस पर प्रतिक्रिया देंगे। आप पॉप या शास्त्रीय संगीत गाकर उसपर बच्चों की प्रतिक्रिया देख सकती हैं कि वह ज्यादा क्या पसंद करते हैं।
इस समय तक शिशु आपसे पूरी तरह जुड़ चुका होता है। उससे हमेशा बात करते रहें। इससे आपको आपके शिशु के साथ जुड़ने में मदत मिलेगी और उसे यह महसूस होता रहेगा कि आप उसकी तरफ हैं।
आपके बच्चे के स्वास्थ्य के आधार पर, डॉक्टर परीक्षण का समय तय करेगा। हालाँकि, आप उन्हें इस सप्ताह डॉक्टर के पास ले जाते हैं, तो कृपया निम्नलिखित मुद्दों पर अपने डॉक्टर से सलाह लें:
शिशु के विकास, भोजन और नींद सब सही है या कोई बदलावा की जरूरत है।
शिशु की सेहत को लेकर डॉक्टर की क्या प्रतिक्रिया है, क्या उसे किसी अन्य टीकाकरण की जरूरत है?
यहाँ कुछ चीजें हैं, जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए:
शायद आपको जानकार आश्चर्य हो, लेकिन 1 साल से कम उम्र के बच्चों में भी मुँहासे हो सकते हैं। शिशु को मुँहासे, जो लगभग 40 प्रतिशत शिशुओं को प्रभावित करते हैं, यह आमतौर पर दो से तीन सप्ताह से शुरू होते है और चार से छह महीने तक रहते हैं। इसका कारण निश्चित रूप से कोई नहीं जानता है, लेकिन यह मुख्य तौर पर कि हार्मोनल समस्याओं के कारण होते हैं। क्योंकि शिशु के त्वचा छिद्र पूरी तरह से विकसित नहीं होती है, जिससे बाहर की गंदगी और कीटाणु आसानी से त्वचा में प्रवेश कर संक्रमण का कारण बनते हैं। इसे दिन में दो तीन बार धोकर साफ़ कपडे से पोछ लें। यह कुछ महीनों में दाग के साथ गायब हो जाते हैं। आप चाहें तो अपने डॉक्टर से भी सलाह ले सकते हैं।
अपनी आँखों के सामने शिशु की त्वचा का बदलता हुआ रंग कई बार आपको डरा सकता है, लेकिन यह सामान्य है। ये शिशु के अपरिपक्व सर्कुलेटरी सिस्टम के कारण हो सकता है, जिससे कई बार शिशु के शरीर के आधे हिस्से में रक्त जमा हो जाता है और शरीर के उस हिस्से का रंग भी अलग हो जाता है। लेकिन यह कुछ समय में सही भी हो जाता है।
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हर समय इन सभी सुरक्षा युक्तियों का पालन करना सुनिश्चित करें:
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यहाँ कुछ चीजें हैं जिनके बारे में आपको सावधान रहना चाहिए:
कई बार आपकी चिंता यह भी हो सकती है कि शिशु को कैसे झुलाएं। क्योंकि हर बच्चा अलग होता है। कुछ बच्चे झूले में ज्यादा आरामदायी महसूस करते हैं और आसानी से सो जाते हैं, तो वहीं कुछ झूले के बिना भी संतुष्ट होते हैं। अपने बच्चे के व्यव्हार को पहचान आप सही निर्णय लें सकते हैं। वैसे हर शिशु का शुरुवाती समय ऐसा होता है जहां झूला उसे शांत कराने में और राहत देने में मदत कर सकता है। जब शिशु सो जाएं तो उसे झुलाना बंद कर दें, क्योंकि ऐसे में कई बार कंबल शिशु के चेहरे या गले पर आ सकता है जिससे शिशु को घुटन महसूस हो सकती है।
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जब भी आप शिशु को बाहर ले जाएं तो उसे मौसम के अनुसार उचित कपडे पहनाएं। मौसम में बदलाव की संभावना होने पर शिशु को अच्छे से ढांक लें। ज्यादा गर्म या ठंडे मौसम में शिशु के साथ बाहर कम निकलें। शिशु को सीधे धुप के संपर्क में न लाएं और कार में सफर करते समय शिशु की सीट पर सही से बैठने की व्यवस्था करें। आप शिशु बेल्ट का उपयोग भी कर सकती है,जिससे शिशु के गिरने या अन्य हादसे की संभावना को कम किया जा सकता है।
अगर आप 7 सप्ताह के शिशु से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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