आपका शिशु अब लगभग सारी चीजें देख सकता है। उसका संवाद कौशल्य भी काफी तेजी से विकसित हो रहा होता है। वह अपनी प्रतिक्रिया अब भिन्न भिन्न तरह की आवाजें निकलकर जताते हैं।
चौबीसवें सप्ताह तक आपका शिशु यह सब कर सकता है;
क्योंकि इस समय शिशु का संवाद कौशल्य तेजी से विकसित हो रहा होता है। वह हर दिन कुछ न कुछ नया सीखते हैं। आप उन्हें ज्यादा बोलने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं। जब भी वह कुछ कहें उसपर प्रतिक्रिया दें। इससे शिशु को हौसला बढ़ता है और वह आपसे ज्यादा बात करने की कोशिश करता है।
इस सप्ताह आपके डॉक्टर आपको अस्पताल नहीं बुलाते हैं। अगर आपके कोई सवाल हो तो अगली मुलाकात पर वह आप अपने डॉक्टर से पूछ सकती हैं।
यहां कुछ चीजें हैं जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए।
डॉक्टर इस सप्ताह हेपेटाइटिस बी, टेटनस, पोलियो, खांसी और रोटावायरस के टीके लगवाने की सलाह दे सकते हैं। जहां न्यूमोकोकल के टीके उन्हें बैक्टीरिया मेनिन्जाइटिस, निमोनिया और कान के संक्रमण से लड़ने में मदद करेंगे; वहीं हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी और रोटावायरस वैक्सीन पेट की बिमारियों को पैदा करने वाले कीटाणुओं से लड़ेंगे। इसके अलावा वे इन्फ्लूएंजा का टीका भी ले सकते हैं।
कई बार डॉक्टर और इंजेक्शन को देखकर शिशु दर सकता है। इसलिए शांत रहें और शिशु का ध्यान बटाने के लिए शिशु से बातें करते रहें। ताकि उसका ध्यान आपकी और लगा रहे और डॉक्टर को टीके लगाने में आसानी हो। टीकाकरण के बाद रोते शिशु को चुप कराने के लिए उसे बोतल या पेसिफायर दे दें। कई अध्ययन बताते हैं की स्तनपान करने से शिशु जल्दी शांत हो जाते हैं।
लेकिन टीकाकरण इस बात की पूरी जमानत नहीं देता कि आपका शिशु उस बीमारी से सुरक्षित रहेगा। लेकिन यह उन बीमारियों से लड़ने के लिए आपके शिशु के शरीर को तैयार करने में मदत करता है। टीकाकरण के बाद अपने शिशु का निरिक्षण करें और किसी भी तरह के असाधारण बदलाव दिखाई देने पर अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
अगर परिवार में किसी को एलेर्जी की शिकायत हो तो डॉक्टर शिशु के लिए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं;
जब आपका शिशु बैठने लायक हो जाता है तब आप उसे बाहर घुमाने ले जा सकते हैं। इसके लिए आप बेबी स्लिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रहे बेबी स्लिंग में अपने शिशु को सही से क्लिप से बांधकर बैठाएं ताकि वह वहां से गिरे नहीं। आपका शिशु इस सैर को बेहद पसंद करेगा।
यहां कई चीजें हैं जिनका ख्याल आपको रखना चाहिए।
शिशु को कप का इस्तेमाल करना सिखाने के कई फायदे हैं। जैसे कि, उसे यह पता चलता है कि स्तनपान के अलावा भी कई और आहार के विकल्प हैं। वह बोतल से खुद दूध पी सकता है। दूध के अलावा जूस या अन्य पेय भी वह खुद ही पी सकता है। यह कुछ नुस्खें हैं जो शिशु को कप पकड़ना सीखने के लिए काम आते हैं;
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