backup og meta

अपने 25 महीने के बच्चे की देखभाल के लिए आपको किन जानकारियों की आवश्यकता है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/06/2021

अपने 25 महीने के बच्चे की देखभाल के लिए आपको किन जानकारियों की आवश्यकता है?

विकास और व्यवहार

मेरे 25 महीने के बच्चे (25 Months baby) को अभी क्या-क्या गतिविधियां करनी चाहिए?

किसी भी चीज की कल्पना करना और फिर बात करना प्री-स्कूलर्स बच्चों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। अगर आपका बच्चा भी ऐसा करता है तो यह अच्छी बात है लेकिन, एक बात का ध्यान रखें कि यह कल्पना किसी डर के कारण न हो। दो साल के बच्चे सभी प्रकार की इच्छाशक्ति विकसित कर सकते हैं क्योंकि वे मानसिक छवियों को बनाने में सक्षम होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस उम्र में कुछ बच्चों को टीकाकरण (Vaccination) का दर्द (Pain) याद रहता है, जिसकी कल्पना वह अक्सर कर लिया करते हैं और रोने (Cry) लगते हैं। ऐसा भी देखा जाता है कि इंजेक्शन (Injection) के दर्द की कल्पना करके बच्चे अक्सर डर जाते हैं और अजनबी लोगों के सामने जाने से भी कतराते हैं।

25 महीने के बच्चे का दिमाग (25 Months baby brain) काफी सक्रिय रहता है और वह बाहरी दुनिया से कई तरह के कनेक्शन बनाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि 25 महीने के बच्चे कब, कैसे और क्यों जानने की काफी इच्छा रखते हैं। दरअसल 25 महीने के बच्चे काफी सवाल पूछते हैं और दुनिया के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। यह वो उम्र है जब बच्चे नई चीजें ढूंढने की कोशिश करते हैं चाहे वो किसी से बात करने के जरिए हो या फिर आपसे सवाल पूछना। ऐसा करने से बच्चा ज्यादा देर तक बिजी रहता है और ज्यादा शब्दों को पहचानने की कोशिश करता है। 

और पढ़ें : मिट्टी या नाखून खाता है आपका लाडला, कहीं यह पाइका डिसऑर्डर तो नहीं

25 महीने के बच्चे (25 Months baby) को किन चीजों के लिए तैयार करना चाहिए ?

25 महीने के बच्चे की देखभाल के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करना चाहिए। जैसे:

  • एक खिलौना स्टेथोस्कोप, थर्मामीटर के साथ एक विशेष “डॉक्टर बैग’ साथ लाएं, ताकि आपका बच्चा डॉक्टर, डॉक्टर वाला गेम (Game) खेल सके। इतना ही नहीं आपका बच्चा डॉक्टर का किरदार आसानी से निभा सके इसलिए उसे रोगी के तौर पर एक गुड़िया या फिर कोई गुड्डा दें। 
  • गेम खेलते वक्त बच्चों से बात करें कि आगे क्या होने वाला है? जैसे हम पहले बड़ी मेज पर जाएंगे, फिर अपना नाम बताएंगे और फिर साइड में किताब (Books) पढ़ते हुए अपनी बारी का इंतजार करेंगे। ध्यान रखें इस उम्र में आप जो बच्चों को खेल सिखाएगें वह उसे अपने असल जीवन में लागू करेगा।
  • डॉक्टर के पास प्रशिक्षण के दौरान अपने दो साल के बच्चे को गोद में ही बैठा कर रखें। 
  • अपने 25 महीने के बच्चे को सिखाएं कि कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए। 
  • बच्चों से कभी ऐसे वादे मत करें जो असल में पूरे नहीं हो सकते हैं। जैसे आप डॉक्टर के पास जा रहे हैं तो बच्चे से कभी ये मत कहें कि आपको इंजेक्शन (Injection) नहीं लगेगा, किसी तरह की दवाई नहीं मिलेगी। 
  • 25 महीने के बच्चे (25 Months baby) का विकसित और शिक्षित करने के लिए क्या करें?

    • अगर आपका बच्चा घर में या घर के आसपास किसी चीज को ढूंढने की कोशिश करता है तो उसे ऐसा करने दें। 
    • इस वक्त बच्चों की इंद्रियां काफी उत्तेजित होती है। बच्चे का मन मिट्टी, रेत या घर के फर्श पर खेलने का करता है। अगर आपका बच्चा भी ऐसा ही करता है तो उसे ऐसा करने दें।
    • इस उम्र में बच्चों को नई जगहों पर लेकर जाइए। जैसे-मार्केट, पूल, चिड़ियाघर (Zoo) और अन्य जगहों पर साथ घूमाने लेकर जाएं।
    • बच्चे के आसपास हमेशा किताबें रखें, उसे घर के पास किसी लाइब्रेरी में लेकर जाएं। ऐसा करने से आपका बच्चा पढ़ने (Childs study) के लिए प्रेरित होगा और उसे बचपन से ही नई चीजों को ढूंढने की आदत होगी।

    और पढ़ें : World Television Day : बच्चे के चिड़चिड़े होने का कारण कहीं TV तो नहीं

    डॉक्टर के पास कब जाएं?

    25 महीने के बच्चे (25 Months baby) से जुड़े किन विषयों पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए?

    घर में रहने वाले छोटे बच्चों का अक्सर चेकअप (Body checkup) करवाते रहना चाहिए। अगर आपने अपने 2 साल के बच्चे का चेकअप पिछले महीने करवाया है तो एक महीने के बाद दोबारा डॉक्टर के पास जाएं और चेकअप करवाए। अगर इस दौरान आपको बच्चे के व्यवहार (Babies behaviour) में किसी तरह का बदलाव नजर आता है और आपको लगता है कि यह एक चिंता की बात है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    डॉक्टर को क्या बताएं?

    आप शायद सोच रहे हैं कि आपको कब और कैसे बच्चों को खुद पॉटी करने की ट्रेनिंग देनी चाहिए। पॉटी की ट्रेनिंग (Potty training) हर उम्र के बच्चों के लिए अलग हो सकता है। हालांकि कुछ माता-पिता के लिए बच्चों को पॉटी ट्रेनिंग शुरू करवाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। अगर आपको भी किसी तरह की परेशानी होती है, तो इसके सुझाव नीचे दिए गए हैंः

    • बच्चों को पॉटी करने के लिए फोर्स न करें। हो सकता है कि वह कुछ देर से खुद पॉटी करना सीखें। अगर आप उन्हें डराकर यह ट्रेनिंग देते हैं तो वह डर सकता है। 
    • उसे नीचे ढक्कन के साथ टॉयलेट सीट पर बैठाने की कोशिश करें। इस दौरान बच्चों से पॉटी के बारे में बात करें कि यह क्यों जरूरी है? सुबह उठने के बाद पॉटी करना जरूरी है।
    • बच्चों के सामने किताब पढ़ें, उसे पढ़ाने की कोशिश करें। आप उसे पॉटी चेयर पर बिठाकर किताब पढ़ाने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपके बच्चे का दिमाग (Babies brain) शांत होगा और वह आसानी से इस प्रक्रिया को सीख पाएगा।
    • अगर बच्चा यह प्रक्रिया पहली बार करने में सफल हो जाता है तो उसे उपहार के तौर पर कुछ दें। जैसे उसका फेवरेट स्नैक्स या फिर कोई चॉकलेट। आप चाहे तो बच्चे को पॉटी का प्रोसेस पूरा करने के बाद उसे थोड़ी देर मोबाइल (Mobile) और आईपैड (Ipad) दे सकते हैं, ताकि उसका मन लग जाए और वह रोजाना सही तरीके से इसको दोहराने की कोशिश करें। 
    • यदि आप ऐसा करने में नाकामयाब रहते हैं तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। आप एक बार विफल होने के बाद निराश होना नहीं चाहिए, बल्कि उस प्रक्रिया को बार-बार दोहराना चाहिए। 
    • अक्सर देखा जाता है कि जब आप निराश होते हैं तो अपना नियंत्रण खो देते हैं। इसलिए आपको शांत और स्ट्रेस फ्री (Stress free) रहने की जरूरत है। 

    और पढ़ें : नींद की दिक्कत के लिए ले रहे हैं स्लीपिंग पिल्स तो जरूर पढ़ें 10 सेफ्टी टिप्स 

    क्या उम्मीद करें?

    25 महीने के बच्चे (25 Months baby) के स्वास्थ्य से संबंधित और किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए ?

    छोटी-सी ही उम्र में आपको बच्चे को खाने पीने की सही आदत लगाने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि वह आने वाली लाइफ में समस्याओं से बच सके। छोटी-सी ही उम्र में बच्चों को कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) और वसा (Fat) युक्त खाने का सेवन करने से बचाना चाहिए। इसी उम्र में बच्चे के शरीर में अच्छे वसा का जाना जरूरी है और उसे बुरे वसा (Bad fat) से बचाकर रखना भी आवश्यक है। इसका मतलब है कि आप उसे फुल-फैट दूध पिला सकते हैं, लेकिन उसे चिप्स, फ्रेंच फ्राइज और कुरकुरे जैसी चीजों से दूर रखें। 

    25 महीने के बच्चे को फाइबर युक्त भोजन देने की आवश्यकता है। आप बच्चों के खाने में साबुत अनाज, फलियां, फल और सब्जियों (Green vegetables) की मात्रा बढ़ा सकते हैं। आप चाहे तो प्रोटीन (Protein) के सोर्स मछली (Fish) और मीट को भी बच्चे के खाने में शामिल कर सकते हैं। बच्चे के खाने में यह चीजें शामिल करने मतलब बिल्कुल नहीं है कि आप उसके खाने में इतनी एहतियात बरतें कि वह परेशान हो जाएं। उसे कभी-कभी चॉकलेट (Chocolate) जैसी चीजें भी खाने के लिए दें। 

    बच्चों की देखभाल (Babies care) के दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनके हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए आपको हेल्दी फैट, शारीरिक तौर पर एक्टिव रहने की जरूरत है। इसलिए हमेशा बच्चों को खाने में क्या देना है इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें, ताकि उसके शरीर में प्रचुर मात्रा में फाइबर (Fiber) और प्रोटीन जा सके। 

    [mc4wp_form id=’183492″]

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Dr. Pooja Bhardwaj


    Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/06/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement