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बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर: इस तरह से मैनेज किया जा सकता है इस समस्या को?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर: इस तरह से मैनेज किया जा सकता है इस समस्या को?

    बच्चों की स्किन को कई तरह की कंडिशंस प्रभावित कर सकती हैं जैसे डायपर रैश (Diaper Rash), डर्मेटाइटिस (Dermatitis), वार्ट्स (Warts) आदि। यह समस्याएं अधिकतर सामान्य होती है, जो उपचार के बाद आसानी से ठीक हो जाती हैं। लेकिन, यह कुछ बीमारियां गंभीर भी हो सकती हैं। इन्हीं सामान्य स्किन कंडिशंस में से एक है बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) की परेशानी। टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor) स्किन की आउटर लेयर में होने वाला एक सामान्य फंगल इंफेक्शन है। आइए जानें बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) क्या है। इसके निदान और उपचार के बारे में भी जानें ।

    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर क्या है? (Tinea Versicolor in kids)

    क्या आपने अपने बच्चे की त्वचा पर डिसकलर्ड स्मॉल पैचेज (Discolored small patches) को नोटिस किया है? अगर यह पैचेज स्प्रेड हो रहे हों, तो यह टिनिया वेर्सिकोलोर स्किन इंफेक्शन (Tinea Versicolor skin infection) हो सकता है। हालांकि, बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) की समस्या सामान्य नहीं है। क्योंकि अक्सर यह परेशानी युवावस्था के बाद शुरू होती है। लेकिन, यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। यह समस्या संक्रामक नहीं होती है और इसका उपचार पूरी तरह से संभव है। बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) के कारण उनकी त्वचा पर डिसकलर्ड स्मॉल पैचेज (Discolored small patches) नजर आते हैं। यह पैचेज बच्चों की छाती, पीठ, बाजू के नीचे, अपर आर्म्स के ऊपर या गर्दन और चेहरे पर हो सकते हैं।

    यह पैचेज व्हाइटसे पिंक और हलके से गहरे तक हो सकते हैं। टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor) को पीटरायसेस वर्सीकलर (Pityriasis versicolor) भी कहा जाता है। इस परेशानी के कारण बच्चों को कोई दर्द या अन्य समस्या नहीं होती है। लेकिन, इससे वो शर्म महसूस कर सकते हैं और उनके आत्मविश्वास पर असर पड़ सकता है। इसके उपचार के लिए  डॉक्टर एंटीफंगल क्रीम, लोशन या शैम्पू की सलाह दे सकते हैं। जानिए, क्या हैं बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) के लक्षण?

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    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर के लक्षण (Symptoms of Tinea Versicolor in kids)

    इस बीमारी में ग्रोइंग यीस्ट से एसिडिक ब्लीच के कारण प्रभावित त्वचा का रंग अलग हो जाता है। इसके कारण विभिन्न स्पॉट्स और पैचेज बन जाते हैं। इस इंफेक्शन के कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:

    • सफेद, पिंक, लाल या भूरे रंग के पैचेज, जो त्वचा के आसपास लाइटर या डार्क रंग के हो सकते हैं।
    • इन स्पॉट्स का अन्य त्वचा की तरह टैन न होना।
    • जब यह स्पॉट टैन हों, तो अधिक ब्लडी नजर आएं।
    • यह स्पॉट शरीर में कहीं भी हो सकते हैं लेकिन अधिकतर गर्दन, छाती, पीठ और बाजुओं में नजर आते हैं।
    • कई बार यह स्पॉट्स ड्राय और स्केली होते हैं और इनमें इचिंग या अन्य समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, ऐसा होना असामान्य है।
    • यह स्पॉट्स ठन्डे मौसम में गायब हो सकते हैं लेकिन गर्म और नमी वाले मौसम में यह बदतर हो सकते हैं।

    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) के लक्षणों को पहचानना जरूरी है। क्योंकि, इसके लक्षण अन्य कुछ कंडिशंस की तरह भी हो सकते हैं। यह समस्याएं इस प्रकार हैं:

    • विटिलिगो (Vitiligo): विटिलिगो वो रोग है, जिसमें त्वचा का रंग बदल जाता है।
    • पिटिरियेसिस रोजिया (Pityriasis rosea): यह वो रैश है जिसके कारण रोगी के शरीर पर ट्री शेप के स्पॉट्स हो जाते हैं।

    ऐसे में अगर आपको बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) का कोई भी लक्षण नजर आए,तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अब जान लेते हैं इस समस्या के कारणों के बारे में।

    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर

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    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर के कारण (Causes of Tinea Versicolor in kids)

    जैसा की पहले ही बताया गया है कि यह एक फंगल इंफेक्शन (Fungal Infections) है, जो यीस्ट के कारण होता है। यीस्ट सामान्यतया स्मॉल अमाउंट में त्वचा पर रहते हैं। यह समस्या तब होती है, जब यीस्ट बहुत अधिक बढ़ जाते हैं और ओवरग्रो करते हैं।  टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor) का कारण बनने वाले यीस्ट को मालासेजिया (Malassezia) कहा जाता है। यह यीस्ट सामान्यतया हेल्दी स्किन में रहते हैं। इनकी ओवरग्रोथ के कारण यह समस्या हो सकती हैं। कुछ स्थितियां यीस्ट के अधिक फैलने का कारण बन सकते हैं, जैसे

    क्योंकि, यीस्ट सामान्य रूप से त्वचा पर ग्रो करते हैं। ऐसे में, बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) की समस्या संक्रामक नहीं होती है। यह समस्या किसी को भी हो सकती है। लेकिन, टीनएज और युवा लोगों को यह समस्या होने की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में इस समस्या के लक्षणों को पहचानना और इनका सही समय पर निदान जरूरी है। जानिए, कैसे हो सकता है इस समस्या का निदान?

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    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर का निदान कैसे हो सकता है? (Diagnosis of Tinea Versicolor in kids)

    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले बच्चे से उसकी हेल्थ हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे। इसके साथ ही बच्चे शारीरिक जांच भी की जाएगी। इसके साथ ही कुछ अन्य टेस्ट्स की सलाह भी दी जा सकती है, जैसे:

    • वुड लैंप एग्जामिनेशन (Wood lamp examination): वुड लैंप एग्जामिनेशन को ब्लैक लाइट एग्जामिनेशन भी कहा जा सकता है। इस टेस्ट में डॉक्टर अल्ट्रावॉइलट लाइट (Ultraviolet Light) का इस्तेमाल करते हैं। अगर किसी को टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor की समस्या है, तो इस लाइट के कारण उस व्यक्ति की त्वचा का प्रभावित एरिया फ्लोरोसेंट कॉपरी ऑरेंज कलर (Fluorescent coppery orange color) का हो जाएगा।
    • माइक्रोस्कोपी (Microscopy): पोटैशियम हाइड्रोक्सायड (Potassium hydroxide) का प्रयोग करके माइक्रोस्कोपी से भी बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) का निदान संभव है। इस टेस्ट के लिए डॉक्टर आपकी स्किन से सेल्स को रिमूव करेंगे और उसे पोटैशियम हाइड्रोक्सायड (Potassium hydroxide) में सोक करेंगे। उसके बाद इसका माइक्रोस्कोप के नीचे जांच की जाएगी।
    • स्किन बायोप्सी (Skin biopsy): स्किन बायोप्सी (Skin Biopsy) में भी डॉक्टर प्रभावी स्किन का सैंपल लेंगे और उसकी जांच की जाएगी। इन टेस्ट्स के अलावा भी इस समस्या के निदान के लिए अन्य टेस्ट्स की सलाह दी जा सकती है। अब जानिए कैसे संभव है इस परेशानी का उपचार?

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    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर का उपचार (Treatment of Tinea Versicolor in kids)

    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) के उपचार के लिए डॉक्टर ऐसे शैम्पू के प्रयोग की सलाह दे सकते हैं जिसमें सेलेनियम सल्फाइड (Selenium sulfide) हो। यह शैम्पू आपको आसानी से मिल जाएगा। अगर यह ट्रीटमेंट काम नहीं करता है, तो आपके डॉक्टर आपको एंटीफंगल या डैंड्रफ शैम्पू की सलाह भी दे सकते हैं। आपको इस शैम्पू को अपने बच्चे की प्रभावित स्किन पर लगाना है। इसके अलावा डॉक्टर इसके उपचार के लिए टॉपिकल एंटीफंगल क्रीम्स (Topical antifungal creams) या ओरल एंटीफंगल मेडिसिन्स (Oral antifungal medicines) भी दे सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि उपचार के बाद आपके बच्चे कि त्वचा कुछ समय तक ठीक हो जाए और उसके बाद यह समस्या फिर से हो जाए।

    ऐसे में, डॉक्टर आपको बच्चे की त्वचा पर समय-समय पर इस शैम्पू के इस्तेमाल के लिए कह सकते हैं, ताकि यह समस्या फिर से न हो। इस समस्या के उपचार के बाद आपके बच्चे की त्वचा का रंग सामान्य हो जाएगा, हालांकि इसमें कई महीने लग सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लेना न भूलें। अब जानिए कि इस समस्या को कैसे मैनेज किया जा सकता है?

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    बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर को कैसे मैनेज करें? (Management of Tinea Versicolor in kids)

    इस समस्या का बार-बार होना बहुत सामान्य है। क्योंकि, जिस यीस्ट के कारण यह समस्या होती है, वो हमारी त्वचा पर सामान्य रूप से होती है। यह समस्या आपके बच्चे को फिर से न हो, इसके लिए रोगी को कुछ महीनों तक हर हफ्ते में एक बार केवल दस मिनटों के लिए मेडिकेटेड क्लीन्ज़र के प्रयोग की सलाह दी जाती है। इन क्लीन्ज़र की आपके बच्चे को बहुत अधिक जरूरत होगी, अगर उसे बार-बार यह समस्या हो रही हो। खासतौर, पर अगर आप गर्म और नमी वाले एरिया में रहते हैं। बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) को मैनेज करने में यह तरीके भी आपके लिए बेहद लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं:

    • अपने बच्चे के लिए ऑयली स्किन प्रोडक्ट्स (Oily skin products) का इस्तेमाल करने से बचें।
    • बच्चे को अधिक देर तक सूरज की रोशनी में न रहने दें। इससे समस्या बढ़ सकती है या बदतर हो सकती है।
    • कुछ दिनों तक एंटी-फंगल शैम्पू (Anti-fungal shampoo) का इस्तेमाल रोजाना करें।
    • बच्चों के लिए किसी अच्छे सनस्क्रीन शैम्पू (Sunscreen shampoo) और क्रीम का इस्तेमाल करें। इसमें डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं।
    • बच्चों को ढीले कपडे पहनाएं। उन्हें ब्रीदेबल फैब्रिक्स पहनाएं जैसे कॉटन, ताकि उन्हें कम पसीना आए

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    यह तो थी बच्चों में टिनिया वेर्सिकोलोर (Tinea Versicolor in kids) के बारे में जानकारी। बच्चों में सबसे पहले इस समस्या के लक्षणों को पहचानना जरूरी है। अगर आपके बच्चे में एक बार इस समस्या का निदान हो जाता है, तो यह समस्या बार-बार उन्हें हो सकती है। युवावस्था में तो यह समस्या चरम सीमा पर हो सकती है। आप कुछ चीजों का ध्यान रखकर और डॉक्टर की सलाह का पालन करने के बाद इस समस्या से काफी हद तक राहत पा सकते हैं। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात अवश्य करें।

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