बच्चे के पहले महीने के दौरान लोशन या क्रीम की जरूरत नहीं होती है। शिशु की त्वचा सेंसिटिव होती है। अडल्ट के लिए बनाए गए प्रोडक्ट में डाई, फ्रेगरेंस और क्लींजर हो सकते हैं, जो बच्चों की त्वचा के लिए बहुत हार्श हो सकते हैं। बेबी पाउडर का इस्तेमाल करने से बचें यह बच्चों में फेफड़ों की परेशानी पैदा कर सकता है।
बच्चों की त्वचा की देखभाल के लिए मसाज
मसाज ना सिर्फ बच्चे की बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करती है ब्लकि यह बॉन्ड भी मजबूत बनाती है। बच्चे को नैचुरल ऑइल से मसाज करना उसकी स्किन को पोषण देता है। इसके लिए सामान्यत: नारियल का तेल उपयोग किया जाता है। नारियल का तेल बेहद गुणकारी है। बच्चों की मालिश के लिए कमर्शियल ऑयल जिसमें सुगंध और कैमिकल का उपयोग होता है अवॉइड करना चाहिए। इनके उपयोग से बच्चे की स्किन पर रिएक्शन हो सकता है।
बच्चों को डायपर रैशेज से बचाएं
डायपर रैशेज तभी होते हैं जब बच्चों को गंदे और गीले डायपर को लंबे समय तक पहनाकर रखा जाता है। अगर डायपर बहुत टाइट है और अगर शिशु की ब्रांड के डायपर के प्रति एलर्जिक हैं तो आपको डायपर को तुरंत बदलना होगा। क्योंकि इससे इंफेक्शन होने की संभावना हो सकती है। बच्चे के लिए ऐसे डायपर का चुनाव करें जो सॉफ्ट और सोखने वाला हो। हालांकि रैशेज का होना कोई गंभीर बात नहीं है लेकिन ये लंबे समय तक बने रहते हैं तो बच्चों के डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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सूरज की रोशनी
जन्म के शुरुआती दिनों में बेबी को डायरेक्ट सनलाइट में नहीं लेकर आना चाहिए। इससे बच्चों को सनबर्न हो सकता है। अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं और बच्चा लंबे समय तक धूप में रहने वाला है तो उसे पूरी बांह के कपड़े, फुल पैंट पहनाएं और केप लगाएं। साथ ही खुले हुए हिस्से में बेबी सेफ सनस्क्रीन लगाना बेहतर रहेगा। जब बच्चा बड़ा हो जाए तो उसे कुछ समय के लिए धूप में ले जाया जा सकता है। इससे विटामिन डी मिलता है।