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स्तनपान के दौरान टैटू कराना चाहिए या नहीं?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 30/07/2020

    स्तनपान के दौरान टैटू कराना चाहिए या नहीं?

    क्या स्तनपान कराने वाली मां को टैटू बनवाना चाहिए ? आजकल टैटू (Tattoo) बनवाना फैशन हो गया है। लोग गर्दन से लेकर पैरों की अंगुलियों तक टैटू बनवा रहे हैं। लेकिन, ये स्तनपान  कराने वाली मां के लिए सही नहीं है।  एक मां के लिए उसके शिशु का स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोप्परी है।स्तनपान के दौरान टैटू कराने से कई तरह के जोखिम हो सकते हैं। इस बारे में सेलेब्रिटी टैटू आर्टिस्ट विकास मलानी ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि स्तनपान के दौरान टैटू बनवाना मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए सही नहीं है। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में हम स्तनपान के दौरान टैटू कराने से जुड़ी बातों पर बात करेंगे।

    स्तनपान के दौरान टैटू क्यों नहीं बनवा सकते हैं?

    स्तनपान कराने वाली महिला को हमेशा टैटू आर्ट से बचना चाहिए। टैटू बनाने में प्रयोग होने वाली मशीन की सुई त्वचा में स्याही भरने के लिए एक मिनट में शरीर को कई बार छेदती है। टैटू द्वारा बने हुए घाव को ठीक होने में ही 30 दिन लगते हैं। डिलिवरी के तुरंत बाद मां के शरीर में कई तरह की क्षति होती है। ऐसे में टैटू बनवाने से मां की रिकवरी में दिक्कतें आ सकती हैं।

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    डिलिवरी के बाद टैटू कराने का सही समय क्या है?

    विकास मलानी ने यूं तो सीधे-सीधे इस बात को खारिज कर दिया है कि एक गर्भवती या ब्रेस्ट फीडिंग मां को टैटू नहीं बनवाना चाहिए। लेकिन, अगर मां को टैटू बनवाने का बहुत मन है तो उसे तब तक टैटू नहीं कराना चाहिए, जब तक कि वो बच्चे को स्तनपान करा रही हो। स्तनपान छुड़ाने के बाद मां  टैटू बनवा सकती हैं।

    स्तनपान कराते समय टैटू बनवाने से होने वाले जोखिम

    विकास मलानी ने बताया कि टैटू एक ऐसी  प्रक्रिया है, जिसमें स्याही को त्वचा के दूसरी परत (Second Layer) में डाला जाता है। तकनीकी रूप से टैटू में प्रयुक्त होने वाली स्याही त्वचा के अंदर जमा हो जाती है। कुछ टैटू कंपनियां तो गर्भावस्था या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ऑर्गैनिक स्याही (Organic Ink) से टैटू कराने की सलाह देते हैं, लेकिन वह भी मां और बच्चे के लिए अधिक सुरक्षित नहीं है।

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    स्तनपान कराते समय टैटू कराने से होते हैं ये खतरे

    भले ही टैटू दिखने में काफी स्टाइलिश और कूल लगते हैं, लेकिन इसके कई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप स्तनपान के दौरान टैटू करवाने का सोच रही हैं, तो इसके साइड इफेक्ट्स को नजरअंदाज बिल्कुल न करें। स्तनपान के दौरान टैटू बनवाने से मुख्यतः दो तरह के खतरे हो सकते हैं।

    1- संक्रमण का खतरा

    टैटू कराने के बाद त्वचा का खास ध्यान रखना होता है। यदि मां टैटू बनवाती है और सही से त्वचा का ख्याल नहीं रखती है, तो टैटू वाले स्थान पर सूजन और दाने होने का खतरा हो सकता है। जोकि चर्म रोग पैदा करने के सा​थ बच्चे को नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए बेहतर है कि स्तनपान के दौरान टैटू करवाने बचें।

    2- हेपेटाइटिस और एचआईवी का खतरा

    टैटू बनवाते समय अगर टैटू आर्टिस्ट ने सही तरीके या सफाई के साथ टैटू नहीं बनाया तो मां को हेपेटाइटिस एचआईवी होने का खतरा होता है। हेपेटाइटिस से ग्रसित होने पर बच्चे में हेपेटाइटिस का संक्रमण हो सकता है। इसलिए पूरा प्रयास करें कि गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान टैटू न बनवाएं।

    आइए अब जानते हैं कि स्तनपान के दौरान टैटू कराने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

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    स्तनपान के दौरान टैटू बनवाने से पहले इन बातों का ध्यान

  • टैटू बनवाने से पहले टैटू आर्टिस्ट से मिलकर टैटू संबंधित सभी जानकारियां ले लें। उसके बाद, ही टैटू बनवाने का निर्णय करें।
  • अपनी त्वचा के अनुसार डॉक्टर की सलाह पर ही टैटू कराना चाहिए।
  • टैटू बनवाते समय टैटू मशीन में प्रयोग होने वाली सुई से लेकर स्याही और अन्य उपकरणों को अपने सामने तैयार कराएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि सुई नई होनी चाहिए और स्याही भी साफ होनी चाहिए।
  • टैटू आर्टिस्ट को हाथ धो कर ही टैटू करने को कहें।
  • टैटू बनवाने के बाद टैटू आर्टिस्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन जरूर करें। टैटू बनवाने के बाद उसका ध्यान रखें, क्योंकि एक टैटू को ठीक होने में लगभग 30 दिनों का समय लगता है। इसके अलावा, टैटू वाले स्थान पर सीधे धूप न पड़ने दें, साथ ही साफ सफाई का भी ध्यान रखें।
  • खुद ही बनाएं अस्थायी टैटू (Temporary Tatoo)

    आजकल टैंपरेरी टैटू का चलन भी काफी बढ़ गया है। अगर आप स्तनपान कराती हैं और आपका टैटू बनाने का मन करता है तो आप टैंपरेरी टैटू की ओर रुख कर सकती हैं। आपको टैंपरेरी टैटू में भी काफी अच्छे-अच्छे डिजाइन मिल जाएंगे और आपका स्तनपान के दौरान टैटू कराने का शौक भी पूरा हो जाएगा। मेंहदी या हिना अमूमन महिलाएं हाथों पैरों पर लगाती हैं। लेकिन, अगर आपको टैटू जैसा लुक चाहिए तो बाजार से अच्छे क्वालिटी की मेंहदी ले कर आएं और खुद मनचाही डिजाइन बनाएं। मां और बच्चे के लिए मेंहदी सुरक्षित है। अच्छे रंग के साथ आपको टैटू जैसा लुक भी देगा। आप जब और जहां चाहें हिना  से टैटू बना या बनवा सकती हैं।

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    स्तनपान के दौरान हटवा सकते है टैटू?

    मेडिकल साइंस के मुताबिक टैटू हटवाने का सबसे सही और आसान तरीका है लेजर विधि। लेजर विधि से टैटू हटाते समय डॉक्टर सुन्न करने वाले जेल का प्रयोग करते हैं। जिससे टैटू हटवाते समय दर्द नहीं होता है। यूं तो इस प्रक्रिया को स्तनपान कराने वाली महिला भी अपना सकती हैं और अभी तक इसके कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं। लेकिन, फिर भी आप अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही टैटू हटवाने की प्रक्रिया को अपनाएं।

    बच्चे का स्वास्थ्य एक मां के लिए अव्वल है तो फैशन के लिए अपने बच्चे को बीमारी देने से अच्छा है कि उसे स्नेह दें। टैटू आप बाद में भी करा सकती हैं। जरूर याद रखें स्तनपान छुड़ाने के बाद ही टैटू बनवाएं। स्तनपान के दौरान टैटू ना तो आपके लिए सुरक्षित है और ना ही बच्चे के लिए।

    उम्मीद है स्तनपान के दौरान टैटू कराने से संबंधित आपकी कनफ्यूजन दूर हो गई होगी। अगर आपके मन में इससे जुड़े और कोई सवाल हैं, तो हमसे हमारे सोशल मीडिया पेज पर पूछ सकते हैं। आशा करते हैं कि यह आर्टिकल आपके काम आएगा।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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