स्तनों से मिल्क निकालने के लिए ब्रेस्ट मिल्क पंप का इस्तेमाल करना चाहिए। ब्रेस्ट मिल्क पंप दो प्रकार के होते हैं।
1- मैन्युअल ब्रेस्ट पंप (Manual Breast Pump)
इस तरह के मैन्युअल ब्रेस्ट पंप को खुद से ही संचालित कर के इस्तेमाल करना होता है। इस पंप से दूध निकालने से लेकर उसको स्टोर करने तक का काम स्वयं ही करना होता है। सही तरह से पंप का इस्तेमाल न करने से ये ज्यादा प्रभावी नहीं होता है। ऐसा इसलिए भी है कि इसे मैन्युअली प्रयोग करना होता है जिससे पूरी मात्रा में दूध निकल नहीं पाता है। इसके बाद निकले हुए दूध को ब्रेस्ट मिल्क स्टोरिंग पैक में भर कर फ्रीज कर दें।
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2- इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप (Electric Breast Pump)
इस तरह का ब्रेस्ट पंप कामकाजी महिलाओं के लिए ज्यादा आसान है। इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप बिजली या बैट्री से संचालित होता है। इसका फायदा यह है कि मां कम समय में जल्दी दूध निकाल कर संग्रहित कर सकती है। इसे मां एक साथ दोनों स्तनों पर लगा कर इस्तेमाल कर सकती है। इसके बाद ब्रेस्ट मिल्क स्टोरिंग विधि को अपना कर दूध को सुरक्षित रख सकती हैं।
हो सकता है कि शुरुआती दिनों में ब्रेस्ट मिल्क पंप से अधिक दूध न निकल रहा हो, ऐसे में महिला को परेशान नहीं होना चाहिए। आप इस बारे में डॉक्टर से सलाह भी ले सकती हैं। डॉक्टर मेडिसिन की हेल्प से समस्या को हल कर देते हैं। आपको मिल्क पंपिंग करने से पहले सफाई का बहुत ध्यान रखना चाहिए। आप हाथों को सैनिटाइज करने के बाद ही दूध निकालें। आप पहले ब्रेस्ट की मालिश (Massage) करनी चाहिए ताकि दूध आराम से निकल सके। अगर आप ब्रेस्ट मिल्क पंप का यूज नहीं कर रहे हैं तो आप हाथों का यूज भी कर सकते हैं, लेकिन इसमें आपको ज्यादा समय लग सकता है। ब्रेस्ट मिल्क पंप का यूज करने के दौरान असहज महसूस करने पर आप डॉक्टर को जानकारी दे सकती हैं। कई बार गलत तरीका भी दर्द का कारण बन सकता है। बेहतर होगा कि आप दोनों स्तनों से दूध को निकालें।
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ब्रेस्ट मिल्क स्टोरिंग के लिए ब्रेस्ट मिल्क पंप (Breast Milk Pump) कैसे काम करता है?
दोनों तरह के पंप दबाव के कारण काम करते हैं, जिसे आम भाषा में वैक्यूम कहा जा सकता है। मैन्युअल पंप हो या इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप, दोनों वैक्यूम दबाव के कारण काम करते हैं। मैन्युअल ब्रेस्ट पंप को मां स्तन पर लगा कर अपने हाथों से पंप करती हैं। जिससे बनने वाले दबाव से दूध पंप से जुड़े बोतल में भरने लगती है। इसी तरह से इलेक्ट्रिक ब्रेस्ट पंप (Electric Breast Pump) भी काम करता है। इसका रख-रखाव भी काफी आसान है और महिला इसे अपने हिसाब से वैक्यूम दबाव के साथ इस्तेमाल कर सकती हैं। मार्केट में कई प्रकार के ब्रेस्ट मिल्क स्टोरिंग पंप (Breast Milk Storing) मिलते हैं, जिनके अपने फायदे और नुकसान होते हैं। आपको ब्रेस्ट मिल्क पंप खरीदते समय उसकी क्वालिटी के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए ताकि बाद में आपको दिक्कत का सामना न करना पड़े।
स्तन दूध की स्टोरिंग करते समय इन बातों का रखें ध्यान
आपको बताते चले कि ब्रेस्ट मिल्क को स्टोर कर बच्चे को पिलाना कोई बुरी आदत नहीं है और न ही इससे उसकी गुणवत्ता में कोई फर्क पड़ता है। ब्रेस्ट मिल्क को निकालने के बाद कमरे के तापमान में 2 से 4 घंटे रखा जा सकता है, वहीं ब्रेस्टमिल्क को फ्रिज में रखकर आप उसे 24 घंटे बाद भी यूज कर सकते हैं। स्टोरिंग के दौरान बहुत सावधानी रखने की जरूरत होती है। साथ ही इस बात का ख्याल रखने की भी जरूरत है कि आप जिस ब्रेस्ट मिल्क पंप का यूज कर रहे हो, वो बिल्कुल साफ हो। ब्रेस्ट पंप को खोलकर साफ करें व उसे स्टरलाइज जरूर करें। ऐसा करने से बच्चे को आप गंदगी से होने वाली बीमारी से बचा सकते हैं। वैसे तो बाजार में ब्रेस्ट पंप बीपीए केमिकल रहित प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आप भी ब्रेस्ट मिल्क पंप खरीदते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें। साथ ही ब्रेस्ट मिल्क पंप खरीदते समय ये भी ध्यान दें कहीं ये हाथों से फिसल तो नहीं रहा है। अगर ऐसा है तो अपनी सुविधानुसार आप ब्रेस्ट मिल्क पंप खरीदे।
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