छोटे बच्चे का खानपान सही है या नहीं? जानने के तरीके
छोटे बच्चे का खानपान सही होने पर वह कम रोता है। इसके अलावा, फीडिंग ठीक रहने पर उनका व्यवहार शांत होता है। शिशु का खानपान ठीक रहने का यह मतलब नहीं कि सभी बच्चे ज्यादा एक्टिव रहें। कुछ बच्चे फीडिंग ठीक रहने पर भी बिस्तर पर ज्यादा एक्टिव नहीं रहते हैं। इसके अतिरिक्त, छोटे बच्चे का खानपान सही रहने पर उसके दो से तीन बार बॉवेल मूवमेंट होंगे। वहीं, एक वर्ष के बच्चे बिस्तर पर ज्यादा नहीं खेलते हैं लेकिन, फिर भी वह रोते नही हैं। फीडिंग ठीक रहने की स्थिति में शिशु मां या अन्य के पुकारने पर किलकारी मारेगा या हंसेगा।
छोटे बच्चे का खानपान ठीक रहे इसके लिए क्या करना चाहिए?
छोटे बच्चे का खानपान ठीक रहे इसके लिए उनकी डायट पर ध्यान देना जरूरी है। बच्चों को किनवा और कीवी जैसे एग्जॉटिक्स फूड या बाहर की चीजें ना खिलाएं। सीजनल और लोकल फूड ही दें। बच्चे की खाने की टाइमिंग का खासतौर पर ध्यान रखें। कम समय में एक बार में दो समय का खाना ना खिलाएं। बच्चे के हर मील के बीच में अंतराल होना चाहिए। शिशु और बच्चे को संतुलित मात्रा में ही खाना खिलाएं।
किसी दिन बच्चा कम भी खा सकता है। इसकी पूर्ति अगले दिन की जा सकती है। बच्चे पर हमेशा ज्यादा खाने का दबाव ना डालें। बच्चे को खाने में हमेशा ताजी चीजें ही दें। फ्रोजन फूड प्रोडक्ट्स बिलकुल ना दें। इनमें न्यूट्रिएंट वैल्यू कम हो जाती है। इन्हें स्टोर करने के लिए कुछ कैमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। यह बच्चे की इम्युनिटी के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं क्योंकि, बड़ों के मुकाबले बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है। छोटे बच्चे का खानपान इन बातों से काफी प्रभावित होता है।
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छोटे बच्चे के खानपान में इन बाताें का रखें ध्यान
मानसून सीजन में छोटे बच्चे के खाने में दलिया, खिचड़ी में हरी पत्तेदारी सब्जियां बिलकुल ना मिलाएं। इससे इंफेक्शन हो सकता है। बाकी मौसम में इन्हें जरूर डालें। छोटे बच्चे के खानपान में इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।