बच्चे का पहला स्कूल उसका घर होता है। वहीं अगर बात की जाए ग्रैंडपेरेंट्स के बारे में तो बच्चे अपने दादा-दादी का साथ (Grandparents) मिलने से बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। दादा-दादी का साथ बच्चों के साथ रहना एक अनोखा एहसास है, वह न केवल बच्चे को जीवन की सीख देते हैं बल्कि, बच्चे को प्यार और खुशियां भी देते हैं। हम सबको याद होता है कि जब हम बचपन में हमारी दादी-नानी से कहानियां सुनते थे। इन कहानियों के जरिए वे हमें समाज और जीवन का आईना दिखाते थे। इसके अलावा वे इन कहानियों से हमें अच्छी आदतें सीखाने की भी कोशिश करते थे। कई मामलों में देखा जाता है कि बच्चों का पेरेंट्स के साथ बहुत ही फ्रेंडली रिश्ता बन जाता है। ऐसे में वे अपनी बातें पेरेंट्स के साथ शेयर न करने के बजाय ग्रैंडपेरेंट्स के साथ शेयर करने ज्यादा सहज होते हैं।