वो बहुत ही मुश्किल पल होता है। बच्चे को समझाना आसान नहीं होता है, खासतौर पर तब, जब घर में एक बच्चा चॉकलेट खा रहा हो और दूसरे को आप दे नहीं सकते हैं। बच्चे का मन बहुत मासूम होता है, उसे ये नहीं पता होता है कि उसके लिए क्या सही है और क्या नुकसानदेह है। सामने चाॅकलेट देखकर रिवा की भी जिद शुरु हो जाती है। तो ऐसे में, मैं उसे समझाती हूं कि चॉकलेट खाने से दांतों में कैविटी हो जाती है, समझदार बच्चे ऐसा नहीं करते हैं। लेकिन बच्चे को पूरी तरह से रोकना भी गलत है। इसलिए मैं उसके लिए शुगर फ्री चॉकलेट लेकर रखती हूं। वो भी उसे थोड़ी ही मात्रा में देती हूं। शुगर के साथ उसको दिनभर में देने वाली कैलोरी का भी ध्यान रखना होता है।
Q-5. दूसरे बच्चों की तुलना में उसकी लाइफस्टाइल कितनी अलग है?
बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 diabetes in children) होने पर समस्याएं बढ़ जाती हैं। अब आप एक डायबिटिक लाइफ का अंदाजा लगा ही सकते हैं। नॉमर्ल बच्चों की तुलना में डायबिटिक बच्चों की लाइफ बहुत ही अलग और मुश्किल होती है। वो साधारण बच्चों की तरह डायट नहीं ले सकते हैं और ज्यादा खेल भी नहीं सकते हैं। उसे थकान बहुत जल्दी महसूस होने लगती है। इस के साथ ही रिवा में कई बार मूड स्विंग की समस्या भी देखने को मिलती है।
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Q-6.बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 diabetes in children) होने पर डायट प्लान और एक्सरसाइज के बारे में कुछ बताएं?
वैसे तो खेलना कूदना-बच्चों के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज है। ये तो वो दिन भर करता ही है। इसी के साथ, मैं उसे जंपिंग, कुछ इजी योगा और स्विमिंग जैसी एक्टिविटी जरूर करवाती हूं। लेकिन उसकी डायट प्लान की बात करें, तो ज्यादातर मैं उसे सिपंल फूड देने की कोशिश करती हूं, जैसे कि सुबह के नाश्ते में उसके लिए ब्राउन ब्रेड और पनीर सैंडविच, कभी नमकीन सेवइयां, कभी आटा नूडल्स या बॉयल एग देने की कोशिश करती हूं। इनमें से जो उसका मन करता है, वही बनाती हूं। इसके साथ ही एक फल भी जरूर देती हूं और एक ग्लिास दूध भी। दिन के खाने में मैं उसे 1 मल्टीग्रेन आटे की रोटी, आधी कटोरी दही, आधी कटोरी दाल और थोड़ी से हरी सब्जी खिलाने की कोशिश करती हूं। पर वो इससे थोड़ा ही खा पाता है। इवनिंग स्नैक्स में मैं उसके लिए इडली, सूजी का चीला और रोस्टेड मखाने या होममेड कुकीज देती हूं। कभी-कभी वो जो भी खाने की जिद्द करती हैं, तो उसे थोड़ी मात्रा में वो भी दे देती हूं। ताकि उसका मन रह जाए। अगर मैं रात के डिनर की बात करूं तो उसे बहुत ही लाइट फूड देती हूं, जैसे कि थोड़ी सी दलिया और सब्जियों के साथ बनी खिचड़ी या एक रोटी-सब्जी। ऑयल या जंक फूड, उसे बिल्कुल भी रात में नहीं देती हूं।
Q-7. हो सकता है कि वो डायबिटिज डायट वाला फूड खाकर बोर हो जाता होगा, तो ऐसे में क्या करती हैं?
हां, ऐसा बहुत बार होता है कि वो एक ही प्रकार का खाना खाकर बोर हो जाता है। इसलिए मैं घर में उसके लिए हेल्दी तरीके से जंक फूड को टिव्स्ट कर के बनाने की कोशिश करती हूं, जैसे कि सूजी का बेस बनाकर फिर पिज्जा तैयार करती हूं। जब वो नूडल्स की जिद करता है, तो आटे वाली नूडल्स में सब्जी डालकर उसे हेल्दी तरीके से बनाकर देती हूं। के साथ बनाकर देती हूं। इसी तरह छोले-भटूरे में भटूरे में मैदे के साथ आटा और सूजी मिलकार बनाती हूं। परांठा खाने का मन होता है उसका तो ओट्स का पीसकर आटे में मिला लेती हूं और ऑलिव ऑयल में बनाकर देती हूं। इसी तरह से ओट्स मिक्स कर के भी चीला बनाती हूं। कभी-कभी कुछ डिफरेंट खाने का मन होता है उसका तो मूग दाल के चीले को उपर पनीर कद्दूकस कर देती हूं और थोड़ा सा टोमेटो सॉस डालकर डेकोरेट कर देती हूं। बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 diabetes in children) होने पर खानपान पर ध्यान देना जरूरी है।
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Q-8.आपकी कोई ऐसी ट्रिक है, जिससे आप बच्चे की लाइफ में चॉकलेट की कमी पूरी कर सकती हैं?