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मिल्क एलर्जी (Milk Allergy) में ना पिएं पैकेट वाला फूड
उन्होंने कहा, ‘महिलाएं खुद और बच्चों को पैकेट वाली खाने- पीने की चीजें ना दें। यदि महिलाएं घर से बाहर हैं और उन्हें पैकेट वाला फूड खाना पड़ता है तो एक बार पैकेट के पीछे दिए गए फूड इनग्रीडिएंट को जरूर देख लें।’
मिल्क एलर्जी को ठीक होने में कितना समय लगेगा यह हर बच्चे के इम्यून सिस्टम पर निर्भर करता है। कुछ बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी जल्दी विकसित हो जाता है तो उनमें मिल्क एलर्जी जल्दी ठीक हो जाती है। बच्चे के पांच वर्ष की उम्र तक पहुंचने पर ज्यादातर मामलों में मिल्क एलर्जी ठीक हो जाती है। हालांकि, कुछ बच्चों में यह समय आगे पीछे हो सकता है।
बच्चों में मिल्क एलर्जी (Milk allergy in children) के कारण हो सकता है पेट दर्द और सूजन
पेट दर्द और सूजन बच्चों में मिल्क एलर्जी या लैक्टोज असहिष्णुता के लक्षण हैं। इसके अलावा वयस्कों में भी ये लक्षण समान ही पाए जाते हैं। जब शरीर लैक्टोज को तोड़ने में असमर्थ होता है, तो यह आंत से गुजरता है जब तक कि यह कोलन तक नहीं पहुंच जाता। लैक्टोज जैसे कार्बोहाइड्रेट कोलन की लाइनिंग पर मौजूद कोशिकाओं द्वारा अवशोषिक नहीं किए जा पाते हैं। लेकिन, ये स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले बैक्टीरिया द्वारा टूट सकते हैं, जो वहां मौजूद रहते हैं, जिसे माइक्रोफ्लोरा के रूप में भी जाना जाता है। यह फर्मेनटेशन शॉर्ट-चेन फैटी एसिड और गैसों हाइड्रोजन, मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड के रिलीज का कारण बन सकता है। एसिड और गैसों के रिलीज होने के परिणामस्वरूप पेट में दर्द और ऐंठन हो सकती है। इस अवस्था में दर्द आमतौर पर नाभि के आसपास और पेट के निचले आधे हिस्से में महसूस किया जाता है। इसके आलावा कोलन में पानी और गैस के बढ़ने से सूजन भी महसूस हो सकती है। इसके कारण आंत की बाहरी परत भी स्ट्रेच हो जाती है।
बच्चों में मिल्क एलर्जी (Milk allergy in children) के कारण हो सकती है डायरिया की समस्या
डायरिया में इंसान को बार-बार शौत जाने की जरूरत हो सकती है। इस दौरान मल का स्वरूप तरल हो जाता है। आमतौर पर दिन भर में 200 ग्राम तक मल त्याग करने को डायरिया की श्रेणी में रखा जाता है। लैक्टोज असहिष्णुता कोलन में पानी की मात्रा को बढ़ाकर दस्त का कारण बनता है, जो मल की मात्रा और तरल सामग्री को बढ़ाता है। यह वयस्कों की तुलना में शिशुओं और छोटे बच्चों में अधिक आम समस्या है। कोलन में शॉर्ट चैन फैटी एसिड और गैसों के लिए माइक्रोफ्लोरा लैक्टोज को फर्मेन्ट करता है। इनमें से अधिकांश एसिड को कोलन अबजॉर्ब कर लेता है। लेकिन, यह सभी को नहीं कर पाता है। बचे हुए एसिड के कारण बॉडी में पानी की मात्रा बढ़ जाती है।
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