शिशु और छोटे बच्चों में इंसेफेलाइटिस के लक्षण अलग दिख सकते हैं। यदि बच्चों को निम्न समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करेः
- शरीर में अकड़न
- फोंटनेल का उभरा होना (खोपड़ी में नरम स्थान)
- लगातार रोना
- उल्टी आना
- भूख न लगना
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कारण
इंसेफेलाइटिस के कारण क्या है? (Cause of Encephalitis)
इंसेफेलाइटिस तब होता है जब वायरस, बैक्टीरियल और फंगस सीधे तौर पर मस्तिष्क को संक्रमित (Infection) करते हैं या इम्यून सिस्टम (Immune system) गलती से मस्तिष्क के ऊतकों पर अटैक कर देता है।
प्राइमरी इंसेफेलाइटिस (Primary Encephalitis) के लिए जिम्मेदार वायरस में शामिल हैः
- कॉमन वायरस (Virus) जैसे HSV (हर्प्स सिंप्लेक्स वायरस) और EBV (एपस्टिन बार वायरस)
- चाइल्डहूड वायरस में शामिल हैं मिसल्स और मंप्स
- अरबोवायरस (यह मच्छर, टिक और दूसरे कीटों द्वारा फैलाया जाता है) में शामिल है जापानी इंसेफेलाइटिस (Encephalitis), वेस्ट नाइल इंसेफेलाइटिस और टिक बॉर्न इंसेफेलाइटिस (Born Encephalitis)।
सेकंडरी इंसेफेलाइटिस वायरल इंफेक्शन की जटिलता के कारण होता है। इसमें लक्षण संक्रमण के कई दिनों या हफ्तों बाद दिखते हैं। ऐसे में मरीज का इम्यून सिस्टम (Immune system) हेल्दी ब्रेन सेल्स (Healthy brain cells) यानी मस्तिष्क के ऊतकों को बाहरी वस्तु समझकर अटैक कर देता है। इंसेफेलाइटिस (Encephalitis) के 50 प्रतिशत मामलों में बीमारी के सही कारणों का पता नहीं चल पाता है।
इंसेफेलाइटिस से जुड़े जोखिम (Risk factor of Encephalitis)
इंसेफेलाइटिस का खतरा सबसे अधिक इन्हें होता हैः
- बुजुर्ग
- 1 साल से कम उम्र के बच्चे
- ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर है