डॉक्टर मरीज से उसके लक्षणों के बारे में चर्चा करके फेशियल टिक का निदान करता है। इसके अलावा मरीज की साइकोलॉजिकल स्थिति जानने के लिए वह उसे मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल के पास जाने की भी सलाह दे सकता है। फेशियल टिक (Facial tics) के शारीरिक कारणों को नियंत्रित करना जरूरी है। डॉक्टर आपसे अन्य लक्षणों के बारे में भी पूछता है ताकि वह निश्चित कर सके कि आपको आगे टेस्ट की जरूरत है या नहीं। ब्रेन (Brain) में होने वाली इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को मापने के लिए डॉक्टर EEG टेस्ट की भी सलाह दे सकता है। मसल्स और नर्व से जुड़ी समस्या का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) किया जाता है।
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उपचार
फेशियल टिक का उपचार (Treatment for Facial tics)
फेशियल टिक के ज्यादातर मामलों में उपचार की जरूरत नहीं होती है। यदि आपके बच्चे में फेशियल टिक (Facial tics) विकसित होता है तो उस पर बहुत ध्यान न दें और न ही अनैच्छिक मसल्स मूवमेंट (Muscles movement) और अजीब आवाज निकालने के लिए उसे डांटे। टिक क्या है यह समझने में बच्चे की मदद करें, ताकि वह अपने दोस्तों और क्लासमेट्स को इस बारे में बता सके। उपचार से टिक को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे काफी हद तक नियंत्रिक किया जा सकता है। उपचार के तरीकों में शामिल हैः
- बिहेविरियल थेरेपी (Behavioral therapy), कॉम्प्रिहेन्सिव बिहेविरियल इंटरवेंशन फॉर टिक
- डोपेमाइन ब्लॉकर मेडिकेशन
- स्ट्रेस रिडक्शन प्रोग्राम (Stress reduction program)
- साइकोथेरेपिस्ट (Psychotherapist)
- एंटीसाइकोटिक दवाएं जैसे हेलोपरिडोल (हल्डोल), रिसपेरीडोन (रिस्परडल), एरीप्रिप्राजोल (एबिलाफी)
- एंटीकॉन्वल्सेंट टोपिरामेट (टोपामैक्स)
कुछ स्टडी में ये बात सामने आई है कि डीप ब्रेन स्टिमुलेशन टॉरेट सिंड्रोम के ट्रीटमेंट में मदद कर सकते हैं। डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसमे ब्रेन में इलेक्ट्रोड लगाया जाता है। इलेक्ट्रोड की सहायता से ब्रेन से इलेक्ट्रिकल इंपल्सेस भेजी जाती हैं। इस तरह से ट्रीटमेंट के माध्यम से टॉरेट सिंड्रोम (Tourette syndrome) के लक्षणों से राहत मिल सकती है।
टॉरेट सिंड्रोम (Tourette syndrome) होने पर मस्तिष्क के किस के किस एरिया को स्टिमुलेट करने से ज्यादा ज्यादा इम्प्रूवमेंट हो सकती है, इस बारे में अभी भी रिसर्च की आवश्यकता है। कैनबिस बेस्ड मेडिकेशन ( Cannabis-based medications) का उपयोग भी फेशियल टिक के लक्षणों से राहत दिलाने का काम करता है। कैनबिस बेस्ड मेडिकेशन बच्चों,प्रेग्नेंट महिलाओं या फिर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को नहीं देना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको फेशियल टिक से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर आपके बच्चे के फेस में आपको किसी तरह का परिवर्तन नजर आए या फिर बच्चा अलग तरह से बिहेव करें तो डॉक्टर से जांच जरूर कराएं।