के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
गैलेक्टोसेमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर चीनी को मेटाबोलाइज यानी पचाने में सक्षम नहीं होता है। गैलेक्टोसेमिया (Galactosemia) से प्रभावित व्यक्ति किसी भी प्रकार के डेयरी उत्पादों को पचाने में असमर्थ होते हैं। ऐसे लोगों को गैलेक्टोज यानी मिठास युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। डेयरी उत्पाद (Dairy product) और दूध शरीर में गैलेक्टोज के जमा होने का कारण बनता है। इससे लिवर (Liver), गुर्दे (Kidney), आंखों (Eye) और मस्तिष्क (Brain) की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। वहीं रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार क्लासिक गैलेक्टोसिमिया 1 से 30,000 नवजात शिशुओं में 60,000 में होता है।
यह एक अनुवांशिक बीमारी (Genetic disease) होती है जो पीढ़ियों से चली आती है। शोधकर्ताओं ने कई प्रकार के गैलेक्टोसेमिया की पहचान की है।
· क्लासिक गैलेक्टोसेमिया टाइप-1 (Classic Galactosemia Type 1) इस बीमारी का एक प्रकार है। यह एक आम बीमारी है, लेकिन इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। क्लासिक गैलेक्टोसेमिया (Classic Galactosemia) वाले बच्चों को कम-गैलेक्टोज वाले आहार खिलाकर तुरंत उनका इलाज करना जरूरी होता है। अगर ऐसा नहीं किया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। इस बीमारी से प्रभावित शिशुओं में खाने-पीने में परेशानी, ऊर्जा की कमी (सुस्ती), वजन न बढ़ना , त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का पीला होना (पीलिया) जैसे लक्षण दिखते हैं। इस बीमारी के अन्य गंभीर परिणामों में बैक्टीरिया संक्रमण (Bacterial Infection) (सेप्सिस) भी शामिल है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चों के विकास में देरी, बोलने में परेशानी और बौद्धिक विकलांगता का खतरा बढ़ जाता है। क्लासिक गैलेक्टोसेमिया के चलते महिलाओं को प्रजनन (Female reproductive) समस्याएं हो सकती हैं। गैलेक्टोसिमिया टाइप 2 (Galactosemia Type 2) और टाइप 3 (Galactosemia Type 3) के लक्षण अलग तरह के होते हैं। गैलेक्टोसिमिया टाइप 2 से प्रभावित शिशु को मोतियाबिंद (Cataract) हो जाता है। शरीर में लंबे समय तक चलने वाली कुछ बीमारी भी होती हैं। गैलेक्टोसेमिया टाइप 3 (Galactosemia Type 3) के संकेत और लक्षण गंभीर हो सकते हैं। इसमें मोतियाबिंद, विकास में देरी, बौद्धिक विकलांगता, यकृत रोग और गुर्दे की समस्याएं (Kidney disease) शामिल होती हैं।
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गैलेक्टोसेमिया आम बीमारी नहीं है। यह आयरिश आबादी के बीच देखी जाने वाली है। क्लासिक गैलेक्टोसेमिया 30,000 से 60,000 नवजात शिशुओं में 1 में होता है। गैलेक्टोसेमिया टाइप 2 (Galactosemia Type 2) संभवतः 100,000 नवजात शिशुओं में 1 को प्रभावित करता है और टाइप 3 बहुत दुर्लभ बीमारी है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
गैलेक्टोसेमिया के लक्षण (Symptoms of Galactosemia) कुछ इस प्रकार सामान्य हैं-
इन लक्षणों के साथ-साथ गैलेक्टोसेमिया के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों को इग्नोर ना करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।
अगर दिए गए लक्षणों में से कुछ भी नजर आए तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। हालांकि जन्म के समय ही डॉक्टर को मां से बच्चे को होने वाली इस बीमारी का पता चल जाता है। फिर भी ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
यह एक आनुवांशिक बीमारी है। अगर मां और पिता को ये बीमारी होती है तो बच्चे को भी होने की पूरी संभावना होती है। यह एक जैनेटिक डिसऑर्डर (Genetic disorder) है। यदि माता-पिता में से किसी को ये है तो फिर यह डिजीज बच्चे को भी हो सकता है।
गैलेक्टोज कब विषाक्त (Toxic) हो जाता है-
गैलेक्टोसेमिया गैलेक्टोज एपिमेरेज डेफिशिएंसी (टाइप 3), गेल जीन में उत्परिवर्तन के कारण और एंजाइम यूडीपी-गैलेक्टोज 4-एपिमेरेज (enzyme UDP-galactose-4-epimerase) की कमी के कारण होने वाली बीमारी है। इसलिए अगर आपको इस बीमारी के लक्षण समझ आ रहें हैं, तो देर ना करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।
जैसा कि पहले भी बताया गया है कि डेयरी उत्पाद और दूध की चीजें खाने से गैलेक्टोसेमिया (Galactosemia) की संभावना बढ़ जाती है। इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
यूरिन परीक्षण से इन चीजों के बारे में पता चलेगा-
गैलेक्टोसेमिया टेस्ट नवजात बच्चों के लिए-
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ये जीवन शैली और घरेलू उपचार आपको गैलेक्टोसेमिया से निपटने में मदद
दिला सकते हैं—
बच्चों को खिलाएं।
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