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मीजल्स वैक्सीनेशन से रोकथाम संभव
मीजल्स-रूबेला वायरस गंभीर और जानलेवा बीमारी होती है। हालांकि, रोकथाम के लिए मीजल्स वैक्सीनेशन की मदद ली जा सकती है। यह वैक्सीन बच्चों को तीन बीमारियों खसरा, गलगंड (मंप्स) और रूबेला रोग से बचाता है। मीजल्स वैक्सीनेशन उन लोगों का भी करवाया जा सकता है, जिन्हें ये टीका न लगाया गया हो। बीमारी के दौरान भी ये टीका लगाया जा सकता है। जिन लोगों का मीजल्स वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, उन्हें बीमारी का खतरा अधिक रहता है। ये एक संक्रामक बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं। अगर बच्चों में समय पर ये टीका लगवा दिया दाए तो बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
प्रेग्नेंसी में मीजल्स हो तो बढ़ सकता है खतरा
जिन महिलाओं की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन्हें गर्भावस्था में मीजल्स का खतरा बढ़ जाता है। अगर गर्भवती महिला को प्रेग्नेंसी के समय मीजल्स की समस्या हो जाती है तो उसका असर फीटस पर भी दिख सकता है, इसलिए सावधानी की अधिक आवश्यकता होती है। गर्भवती महिलाओं का मीजल्स के लिए रिस्क बढ़ सकता है और साथ ही कॉम्प्लिकेशन बढ़ने की संभावना भी अधिक हो सकती है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को मीजल्स के साथ ही निमोनिया का खतरा भी बढ़ जाता है। जानिए प्रेग्नेंसी में मीजल्स हो जाने पर कौन-से कॉम्प्लीकेशन बढ़ सकते हैं।
अगर गर्भवती महिला को गर्भवस्था के आखिरी महीने में मीजल्स की समस्या होती है तो ये संभावना अधिक बढ़ जाती है कि होने वाले बच्चे में भी ये संक्रमण हो जाए। बच्चा पैदा होने पर उसके स्किन पर भी रैशेज दिख सकते हैं। न्यू बॉर्न बेबी में मीजल्स होने पर कॉम्प्लीकेशन बढ़ने की संभावना रहती है, कभी-कभी ये जानलेवा भी हो सकता है। अगर आपको गर्भावस्था के दौरान ऐसी शंका हो कि आपको मीजल्स हो गया है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ट्रीटमेंट कराएं। शरीर में किसी भी प्रकार के चकत्ते को अनदेखा न करें, वरना ये आपके साथ ही आपके बच्चे के लिए भी हानिकारक हो सकता है।