प्रेग्नेंसी के दौरान वायु प्रदूषण ऑटिज्म का खतरा बढ़ा सकता है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की शोध में पाया गया कि जो माएं प्रदूषित वायु के संपर्क में ज्यादा थीं उनके बच्चों में ऑटिज्म होने का खतरा दोगुना था। वायु प्रदूषण से बचने से ज्यादा ट्रैफिक के वक्त बाहर निकलने से बचना चाहिए।
जहरीले कैमिकल्स से बचकर रहें (Stay away from toxic chemicals)
प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह के टॉक्सिट कैमिकल्स से संपर्क भी बच्चे को ऑटिज्म का शिकार बना सकता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, कैमिकल्स और खास तौर पर कई तरह के धातुओं से संपर्क ऑटिज्म का खतरा बढ़ाते हैं। किन किन केमिकल्स से ये खतरा होता है ये जानना बेहद कठिन है इसलिए डॉक्टर्स प्रदूषित वातावरण से बचने की सलाह देते हैं। इसके अलावा कैन में पहले पैक किए भोजन, डिओडरेंट्स और एल्युमिनम और प्लास्टिक में पैक पानी से बचने की सलाह दी जाती है।
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जन्म के बाद डॉक्टर बच्चे की जांच के बाद ही बता सकते हैं कि बच्चे में कुछ समस्या है या फिर बच्चा स्वस्थ्य पैदा हुआ है। आपको बिना परेशानी के बच्चे की जांच समय पर जरूर करानी चाहिए। आप डॉक्टर से ऑटिज्म के बारे में अधिक जानकारी लें।
उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में शिशुओं में ऑटिज्म (Autism in babies) से जुड़ी हर मुमकिन जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आपका इससे जुड़ा कोई प्रश्न है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके सवालों का उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।