के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
रेट सिंड्रोम न्यूरोलॉजिकल आनुवांशिक समस्या है। जिसमें व्यक्ति का मस्तिष्क शरीर के अंगों, मांसपेशियों (Muscles), बोलने और आंखों (Eye) आदि के मूवमेंट को नहीं करता है। आसान शब्दों में कहा जा सकता है कि मस्तिष्क यानी कि ब्रेन (Brain) शारीरिक कार्यों को करने में असमर्थ होता है।
रेट सिंड्रोम से ग्रसित बच्चा सामान्य बच्चों की तरह ही पैदा होता है और उसका विकास होता है। लेकिन, छह माह की उम्र आते-आते वह कई काम करने में असमर्थ होने लगता है। जैसे- बोलना, चलना, हाथों का इस्तेमाल करना आदि नहीं करता है। समय बीतने के साथ ही रेट सिंड्रोम के कारण समस्याओं में इजाफा होता जाता है। जो आगे चल कर बौद्धिक दिव्यांगता (Intellectual disability) में बदल जाता है।
रेट सिंड्रोम (Rett Syndrome) एक दुर्लभ समस्या है। ये न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological disorder) लड़कियों को ज्यादा प्रभावित करता है। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
रेट सिंड्रोम के सामान्य लक्षण निम्न हैं :
और पढ़ें : Klinefelter syndrome: क्लाइनेफेल्टर सिंड्रोम क्या है?
ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा अन्य समस्याओं को देखने के बाद तुरंत आपको बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। जैसे :
और पढ़ें : Marfan syndrome : मार्फन सिंड्रोम क्या है?
एक्स X क्रोमोसोम (X Chromosome) में उत्परिवर्तन के कारण रेट सिंड्रोम होता है। इस सिंड्रोम (Syndrome) को उत्पन्न करने वाले जीन के बारे में अभी तक अधिक जानकारी नहीं है। रिसर्चर्स का मानना है कि सिंगल जीन अन्य कई जीन्स को रेट सिंड्रोम उत्पन्न करने के लिए सम्मिलित करता है।
हालांकि, रेट सिंड्रोम (Rett Syndrome) आंनुवंशिक (Genetic) बीमारी है। जो बच्चे में उसके मात-पिता से आती है। अगर किसी लड़के में रेट सिंड्रोम होता है तो वह शायद ही जन्म के बाद जिंदा रह पाए। ऐसा इसलिए होता है कि लड़कों में X क्रोमोसेम (X Chromosome) की संख्या सिर्फ एक होती है और लड़कियों में दो होती है। इसलिए लड़कों के लिए रेट सिंड्रोम का जीन जानलेवा साबित होता है।
और पढ़ें: Chromosome karyotype test : क्रोमोसोम कार्योटाइप टेस्ट क्या है?
रेट सिंड्रोम एक रेयर सिंड्रोम (Rare Syndrome) है। जेनेटिक म्यूटेशन (Genetic mutation) से पैदा होने वाली इस बीमारी के रिस्क फैक्टर के बारे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। कुछ मामलों में आनुवंशिकता जिम्मेदार होती है, जिसमें परिवार के अन्य सदस्यों से रेट सिंड्रोम बच्चे (Child) में आ सकता है।
और पढ़ें: ओरल एलर्जी सिंड्रोम : खाने की चीजों से होने वाली इस एलर्जी के बारे में सुना है आपने?
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
रेट सिंड्रोम ज्यादातर लड़कियों में होता है। इसलिए डॉक्टर गर्ल्स पैटर्न को अपना कर इस सिंड्रोम के बारे में पता करते हैं। क्योंकि ये सिंड्रोम बहुत ही रेयर है तो इसलिए डॉक्टर पहले ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism Spectrum Disorder), सेरिब्रल पैल्सी (Cerebral Palsy), मेटाबॉलिक डिसऑर्डर ((Metabolic disorder) और प्रीनैटल ब्रेन डिसऑर्डर (Prenatal brain syndrome) का पता लगाते हैं। इसके बाद भी स्पष्ट न होने पर जेनेटिक टेस्टिंग (Genetic testing) कराते हैं। इसके आधार पर रेट सिंड्रोम का निदान किया जाता है।
और पढ़ें: कौन से हैं ब्रेन और स्पाइन डिसऑर्डर्स और कैसे होता है इनका उपचार?
रेट सिंड्रोम (Rett Syndrome) का कोई सटीक इलाज नहीं है। ट्रीटमेंट के द्वारा बच्चे का जीवन स्तर सुधारा जा सकता है। जिसे पूरी जिंदगी लगातार करते रहना पड़ेगा।
रेट सिंड्रोम (Rett Syndrome) को ट्रीट करने के लिए आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं :
रेट सिंड्रोम (Rett Syndrome) की थेरिपी को करने के लिए थेरिपी एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है। कुछ लड़कियां स्कूल में सामाजिक व्यवहार के बारे में सिखती हैं। रेट सिंड्रोम के कारण होने वाली कुछ समस्याओं का इलाज दवाओं से भी किया जाता है। वहीं, रेट सिंड्रोम से ग्रसित लड़कियां अधिकतम 20 साल की उम्र तक ही जी पाती हैं।
और पढ़ें: डायबिटीज के लिए एक्यूपंक्चर थेरिपी, कंट्रोल हो सकती है आपकी बढ़ी हुई शुगर
रेट सिंड्रोम के साथ लाइफस्टाइल में बदलाव कर के सामान्य जीवन व्यतीत किया जा सकता है :
इसके अलावा इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।