बच्चे को अपने साथ ग्रुप गैदरिंग पर ले जाएं। इससे आपका बच्चा बार-बार एक ही व्यक्ति से मिलेगा तो उसका शर्मीलापन दूर होगा। साथ ही अजनबियों से मिलने पर होने वाला डर भी दूर होगा।
खेल-खेल में बच्चे को सोशल फोबिया से दूर करें
बच्चे को सोशल फोबिया है या अजनबियों से डरता है तो उसके डर को दूर करने के लिए खेल खेलें। आप एक अजनबी बन जाएं और बच्चे को दोस्ती करने की एक्टिंग करने को कहें। इससे बच्चे को समझ में आएगा कि आत्मविश्वास के साथ दूसरे लोगों से कैसे मिलते है।
सबके सामने न कहें कि ‘बच्चा शर्मीला है’
अक्सर पैरेंट्स दूसरे लोगों के सामने कहते हैं कि “हमारा बच्चा बहुत शर्मीला है।” पैरेंट्स को भले लगता हो कि वे अपने बच्चे का बखान कर रहे हो। लेकिन, इसका बाल मन पर बहुत बड़ा दुष्प्रभाव पड़ता है। बच्चे को लगने लगता है कि वह अजनबियों से बात नहीं कर सकता है। इसके अलावा बच्चे को सोशल फोबिया (Social Phobia in kids) मानते हुए हमेशा वह दबने की कोशिश करेगा।
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आखिरी विकल्प है मनोचिकित्सक
कुछ बच्चे सोशल फोबिया या सोशल एग्जायटी (Social anxiety) से पीड़ित होते हैं। ऐसे बच्चे आपके कोशिशों के बावजूद भी सामान्य रूप से लोगों से घुल मिल नहीं पाते हैं। ऐसे मामलों में किसी मनोचिकित्सक की सलाह जरूर लें। साइकियाट्रिस्ट बिहेवरियल थेरेपी (Behavioural therapy) की मदद से बच्चे का इलाज करता है। जिससे बच्चे के अंदर से सोशल फोबिया (Social phobia) का डर दूर हो जाता है।
डर सबको लगता है, लेकिन बच्चों के मामले में आप आसानी से नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। बालमन बहुत नाजुक होता है। इसलिए अपने बच्चे का साथ दें और उसे सोशल फोबिया से जल्द से जल्द उबरने में मदद करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।