के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) एक प्रकार का जन्म से सम्बंधित दोष है जिसमें दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड ठीक से नहीं बनते हैं। यह एक न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural tube defect) होता है जिसमें रीढ़ की हड्डी की .और आपका दिमाग का विकास ठीक से नहीं होता है। आपको बता दें कि विकासशील भ्रूण में न्यूरल ट्यूब एक ऐसी सरंचना है जो आगे चलकर दिमाग, रीढ़ की हड्डी और उन ऊतकों में बदल जाती है जोकि इन्हें ढकने का काम करते हैं। रीढ़ में यह समस्या कहीं भी हो सकती है, आमतौर पर जन्म के समय इसे बच्चे के पीठ में देखा जा सकता है।
स्पाइना बिफिडा तीन प्रकार के होते हैं (Types of Spina bifida)
1- माइलोमेनिंजोसिले (Myelomeningocele): यह सबसे ज्यादा होने वाला गम्भीर स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) होता है। यह बच्चे के पीठ में मौजूद रीढ़ में कहीं भी एक सैक (sack) होता है जिसमें स्पाइनल कॉर्ड और नर्व्स (Spinal cord and nerves) के कुछ हिस्से होते हैं। ये स्पाइनल कॉर्ड और नर्व्स डैमेज हो जाएंगे। जिन लोगों को स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) की यह समस्या होती है उनमें कोई भी फिजिकल काम करने की क्षमता नही होती है जैसे असंयमित होना और चलने फिरने में दिक्कत होना आदि।
2- मेनिंजोसिले (Meningocele): स्पाइना बिफिडा का यह दुर्लभ प्रकार तब होता है जब बच्चे की पीठ में एक निकास के माध्यम से रीढ़ की हड्डी में मौजूद तरल पदार्थ (लेकिन रीढ़ की हड्डी नहीं) धक्का देती है।
3- स्पाइना बिफिडा ओकुल्टा (spina bifida occulta): यह हल्के टाइप का होता है जिसमें कोई भी किसी तरह की विकलांगता (Disabilities) नहीं होती है। इस समस्या में केवल आपके स्पाइन में एक गैप (Gap) होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसमें स्पाइनल कॉर्ड और नर्व्स का डैमेज नहीं होता है।
यह एक न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural tube defect) होता है, जिसमें रीढ़ की हड्डी और आपका दिमाग का विकास ठीक से नहीं होता है। आपको बता दें कि यूनाइटेड स्टेटस में हर साल 4 मिलियन बच्चे पैदा होते हैं, जिनमें से 1500 से 2000 बच्चे इस स्पाइना बिफिडा से ग्रसित होते हैं।
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स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) के लक्षण हर आदमी में अलग अलग होते हैं।
माइलोमेनिंजोसिले (Myelomeningocele) के लक्षण
स्पाइना बिफिडा ओकुल्टा (spina bifida occulta) के लक्षण
ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से जरुर बात कर लें।
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आपको बता दें कि स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) जैसी समस्या होने के कारण के बारे में अभी पर्याप्त जानकारी नहीं है। हालांकि कुछ अनुवांशिक कारण और पर्यावरण फैक्टर इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसा माना जाता है कि फॉलिक एसिड की कमी जिसे विटामिन बी 9 भी कहते हैं, स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) का कारण हो सकता है।
इसके अलावा और भी कारण हो सकते हैं स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) होने के जैसे;
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स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) के साथ निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं जैसे;
स्पाइना बिफिडा के कारण ऊपर बताई गई परेशानी महसूस हो सकती है, लेकिन अगर पेशेंट किसी अन्य बीमारियों से भी पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
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यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) एक प्रकार का जन्म से सम्बंधित दोष है जिसमें दिमाग और स्पाइनल कॉर्ड ठीक से नहीं बनते हैं। यह एक न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural tube defect) होता है जिसमें सपाइनल कॉर्ड और आपका दिमाग का विकास ठीक से नहीं होता है। इसके निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं।
स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) का इलाज हर इंसान के लिए बिल्कुल अलग होता है क्योंकि इसके लक्षण और इसकी गंभीरता अलग अलग हो सकती है। कुछ केस में खासकर स्पाइना बिफिडा ओकुल्टा (spina bifida occulta) में तो इलाज की भी जरूरत नहीं होती है।
आपको बता दें कि माइलोमेनिंजोसिले (Myelomeningocele) और मेनिंजोसिले (Meningocele) में सर्जरी की जरूरत होती है। यह सर्जरी बेबी के जन्म के बाद हो सकती है। लेकिन कुछ केस में यह सर्जरी तभी हो जाती है जब बेबी गर्भाशय में ही होता है। इन दोनों तरह की सर्जरी के फायदों और नुकसान के बारे में आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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अगर आपको स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) जैसी खतरनाक बीमारी है तो इससे जुड़ी सावधानियां आपको डॉक्टर ही बताएंगे। आपको अपने जीवनशैली में कुछ जरुरी बदलवा करने पड़ सकते हैं। आपको ऐसे खाद्यपदार्थ का इस्तेमाल करना चाहिए जिसमें फॉलिक एसिड की मात्रा पर्याप्त हो जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, नट्स, बीन्स या दूसरी चीजे जिसमें फॉलिक एसिड हो। इसके अलावा आप डॉक्टर के निर्देश के मुताबिक कुछ और फ़ूड सप्लीमेंट ले सकते हैं। इसके अलावा आप एक्सरसाइज भी कर सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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